राष्ट्रीय स्तर के तैराक रह चुके हैं कॉमनवेल्थ गेम्स में ब्रॉन्ज दिलाने वाले पहलवान मोहित ग्रेवाल

मोहित ग्रेवाल ने 125 किलोग्राम भार वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल जीतने में कामयाबी हासिल की
मोहित ग्रेवाल ने 125 किलोग्राम भार वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल जीतने में कामयाबी हासिल की

पहलवान मोहित ग्रेवाल ने भारत को कॉमनवेल्थ गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल के रूप में एक और मेडल दिलाया है। 23 साल के मोहित ने पुरुषों की 125 किलोग्राम वेट कैटेगरी में ये मेडल हासिल किया। खास बात यह है कि मोहित के मेडल के बाद फिलहाल भारत को मैदान में उतरे सभी 6 रेसलरों से मेडल मिल गए हैं।

20 दिसंबर 1999 को हरियाणा के भिवानी के बामला गांव में जन्में मोहित के परिवार में कई पहलवान हैं। पिता जगदीश भी पहलवानी कर चुके हैं। इस कारण बचपन से ही मोहित ने आस-पास कुश्ती, अखाड़ो और दंगल का माहौल देखा। लेकिन शुरुआत में मोहित तैराक बनना चाहते थे। मोहित ने तैराकी और जूडो भी सीखा। वह तैराकी में राष्ट्रीय स्तर पर पदक भी लाए। लेकिन धीरे-धीरे मोहित की दिलचस्पी कुश्ती की तरफ हुई और उन्होंने 13 साल की उम्र में कुश्ती शुरु की।

साल 2015 में मोहित ने देश में हुए कैडेट नेशनल गेम्स में गोल्ड मेडल हासिल किया। 2016 की शुरुआत में दिल्ली में हुए स्कूल नेशनल गेम्स में 17 साल के मोहित ने गोल्ड जीता । इसी साल 2016 में मोहित ने तुर्की में स्कूल वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने में सफलता हासिल की। उस समय मोहित ने 120 किलोग्राम भार वर्ग में भाग लिया था। मोहित के जूनियर लेवल पर जीते गए पदकों की खबर दंगल की दुनिया के महारथियों को लगी और मोहित ने इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा।

साल 2018 में मोहित ने जूनियर एशियन चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता। लेकिन इसके बाद उनके घुटने में बेहद गहरी चोट लगी जिस कारण पूरे दो साल तक वो रिकवरी में रहे और कुश्ती से दूर हो गए। मोहित ने ठीक होने के बाद मैट पर वापसी की ठानी और ट्रेनिंग दोबारा शुरु की। कुश्ती के लिए मोहित के दिल में इतना जज्बा था कि पिछले ही साल वापसी करते हुए मोहित ने अंडर 23 नेशनल चैंपियनशिप में गोल्ड हासिल कर लियाा। इसके बाद सर्बिया में अंडर-23 विश्व चैंपियनशिप में भी मोहित पदक के काफी नजदीक पहुंच गए थे। हालांकि पदक जीत नहीं पाए।

नवंबर 2021 में मोहित सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल लेकर आए जबकि इस साल उन्हें कजाकिस्तान में हुई दूसरी रैंकिंग सीरीज में ब्रॉन्ज मिला। इसके बाद मोहित ने कॉमनवेल्थ खेलों को लक्ष्य बनाकर तैयारी शुरु की। बर्मिंघम खेलों में 125 किलो भार वर्ग में मोहित ने पहला मुकाबला तो टैक्निकल सुपिरियोरिटी के आधार पर आसानी से जीता लेकिन सेमीफाइनल में कनाडा के अमरवीर देसी से हार गए। अमरवीर भारतीय मूल के हैं और उन्होंने स्पर्धा का गोल्ड जीता। इस मुकाबले में मोहित की एड़ी भी मुड़ गई और उन्हें काफी दर्द हुआ।

लेकिन मोहित को रेपेचाज के जरिए ब्रॉन्ज जीतने का मौका मिला और उन्होंने जैमेका के ऐरन जॉनसन को चित कर मात देते हुए अपना पहला कॉमनवेल्थ गेम्स मेडल जीता।

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Edited by Prashant Kumar