ओलंपिक चैंपियंस को देखकर रेसलर बने दीपक पुनिया, अब खुद CWG गोल्ड जीत बने हैं दूसरों की प्रेरणा

दीपक ने दो बार के गोल्ड मेडलिस्ट पाकिस्तान के इनाम बट्ट को हराकर गोल्ड जीता है
दीपक ने दो बार के गोल्ड मेडलिस्ट पाकिस्तान के इनाम बट्ट को हराकर गोल्ड जीता है

पहलवान दीपक पुनिया ने बर्मिंघम कॉमनवेल्थ खेलों में पुरुष कुश्ती के 86 किलो ग्राम भार वर्ग में गोल्ड जीत देश की पदकों की संख्या में इजाफा किया है। दीपक ने दो बार (2010, 2018) के गोल्ड मेडलिस्ट पाकिस्तान के इनाम बट्ट को हराया और पहला स्थान हासिल किया। महज 23 साल की उम्र में दीपक ने ये उपलब्धि हासिल की है। ओलंपिक मेडलिस्ट सुशील कुमार और बजरंग पुनिया को देख कुश्ती शुरु करने वाले दीपक जूनियर वर्ल्ड चैंपियन भी रह चुके हैं।

हरियाणा के झज्जर के छारा गांव के निवासी दीपक ने बचपन में ही रेसलिंग करने की ठान ली थी। 1999 में जन्में दीपक ने 2008 और 2012 के ओलंपिक खेलों में पहलवान सुशील कुमार को देश के लिए मेडल लाते देखा और काफी प्रभावित हुए। गांव से महज 20 किलोमीटर की दूरी पर 2020 टोक्यो ओलंपिक ब्रॉन्ज मेडलिस्ट बजरंग पुनिया का गांव भी है। ऐसे में शुरुआत से ही दीपक ने बजरंग के खेल को देख भी काफी कुछ सीखा और बजरंग को अपना बड़ा भाई मान उनके नक्शे कदम पर चलने का तैयारी की।

दीपक के अपने कोच का नाम विरेंदर सिंह है और उन्होंने कोच सतपाल से भी कुश्ती की बारिकियां सीखी। पुनिया ने साल 2016 में केडैट वर्ल्ड चैंपियनशिप जीती। इसके बाद सब-जूनियर विश्व चैंपियन भी बने। साल 2018 में दीपक विश्व जूनियर चैंपियनशिप में सिल्वर जीतने में कामयाब हुए जबकि 2019 में विश्व जूनियर चैंपियन बन देश का नाम रोशन किया। इस जीत के बाद हरियाणा सरकार ने वित्तीय मदद की घोषणा की थी लेकिन मदद नहीं मिली जिसके बाद बजरंग पुनिया ने भी दीपक के समर्थन में ट्वीट कर सरकार पर सवाल उठाए थे। उस दौरान दीपक काफी सुर्खियों में रहे।

साल 2019 में ही दीपक ने सीनियर विश्व चैंपियनशिप मे सिल्वर मेडल जीता और 2020 के टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में कामयाब रहे। टोक्यो में 86 किलोग्राम भार वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल के लिए हुए रेपेचाज के आखिरी मैच में दीपक बेहद कम अंतर से हार गए थे। हार का गम काफी हुआ, लेकिन दीपक ने कॉमनवेल्थ खेलों को अगला लक्ष्य बनाया और इस बार गोल्ड के साथ खुद को साबित किया है। दीपक की जीत के बाद उनके गांव में जश्न का माहौल है। खास बात ये है कि दीपक के आदर्श बजरंग पुनिया ने भी 65 किलोग्राम भार वर्ग में इस बार कॉमनवेल्थ गोल्ड मेडल जीता है।

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