बड़े भाई को देख अमित ने शुरु की बॉक्सिंग, अब कॉमनवेल्थ गेम्स में जीता अपना पहला गोल्ड 

अमित का ये लगातार दूसरा कॉमनवेल्थ गेम्स मेडल है।
अमित का ये लगातार दूसरा कॉमनवेल्थ गेम्स मेडल है।

भारत के स्टार मुक्केबाज अमित पंघल ने बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को 15वां गोल्ड मेडल दिलाया। पुरूषों के 52 किलोग्राम फाइनल में अमित ने इंग्लैंड के किसान मैकडोनल्ड को हराकर गोल्ड जीता। अमित का ये दूसरा कॉमनवेल्थ गेम्स मेडल है। इससे पहले 2018 में अमित ने सिल्वर मेडल हासिल किया था।

16 अक्टूबर 1995 को जन्में अमित रोहतक, हरियाणा के म्येना गांव से हैं। पिता विजेंद्र सिंह किसान हैं। अमित को उनके बड़े भाई अजय ने स्पोर्ट्स में जाने की प्रेरणा दी। अजय भारतीय थल सेना में तैनात हैं और खुद बॉक्सिंग किया करते थे। ऐसे में अमित ने भी बॉक्सिंग करने की ठानी ।अमित ने 9 साल की उम्र में छोटूराम बॉक्सिंग अकादमी में कोच अनिल धाकड़ की देखरेख में ट्रेनिंग शुरु की। साल 2009 में अमित ने औरंगाबाद में सब जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता। 2010 और 2011 में अमित ने इसी प्रतियोगिता में सिल्वर जीता।

अमित ने साल 2017 में एशियन चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान पा गए। 2018 के गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में अमित ने लाइट फ्लाईवेट का सिल्वर मेडल हासिल किया और एशियाई खेलों में गोल्ड जीता। 2019 में अमित विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतने में कामयाब रहे थे। वो इस प्रतियोगिता में सिल्वर जीतने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज हैं।

2020 में अमित ने टोक्यो ओलंपिक की 52 किलो वेट कैटेगरी के लिए क्वालीफाई किया और दिसम्बर 2020 में जर्मनी में हुए बॉक्सिंग विश्व कप का गोल्ड अपने नाम किया। टोक्यो ओलंपिक में अमित 52 किलो कैटेगरी में बतौर विश्व नंबर 1 गए थे लेकिन दूसरे ही दौर में हारकर बाहर हो गए। लेकिन 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स में अमित टोक्यो ओलंपिक से सबक लेकर आए और पूरी जान झोंक दी। अमित का खेल इतना शानदार रहा कि वो फाइनल समेत अपनी सारी बाउट एकतरफा 5-0 से जीते अमित ने पिछली बार जीते चांदी का रंग इस बार सुनहरा कर दिया। अमित भारतीय सेना में जूनियर कमीशन्ड ऑफिसर के रूप में तैनात हैं।

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