ऋषभ पंत ने मैच विनिंग पारी खेलकर ऑस्‍ट्रेलिया को धूल चटाई थी

भारत की गाबा टेस्‍ट जीत को लेकर ऋषभ पंत को याद आए रोहित शर्मा के वो यादगार शब्‍द, खास अहसास का किया खुलासा 

भारत (India Cricket Team) के विकेटकीपर बल्‍लेबाज ऋषभ पंत (Rishabh Pant) ने 2021 में ऑस्‍ट्रेलिया (Australia Cricket Team) के गाबा मैदान पर ऐतिहासिक जीत के पलों को याद किया और रोहित शर्मा (Rohit Sharma) से हुई बातचीत का खुलासा किया। रोहित शर्मा से हुई बातचीत से ऋषभ पंत को टीम की उपलब्धि को समझने में मदद मिली।

ऐतिहासिक जीत की तीसरी सालगिरह पर पंत ने बताया कि वो विजयी रन बनाने के बाद शेष टीम की तरह उत्‍साहित नहीं थे। पंत ने कहा कि उनके लिए ज्‍यादा बड़ी बात खुद को साबित करने की थी क्‍योंकि पहले टेस्‍ट में उन्‍हें नहीं चुना गया था।

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ऑस्‍ट्रेलिया का गाबा में किला ढहाना विशेष था। ज्‍यादा विशेष बात यह थी कि भारतीय टीम ने एडिलेड में 36 रन पर ऑलआउट होने के बाद किस तरह वापसी की और अजिंक्‍य रहाणे के नेतृत्‍व में सीरीज जीत दर्ज की।

ऋषभ पंत ने स्‍टार स्‍पोर्ट्स से बातचीत में कहा, 'मुझे याद है कि रोहित शर्मा ने क्‍या कहा था। कई लोगों ने मुझे विशेष चीजें कही थी, लेकिन रोहित शर्मा के शब्‍द मुझे अच्‍छी तरह याद हैं। उन्‍होंने मेरा रिएक्‍शन देखा था। सभी लोग खुश थे, लेकिन उन्‍होंने मुझे अन्‍य लोगों जैसे उत्‍साहित नहीं पाया। उन्‍होंने कहा कि तुझे एहसास नहीं हुआ कि तूने क्‍या किया है।'

पंत ने आगे कहा, 'मैंने रोहित से कहा कि हां, हम मैच जीते हैं। हम यहां दूसरी बार सीरीज जीते हैं। रोहित शर्मा ने कहा- जब तू क्रिकेट छोड़ेगा, तो तुझे इस पारी का महत्‍व समझ आएगा क्‍योंकि तू नहीं जानता कि तूने क्‍या किया है। तब मुझे एहसास हुआ कि मैंने क्‍या किया है।'

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पंत की उस सीरीज में यात्रा भारतीय टीम जैसी रही। जब एडिलेड में भारतीय टीम का खस्‍ता हाल हुआ, तब पंत टीम का हिस्‍सा नहीं थे। हालांकि, दूसरे टेस्‍ट में उन्‍होंने ऋद्धिमान साहा की जगह ली। यहां से पंत ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और सिडनी व गाबा की जीत के हीरो बने।

उन्‍होंने कहा, 'मुझे नहीं पता था कि कैसे रिएक्‍ट करना है। मैं क्रीज पर मौजूद था और इस बात का ध्‍यान रख रहा था कि ज्‍यादा उत्‍साहित नहीं हूं। हां, वहां काफी खुशनुमा माहौल था। मेरे लिए वो महत्‍वपूर्ण मैच था क्‍योंकि मैं टी20 और वनडे नहीं खेल रहा था। टेस्‍ट टीम में भी मेरी जगह पक्‍की नहीं थी। मैं सोच रहा था कि यह कैसे हो सकता है? मैं खुद से बेहतर करने की अपेक्षा कर रहा था कि टीम के लिए मैच जीत सकूं। मगर मैंने पहला मैच नहीं खेला। भातीय टीम के लिए मैच जीतना सपने के सच होने जैसा है। मैं उसे महसूस करना चाहता था।'

पंत ने साथ ही कहा, 'मैं खुद से यही कह रहा था। यह मेरी मानसिकता थी। मैं तब खुद पर विश्‍वास कर रहा था, जब ज्‍यादा लोग मेरे पर विश्‍वास नहीं कर रहे थे।'

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Edited by
Prashant Kumar
 
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