राफेल नडाल कर रहे फ्रेंच ओपन की तैयारी

राफेल नडाल
राफेल नडाल

दिग्‍गज टेनिस खिलाड़ी राफेल नडाल ने कहा है कि वह अगले महीने फ्रेंच ओपन में खेलने की उम्‍मीद कर रहे हैं, जबकि कोरोना वायरस के कारण यूएस ओपन से उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया है। राफेल नडाल ने जोर देकर कहा कि यूएस ओपन अपने पुरुषों के गत चैंपियन के तारांकन नहीं करेगा, भले ही उसने स्‍वीकार किया है कि यह विशेष परिस्थितियों में होगा, जिसमें कई शीर्ष खिलाड़‍ियों के हिस्‍सा नहीं लेने की उम्‍मीद है। 34 साल के स्‍पेनिश खिलाड़ी राफेल नडाल ने यूएस ओपन से नाम वापस लेने की पुष्टि तब की जब मैड्रिड ओपन के रद्द होने की खबर आई। यूरोप में कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं और इसका असर फ्रेंच ओपन पर भी पड़ सकता है, जो पेरिस में 27 सितंबर से शुरू होना है।

राफेल नडाल को फ्रेंच ओपन शुरू होने की उम्‍मीद

राफेल नडाल का ध्‍यान रौलां गैरो पर रिकॉर्ड 13वें खिताब पर लगा होगा। उनसे पूछा गया कि क्‍या टूर्नामेंट शुरू होने की उम्‍मीद लगती है। इस पर 34 साल के राफेल नडाल ने कहा, 'मेरा विश्‍वास है कि यह टूर्नामेंट शुरू होगा। यह मेरे दिमाग में है और मैं इसकी तैयारी कर रहा हूं। मगर हमें इवेंट्स के लिए इंतजार करना होगा। यह देखना होगा कि कैसे सभी चीजें होती हैं क्‍योंकि यह सच है कि पिछले कुछ सप्‍ताहों में स्थिति कुछ खराब हुई है। मगर मुझे उम्‍मीद है कि चीजें ठीक होंगी और अगर स्थितियां अनुमति देती हैं तो मेरे इरादे वहां खेलने के हैं।'

नडाल ने यह भी बताया कि उन्‍होंने इस साल यूएस ओपन से अपना नाम वापस क्‍यों लिया। उन्‍होंने कहा, 'मेरे दिल ने कहा कि आज वो पल नहीं जब लंबी यात्राएं की जाए जबकि यह नहीं पता कि असलियत क्‍या है। मेरा फैसला अपने घर मार्लोका में रूकने का है, जहां स्थिति अच्‍छी है। यहां स्थिति नियंत्रित है और मुझे भविष्‍य के मौकों का इंतजार है।'

राफेल नडाल ने यूएस ओपन के बारे में क्‍या कहा

बता दें कि महिलाओं में नंबर-1 एश्‍ले बार्टी ने भी न्‍यूयॉर्क में हिस्‍सा नहीं लेने का फैसला किया है, जहां पुरुषों और महिलाओं के कई दिग्‍गज खिलाड़‍ियों ने अपना नाम वापस लेने का फैसला किया है। सेरेना विलियम्‍स, नोवाक जोकोविच और एंडी मरे के हालांकि खेलने की उम्‍मीद है।

राफेल नडाल ने कहा, 'यूएस ओपन टूर्नामेंट अब भी बड़ा है क्‍योंकि यह ग्रैंड स्‍लैम है। मैं इतना घमंडी नहीं कि यह कहूं कि टूर्नामेंट बड़ा नहीं है क्‍योंकि मैं नहीं खेल रहा हूं। वहां महत्‍वपूर्ण खिलाड़ी हिस्‍सा ले रहे हैं। यह टूर्नामेंट विशेष परिस्थितियों में खेला जा रहा है, लेकिन ग्रैंड स्‍लैम है और विजेता को महसूस होगा कि उसने ग्रैंड स्‍लैम जीता है। यह सच है कि विशेष परिस्थितियों में यह टूर्नामेंट खेला जा रहा है जबकि कई महत्‍वपूर्ण खिलाड़ी यहां की यात्रा नहीं कर रहे हैं।'

राफेल नडाल ने आगे कहा, 'मेरे शब्‍दों को तोड़ा-मरोड़ा जा सकता है, इसलिए कहना है कि मेरा फैसला सही है या नहीं। कुछ खिलाड़‍ियों के लिए यह सही और कुछ के लिए गलत हो सकता है। मैं एटीपी और यूएसटीए के सकारात्‍मक इरादे व कड़े प्रयासों की इज्‍जत करता हूं, जिन्‍होंने टूर्नामेंट की वापसी कराने की कड़ी कोशिश की। मैंने अपना फैसला ले लिया है तो आपको मेरे विचार पता हैं, लेकिन मैं उनकी इज्‍जत करता हूं कि अन्‍य खिलाड़ी अगल स्थिति में हैं और उन्‍हें खेलने की जरूरत है क्‍योंकि उनकी आर्थिक समस्‍याएं हैं और बिना कमाई के कुछ महीने बिताने के बाद उन्‍हें आमदनी की जरूरत है।'

राफेल नडाल को मिला यहां से सबक

राफेल नडाल ने कहा कि उन्‍हें एड्रिया दौरे से सबक मिल गया जहां नोवाक जोकोविच समेत कई खिलाड़ी कोरोना वायरस की चपेट में आए थे। नडाल ने कहा, 'मेरे ख्‍याल से ज्‍यादातर खिलाड़ी दुनिया और लोगों के लिए सर्वश्रेष्‍ठ प्रदर्शन करना चाहते हैं। जी हां वहां गलती हुई। टूर सर्बिया या क्रोएशिया में आयोजित हुआ, लेकिन गलतियां आम हैं। आपको ऐसी स्थितियों का सामना करना पड़ता है जब पहले कभी नहीं की हो तो। खिलाड़‍ियों को फैसला लेने की जरूरत है, लेकिन मैं यह नहीं कहता कि मेरा फैसला सही है। सभी फैसले सही या गलत हो सकते हैं। हम ना चाहने वाली स्थितियों का सामना करते हैं। मुझे उम्‍मीद है कि एड्रिया टूर से हमने सीखा और आगे के लिए हमेशा ध्‍यान रखेंगे।'