हाल ही में ‘मेंस फिटनेस’ ने अपनी वेबसाइट पर एक रिपोर्ट को विस्तार से प्रकाशित किया। इस रिपोर्ट में यह बताया गया हैं कि आखिर क्यों यूएस एंटी डोपिंग एजेंसी नें ब्रॉक लैसनर पर एक साल का बैन लगाया। आपको बता दें कि UFC 200 में जीत के बाद ब्रॉक लैसनर ड्रग टेस्ट में फेल पाए गए थे। जिसके बाद यूनाइटेड स्टेट्स एंटी डोपिंग एजेंसी ने ब्रॉक लैसनर पर एक साल का प्रतिबंध लगा दिया है। लॉस वेगास में हुए UFC 200 में मार्क हंट के खिलाफ फाइट से पहले ब्रॉक लैसनर 2 ड्रग टेस्ट में फेल पाए गए थे। ब्रॉक पर प्रतिबंधित पदार्थ क्लोमीफीन के सेवन का आरोप लगा था। लैसनर का सैम्पल ड्रग टेस्ट के लिए UFC 200 शुरु होने से 12 घंटे पहले लिया गया था। इसके बाद इस मामले में नेवाडा स्टेट एथलेटिक्स कमीशन ने जांच की, और जांच में लैसनर दोषी पाए गए। जिसके बाद ब्रॉक लैसनर पर 2 लाख 40 हजार डॉलर का जुर्माना लगा, और उन्हें 1 साल के लिए सस्पेंड कर दिया गया था। लैसनर एक बार UFC पर पूर्व हैवीवेट चैंपियन रह चुके हैं। उन्होंने इस टाइटल पर 15 नवंबर 2008 से 23 अक्टूबर 2010 तक कब्जा जमाए रखा। UFC 200 पर हंट के साथ उनका मुकाबला लगभग 5 साल के अंतराल के बाद हुआ था। ‘मेंस फिटनेस’ की रिपोर्ट के अनुसार लैसनर क्लोमीफीन और इसके मेटाबोलाइट 4-हाइड्रोक्लोमीफीन नामक पदार्थ के सेवन में पॉजीटिव पाए गए, जोकि UFC एंटी डोपिंग पॉलिसी के तहत इसका सेवन करना प्रतिबंधित है। क्लोमीफीन का इस्तेमाल एक तरह से स्टेरॉयड के रुप की तरह होता हैं, लेकिन ऐसा लगता हैं कि लैसनर के मामलें में उन्होंने इसका प्रयोग टेस्टोस्टेरोन के खत्म हो रहे लेवल को बढ़ाने के लिए किया होगा। यूएस एंटी डोपिंग एजेंसी की जांच में ये पाया गया कि, लैसनर ने एस्ट्रोजन ब्लॉकर क्लोमीफीन का सेवन किया था। एथलीट्स द्वारा इस पदार्थ का इस्तेमाल एस्ट्रोजन लेवल को कंट्रोल करने के लिए किया जाता है, और इसे महिलाओं में बांझपन की समस्या के लिए यूज किया जाता हैं। लैसनर UFC में इस साल 15 जुलाई तक प्रतिबंध के कारण मुकाबला नहीं कर पाएंगे, 15 जुलाई 2017 को लैसनर का पर लगा एक साल बैन खत्म हो जाएगा। बहरहाल यह बैन लैसनर को WWE इंवेट पर किसी भी तरह से रोके जाने के लिए मान्य नहीं हैं।