हारकर जीतने वाले को बाजीगर जरूर कहते हैं लेकिन पिछड़ने के बाद वापसी कर जीतने वाले को भारत की रेसलर साक्षी मलिक (Sakshi Malik) कहते हैं। 2016 रियो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली साक्षी ने 2022 कॉमनवेल्थ खेलों (CWG 2022) की कुश्ती के 62 किलोग्राम भार वर्ग का गोल्ड जीत अपने करियर में शानदार वापसी की है। 29 साल की साक्षी का ये पहला कॉमनवेल्थ गोल्ड है और उन्होंने इसे बेहद शानदार तरीके से जीतने में कामयाबी हासिल की।
फाइनल मुकाबले के पहले राउंड में एक समय साक्षी अपनी विरोधी कनाडा की रेसलर से 4-0 से पीछे चल रहीं थीं। ऐसे में लग रहा था कि गोल्ड कोस्ट में ब्रॉन्ज पाने वाली साक्षी इस बार भी मेडल का रंग सुनहरा नहीं कर पाएंगी। लेकिन साक्षी ने कुछ ही सेकेंड्स में वापसी कर विरोधी रेसलर को अपने दांव में फंसाया और उनके दोनों कंधे जमीन पर लगाकर चित कर दिया और मैच जीत लिया। साक्षी की अद्भुत वापसी से देश स्टेडियम में मौजूद भारतीय फैंस झूम उठे।
3 सितंबर 1992 को हरियाणा में रोहतक जिले के मोखरा गांव में पैदा हुई साक्षी के पिता सुखबीर डीटीसी की बसों में कंडक्टर रहे और मां सुदेश मलिक एक स्थानीय हेल्थ क्लीनिक में सुपरवाइजर। साक्षी ने अपने दादा पहलवान बदलू राम को देख कुश्ती करने की ठानी। 12 साल की उम्र में अखाड़े में जाकर कुश्ती के दांव-पेंच सीखने वाली साक्षी ने साल 2009 में एशियन जूनियर चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता और 2010 में जूनियर विश्व चैंपियनशिप का ब्रॉन्ज जीतने में कामयाब रहीं। साल 2013 में साक्षी कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज लाईं।
2014 के ग्लासगो कॉमनवेल्थ खेलों में साक्षी ने 58 किलो भार वर्ग का सिल्वर मेडल जीता। अगले ही साल दोहा में हुई एशियन चैंपियनशिप में साक्षी ने ब्रॉन्ज जीता। 2016 के रियो ओलंपिक खेलों में 58 किलोग्राम भार वर्ग में साक्षी ने ब्रॉन्ज जीता और ओलंपिक खेलों में मेडल लाने वाली पहली महिला पहलवान बनीं। 2017 में साक्षी ने कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में गोल्ड जीता। लेकिन इसके बाद साक्षी का प्रदर्शन लगातार खराब होता चला गया और वो प्रतियोगिताओं में पदक से दूर होती गईं। आखिकार इस साल यानी 2022 में साक्षी धीरे-धीरे फॉर्म में वापस आईं। साक्षी दो महीने पहले ही ट्यूनिस रैंकिंग सीरीज में पदक जीतने में कामयाब हुईं। ये पिछले 5 सालों में साक्षी का पहला मेजर मेडल था।
देश के लिए ये अच्छी बात रही कि बर्मिंघम कॉमनवेल्थ खेलों से ठीक पहले साक्षी फॉर्म में वापस आई हैं और देश को गोल्ड दिलाया है। साक्षी ने जीत के बाद बताया कि उन्हें गोल्ड मेडल से कम कुछ मंजूर नहीं था और उन्होंने इसे जीतने में पूरी जान लगा दी। पोडियम पर खड़ी साक्षी ने जब तिरंगे को ऊपर जाते देखा और तो राष्ट्रगान गाते-गाते उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। साक्षी की जीत के बाद देशभर से लगातार उन्हें बधाई मिल रही है।