CWG 2022 : चारा काट-काटकर मजबूत हुए हाथ तो वेटलिफ्टर बनीं हरजिंदर 

हरजिंदर ने कुल 212 किलो वजन उठाकर 71 किलो भार वर्ग का ब्रॉन्ज हासिल किया
हरजिंदर ने कुल 212 किलो वजन उठाकर 71 किलो भार वर्ग का ब्रॉन्ज हासिल किया

मेहनत और किस्मत जब एक साथ मिलती हैं तो हरजिंदर कौर जैसे खिलाड़ी मैदान में आकर कमाल कर जाते हैं। बर्मिंघम कॉमनवेल्थ खेलों में भारत की वेटलिफ्टर हरजिंदर कौर ने महिलाओं के 71 किलोग्राम भार वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल जीत देश की पदक तालिका में इजाफा किया।

हरजिंदर ने स्नैच में 93 किलो और क्लीन एंड जर्क में 119 किलो समेत कुल 212 किलोग्राम का वजन उठाकर ये मेडल हासिल किया। नाइजीरिया की जॉय ओग्बोन ने स्नैच में 100 किलो का वजन उठाया था लेकिन क्लीन एंड जर्क में वो एक भी सफल प्रयास नहीं दे पाईं और हरजिंदर को मेडल मिल गया। जिस किस्मत ने हरजिंदर को ये मेडल दिलाया उसी ने उन्हें चारा काटने की मशीन से वेटलिफ्टिंग तक का सफर तय करवाया।

पंजाब के नाभा के एक गांव मेहास की रहने वाली हरजिंदर का परिवार काफी गरीब था। हरजिंदर के घर गाय, भैंस थीं, जिनका चारा काटने के लिए वो हाथों से मशीन चलाती थीं जिसे स्थानीय भाषा टोका कहा जाता है। चारा काटने वाली इस मशीन को चलाने के लिए हाथों में काफी ताकत चाहिए होती है, हरजिंदर के हाथ बचपन से ही इस मशीन को चलाते-चलाते मजबूत हो गए। हरजिंदर अपने स्कूल में कबड्डी खेलती थीं। आनन्दपुर साहिब में कॉलेज गईं तो यहां भी कबड्डी टीम का हिस्सा बनीं।

यूनिवर्सिटी के स्पोर्ट्स क्लब का हिस्सा बनी हरजिंदर के मजबूत बाजुओं की ताकत को उनके कोच ने देखा और पहले रस्साकशी करवाई। कोच परमजीत शर्मा खुद 1990 कॉमनवेल्थ खेलों में 69 किलोग्राम भार वर्ग वेटलिफ्टिंग गोल्ड मेडलिस्ट थे। ऐसे में हरजिंदर को वेटलिफ्टिंग की तरफ उन्होंने ही बढ़ाया। चारा काटने से मजबूत हुए हाथों ने हरजिंदर को वेटलिफ्टिंग में काफी मदद की।

हरजिंदर ट्रेनिंग करने लगीं और अच्छा प्रदर्शन भी करने लगीं। भाई और पिता रिश्तेदारों से कर्ज लेकर घर की बेटी को चैंपियन बनाने में जुट गए। 2017 में हरजिंदर राज्य की वेटलिफ्टिंग चैंपियन बनीं। इसके बाद हरजिंदर ने राष्ट्रीय चैंपियनशिप में सिल्वर जीता। इसी साल हरजिंदर ने सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में कुल 208 किलो वजन उठाया और गोल्ड मेडल अपने नाम किया।

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Edited by Prashant Kumar