रूपा रानी, लवली चौबे, पिंकी और नयनमोनी साइक्या, ये चार नाम भारतीय खेल इतिहास में दर्ज हो गए हैं। इस चौकड़ी ने 2022 के कॉमनवेल्थ गेम्स में लॉन बॉल्स के वुमेन Fours का गोल्ड मेडल भारत को दिलाया है। खेलों के इतिहास में देश का लॉन बॉल्स में यह पहला मेडल है। देखने में यह खेल की लोगों को आसान लग सकता है, लेकिन बेहद ध्यान, एकाग्रता और प्रैक्टिस के बिना यह जीत मुमकिन नहीं थी। इन चारों खिलाड़ियों ने भी 15-17 सालों की मेहनत के बाद यह मेडल हासिल किया है।
1) रूपा रानी टिर्की - 34 साल की रूपा झारखंड की राजधानी रांची में रहती हैं और राज्य के खेल विभाग में बतौर अधिकारी तैनात हैं। रूपा 2010, 2014, और 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत की ओर से खेल चुकी हैं। 2010 के खेलों में रूपा चौथे स्थानपर रहकर मेडल से चूक गई थीं। 2018 गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ खेलों में भी रूपा Fours टीम का हिस्सा थीं जो क्वार्टरफाइनल तक पहुंची थी।
2) लवली चौबे - झारखंड पुलिस में कांस्टेबल पद पर तैनात लवली भी रांची से हैं। 42 साल की लवली स्कूल, कॉलेज में 100 मीटर फर्राटा दौड़ में भाग लेती थी। 2008 में उन्होंने लॉन बॉल्स की नेशनल चैंपियनशिप में भाग लेकर गोल्ड जीता था।
3) पिंकी सिंह - पिंकी दिल्ली के आरके पुरम के दिल्ली पब्लिक स्कूल में स्पोर्ट्स टीचर हैं और क्रिकेट भी सिखाती हैं। 2010 के दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए इस स्कूल में भी लॉन बॉल्स प्रैक्टिस के लिए मैदान यानि ग्रीन्स बनाया गया। पिंकी ने इसी पर खेलना शुरू किया।
4) नयनमोनी साइक्या - नयनमोनी असम के गोलाघाट जिले की रहने वाली हैं और बचपन से ही इन्हें खेलों में रुची थी। नयनमोनी पहले वेटलिफ्टिंग किया करती थीं लेकिन उनके पैर में एक बार चोट लगी जिस कारण ये खेल छोड़कर उन्होंने लॉन बॉल्स का रुख किया क्योंकि इसमें चोट का खतरा नहीं था। नयनमोनी 2012 में लॉन बॉल्स की अंडर 25 एशियाई चैंपियनशिप का सिंगल्स गोल्ड जीता, 2017 की सिनियर एशियाई चैंपियनशिप में ट्रिपल्स में भी गोल्ड हासिल किया। नयनमोनी 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में भाग लेने वाली महिला Fours टीम का भी हिस्सा थीं।