विम्बल्डन में खिलाड़ियों को नहीं मिलेंगे रैंकिंग प्वाइंट, ATP और WTA ने खिलाड़ियों पर बैन के विरोध में उठाया कदम

विम्बल्डन आयोजकों ने रूसी और बेलारूसी खिलाड़ियों पर बैन लगाया था।
विम्बल्डन आयोजकों ने रूसी और बेलारूसी खिलाड़ियों पर बैन लगाया था।

पुरुष और महिला टेनिस की सर्वेसर्वा ATP और WTA द्वारा विम्बल्डन के संबंध में बड़ा फैसला लिया गया है। दोनों ही संघों ने इस साल होने वाली विम्बल्डन प्रतियोगिता में कोई भी रैंकिंग अंक नहीं देने का ऐलान कर दिया है। ये घोषणा विम्बल्डन आयोजकों की ओर से रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों पर लगाए गए बैन के विरोध में की गई है। इसका मतलब यह है कि टूर्नामेंट में भाग लेने वाले किसी भी खिलाड़ी को जीत पर एक भी रैंकिंग अंक नहीं मिलेगा, यानी खिलाड़ियों को ईनामी धनराशि मिल पाएगी, लेकिन टूर्नामेंट के चलते उनकी रैंकिंग में कोई बदलाव नहीं आएगा।

क्षमता के साथ भेदभाव बर्दाश्त नहीं : ATP

ATP की ओर से जारी बयान का अंश।
ATP की ओर से जारी बयान का अंश।

ATP और WTA की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि उनका उद्देश्य है कि कोई भी खिलाड़ी बिना भेदभाव के प्रतियोगिताओं में भाग ले पाए। बयान में साफतौर पर लिखा गया है कि विम्बल्डन द्वारा रूसी और बेलारूसी खिलाड़ियों को बैन किया जाना रैंकिंग सिस्टम के विरुद्ध है। और इसी कारण रैंकिंग सिस्टम को हटाने का फैसला लिया गया है। एटीपी ने साफ किया है कि क्योंकि विम्बल्डन के आयोजन के दौरान रूसी और बेलारूसी खिलाड़ियों के पास अन्य किसी स्पर्धा में भाग लेने का मौका भी नहीं होगा क्योंकि इस दौरान कोई अन्य टूर्नामेंट नहीं होता, इसलिए ये फैसला लिया जाना महत्त्वपूर्ण है।

विम्बल्डन के फैसले के कारण विश्व नंबर 2 मेदवेदेव समेत कई बड़े खिलाड़ी भाग नहीं ले पाएंगे।
विम्बल्डन के फैसले के कारण विश्व नंबर 2 मेदवेदेव समेत कई बड़े खिलाड़ी भाग नहीं ले पाएंगे।

हालांकि एटीपी के इस बयान के बाद विम्बल्डन ने भी बयान जारी कर अपने फैसले पर अडिग रहने का फैसला किया है और बैन के फैसले को सही ठहराया है। ऑल इंग्लैंड लॉन टेनिस असोसिएशन ने रूसी और बेलारूसी खिलाड़ियों पर बैन को इन खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिहाज से जरूरी करार दिया है। इस पूरे मसले पर टेनिस फैंस भी दो खेमों में बंटे हुए दिख रहे हैं।

फरवरी में रूसी सेना ने यूक्रेन पर हमला करते हुए काफी नुकसान किया। रूस के पड़ोसी देश बेलारूस ने इस पूरी कार्यवाही में रूस का समर्थन किया जबकि दुनिया के अधिकतर देश, विशेष रूप से अमेरिका और यूरोपीय देश इस पूरी कार्यवाही पर रूस की निंदा कर रहे थे जिसके बाद रूस पर तरह-तरह के प्रतिबंध लगाए गए।

क्योंकि दुनिया के अधिकतर खेल महासंघ यूरोपीय और अमेरिकी देशों में स्थित हैं एवं इन देशों से काफी प्रभावित हैं, ऐसे में फीफा समेत अधिकतर खेल महासंघों ने सीधे तौर पर रूस और बेलारूस की टीमों, खिलाड़ियों पर बैन लगा दिया।

टेनिस की दुनिया ने भी युद्ध की निंदा की, लेकिन ITF, ATP, WTA ने पहले ही साफ कर दिया कि खिलाड़ियों के टैलेंट के साथ किसी तरह का खिलवाड़ नहीं होना चाहिए। ऐसे में टेनिस के टीम ईवेंट से रूस और बेलारूस पर प्रतिबंध जरूर लगाया गया लेकिन सामान्य रूप से होने वाले टूर्नामेंट में रूसी और बेलारूसी खिलाड़ियों के प्रतिभाग पर रोक नहीं लगाई गई और इन प्रतियोगिताओं में इन दो देशों के झंडे के इस्तेमाल पर बैन लगाया गया।