सिल्वर मेडलिस्ट तुलिका ने कम उम्र में ही खो दिया था पिता को, मां की मेहनत ने बनाया जूडो चैंपियन

Judo - Commonwealth Games: Day 6
Judo - Commonwealth Games: Day 6

23 साल की जूडोका तुलिका को उनके कोच और साथी खिलाड़ी प्यार से सुल्तान बुलाते हैं, क्योंकि उनकी हाइट करीब 6 फुट है। तुलिका बर्मिंघम कॉमनवेल्थ खेलों में सच में सुल्तान बनकर उभरीं और जूडो में महिला 78+ वर्ग का सिल्वर मेडल जीत देश को जूडो का तीसरा पदक दिलाने में कामयाबी हासिल की।

तूलिका दिल्ली में पली-बढ़ी हैं। तुलिका जब 2 साल की थीं तो उनके माता-पिता अलग हो गए थे। तुलिका की उम्र 14 साल ही थी कि उनके पिता की किसी ने हत्या कर दी। इस दुख ने तुलिका और उनकी मां को झकझोर दिया। तुलिका की मां अमृता दिल्ली पुलिस में हैं, ऐसे में तुलिका बचपन में स्कूल के बाद मां के पास पुलिस स्टेशन आती थीं, क्योंकि घर में उनकी देख-रेख के लिए कोई नहीं था।

तुलिका की कद-काठी बचपन से काफी अच्छी थी, और स्कूल के बाद बेटी को पुलिस स्टेशन न आना पड़े, इसलिए मां ने फैसला किया कि बेटी को किसी कॉम्बैट स्पोर्ट में डालेंगी। जूडो सबसे अच्छा ऑप्शन लगा और तुलिका ने जूडोका बनने की तैयारी शुरु कर दी। मां अमृता ने बेटी को आगे बढ़ते देखा तो उसकी ट्रेनिंग के लिए पैसे जोड़ने शुरु किए और कई लोन भी लिए ताकि तुलिका को किसी चीज की कमी न हो।

साल 2017 में तुलिका ने हंगरी की राजधानी बुडापेस्त में विश्व चैंपियनशिप में भाग लेकर अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की। साल 2018 में तुलिका ने जयपुर में हुई कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप का गोल्ड अपने नाम किया। तुलिका ने 2019 में भी इस प्रतियोगिता में जीत दर्ज की।

खेल छोड़ने का मन बनाया

कॉमनवेल्थ खेलों के लिए जब भारत से जूडो के लिए जूडो फेडरेशन ने नाम दिए तो तुलिका की 78+ किलोग्राम वेट कैटेगरी को इनमें शामिल नहीं किया। तुलिका और उनके कोच यशपाल सोलंकी ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया कि उनका चयन हो। लेकिन कोई राह नहीं दिखने पर तुलिका ने जूडो को अलविदा कहने का सोच लिया। आखिर में किस्मत काम आई और तुलिका का नाम अंतिम क्षणों में जोड़ा गया।

तुलिका कॉमनवेल्थ खेलों में अपने जूडो फाइनल में हार के बाद काफी निराश दिखीं और उनकी आंखों से गोल्ड गंवाने के गम में आंसू छलक पड़े। सिल्वर मिलने के बाद तुलिका ने इंटरव्यू में कहा कि वो गोल्ड न मिलने के कारण काफी निराश हैं। लेकिन तुलिका के खेल ने सभी का दिल जीता और उनके सिल्वर ने देश की पदक तालिका में इजाफा किया है।

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Edited by Prashant Kumar