मेड्रिड ओपन आयोजकों पर फूटा ज्वेरेव का गुस्सा, टूर्नामेंट के खराब शेड्यूल को बताया हार का कारण

विश्व नंबर 3 ज्वेरेव पहले भी देर रात शुरु होने वाले मैचों के खिलाफ आवाज उठा चुके हैं।
विश्व नंबर 3 ज्वेरेव पहले भी देर रात शुरु होने वाले मैचों के खिलाफ आवाज उठा चुके हैं।

साल के दूसरे एटीपी 1000 क्ले कोर्ट मास्टर्स टूर्नामेंट मेड्रिड ओपन के फाइनल में 8 मई को गत चैंपियन जर्मनी के ऐलेग्जेंडर ज्वेरेव को स्पेन के कार्लोस अल्कराज के हाथों 6-3, 6-1 से हार का सामना करना पड़ा था। अब विश्व नंबर 3 ज्वेरेव ने इस हार का ठीकरा आयोजकों पर फोड़ा है। ज्वेरेव के मुताबिक एटीपी टूर ईवेंट के आयोजकों की ओर से प्रतियोगिताओं में मैचों के शेड्यूल खराब तरीके से तय किए जाते हैं, और इसी का खामियाजा उन्हें भी भुगतना पड़ा।

ज्वेरेव के मुताबिक फाइनल से पहले लगातार 2-3 दिन तक वो अपने मुकाबले देर रात तक खेलने के बाद सोने जा पाते थे। मैच के बाद दिए इंटर्व्यू में ज्वेरेव ने बेबाकी से बताया कि दो दिन पहले वो सुबह के 4.30 बजे सोने गए जबकि एक दिन पहले सुबह के 5.30 बजे सोने जा पाए। ऐसे में रविवार को हुए फाइनल में उनके प्रदर्शन पर काफी असर पड़ा। हालांकि ज्वेरेव ने माना कि अगर वो पूरी तरह फ्रेश होकर भी मैदान पर आते तो भी शायद अल्कराज से हार जाते, लेकिन कम से कम वह इतने आसान स्कोर से मैच नहीं गंवाते।

ज्वेरेव ने इंटर्व्यू में माना कि अल्कराज मौजूदा समय में दुनिया के सबसे बेहतरीन खिलाड़ी हैं और ऐसे दमदार खिलाड़ी के खिलाफ मैच में उतरने से पहले पूरी तरह दिमाग और शरीर तरोताजा होने की जरुरत है। ज्वेरेव के मुताबिक देर रात को सोने की वजह से फाइनल के दौरान उनका तालमेल पूरी तरह नहीं बैठ रहा था जिस कारण कुछ मौकों पर वो आसान सी गेंद को देखते हुए भी मिस कर दे रहे थे क्योंकि दिमाग और आंखों का तालमेल सही से नहीं हो पा रहा था।

इस मसले पर टेनिस फैंस का रवैया सोशल मीडिया पर बंटा हुआ है। कई फैन ज्वेरेव की बात से सहमत हैं तो कई इसे हार के बाद का बहाना बता रहे हैं।

ज्वेरेव पहले भी देर रात तक चलने वाले मुकाबलों के खिलाफ आवाज उठा चुके हैं। फरवरी में मेक्सिको ओपन के दौरान पुरुष सिंगल्स में ज्वेरेव और जेन्सन ब्रूक्सबी के खिलाफ राउंड ऑफ 32 का मैच स्थानीय समय के अनुसार देर रात 1.30 बजे शुरु हुआ और सुबह करीब 5 बजे तक चला था। खराब बात ये रही कि कुछ ही घंटों बाद ज्वेरेव ने डबल्स मुकाबला भी खेला। ये वही डबल्स मैच था जिसमें ज्वेरेव ने हार के बाद गुस्से में चेयर अंपायर की चेयर पर रैकेट से वार किए थे।