टोक्यो ओलंपिक की निराशा को भूलाकर विनेश ने लगाई गोल्ड मेडल की हैट्रिक

विनेश ने 2014 ग्लासगो और 2018 गोल्ड कोस्ट खेलों में भी गोल्ड जीता है
विनेश ने 2014 ग्लासगो और 2018 गोल्ड कोस्ट खेलों में भी गोल्ड जीता है

विनेश फोगाट देश के उस रेसलिंग परिवार से आती हैं जिसकी बेटियों ने कई टूर्नामेंट में देश का नाम बढ़ाया है और जिनकी कहानी को सभी ने बड़े पर्दे पर फिल्म दंगल के रूप में देखा है। विनेश ने बर्मिंघम कॉमनवेल्थ खेलों में महिलाओं की 53 किलोग्राम वर्ग कुश्ती का गोल्ड जीतते हुए लगातार तीसरी बार इन खेलों में स्वर्ण पदक हासिल किया है और फिल्म 'दंगल' के डायलॉग 'म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं के' को एक बार फिर बोलने का मौका दिया है।

लेकिन इस गोल्ड के लिए विनेश को न सिर्फ शारीरिक रूप से मजबूत होना पड़ा बल्कि मानसिक रूप से खुद को काफी संभालना पड़ा क्योंकि टोक्यो ओलंपिक में मिली असफलता के बाद कई आलोचक उन्हें ओवरकॉन्फिडेंट तक कहने लग गए थे, ऐसे में ये गोल्ड उनके खेल की गुणवत्ता का सबूत है।

25 अगस्त 1994 को जन्मीं विनेश हरियाणा के भिवानी की रहने वाली हैं। उनके पिता राजपाल फोगाट मशहूर पहलवान महावीर फोगाट के भाई हैं जिन्होंने अपनी बेटियों गीता फोगाट और बबिता फोगाट को शुरुआत में कुश्ती सिखाकर अपने गांव में बेटियों के कुश्ती लड़ने की नई रीत शुरु की थी। विनेश ने भी बचपन में अपनी कजिन को कुश्ती करते देखा और खुद भी महावीर फोगाट को गुरु बना लिया।

विनेश ने साल 2013 में दिल्ली में हुई एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप का ब्रॉन्ज जीता और ये उनका अंतरराष्ट्रीय स्तर का पहला बड़ा मेडल था। इसी साल कॉमनवेल्थ रेसलिंग चैंपियनशिप में विनेश सिल्वर जीतने में कामयाब हुईं। 2014 के ग्लासगो कॉमनवेल्थ खेलों में विनेश ने 48 किलोग्राम कैटेगरी में भाग लिया और गोल्ड जीता। इसके बाद इसी साल हुए एशियन गेम्स में विनेश को ब्रॉन्ज मिला। विनेश 2016 रियो ओलंपिक में पदक की दावेदार मानी जा रही थीं लेकिन क्वार्टरफाइनल में उन्हें घुटने में चोट लग गई जिस कारण वो काफी समय मैट से दूर रहीं।

विनेश ने वापसी करते हुए 2018 गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ खेलों में 50 किलोग्राम वेट वर्ग में गोल्ड जीता और इसके बाद एशियन गेम्स में भी गोल्ड जीता। विनेश एशियन गेम्स में कुश्ती का गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान हैं। विनेश ने इसके बाद लगातार कई टूर्नामेंट जीते। 2021 में हुए टोक्यो ओलंपिक में भारत की ओर से जाने वाली विनेश इकलौती महिला पहलवान थीं। उस समय विनेश विश्व नंबर 1 थीं और गोल्ड की सबसे प्रबल दावेदार मानी जा रहीं थी। लेकिन क्वार्टरफाइनल में उन्हें विरोधी पहलवान ने चित कर दिया। इस हार का विनेश पर इतना बुरा असर हुआ कि वो रेसलिंग मैट पर वापस आने से कतराने लगीं। खुद 2021 के अंत में विनेश ने ट्वीट कर लिखा था कि उनके लिए ये साल अपेक्षा अनुसार नहीं रहा।

लेकिन इस पूरे वाकये से उबरने में विनेश ने न सिर्फ सफलता पाई है बल्कि इस बार कॉमनवेल्थ गेम्स में देश को गोल्ड दिलाने का काम किया है।

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