17 फरवरी को जन्मे दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज अब्राहम बेंजामिन डीविलियर्स काफी प्रतिभावान और खतरनाक बल्लेबाज हैं जो अपने दम पर किसी भी गेंदबाजी आक्रमण को तितर-बितर कर सकते हैं। आज डीविलियर्स क्रिकेट के सभी प्रारूपों के सबसे सफल बल्लेबाज माने जाते है। मैदान के चारों ओर रन बनाने की क्षमता की वजह से ही उन्हें मिस्टर 360 डिग्री का नाम भी मिला है। डीविलियर्स एक प्रतिभाशाली बल्लेबाज हैं जो जरूरत के अनुसार अपनी बल्लेबाजी की शैली में बदलाव करते रहते हैं। बल्लेबाजी के अलावा वो फील्डिंग से भी टीम में योगदान देते हैं और साथ ही जरूरत पड़ने पर विकेटकीपिंग भी कर सकते हैं। डीविलियर्स के इस प्रतिभा को चयनकर्ताओं ने पहली बार दिसम्बर 2004 में पहचाना था जब वो सिर्फ 20 साल के ही थे। अपने पहले ही टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ चौथी पारी में डीविलियर्स ने 52 बनाकर मैच बचाने में अहम भूमिका निभाई। जिसके बाद जल्द ही उन्हें एकदिवसीय मैचों में भी मौका मिल गया, जहां वो कुछ ही समय में टीम के मुख्य खिलाड़ी बन गए। अपनी निरंतरता की वजह से डीविलियर्स को आज महान खिलाड़ियों की श्रेणी में जगह मिल चुकी है। वो हमेशा टीम की जरूरत के हिसाब से अपने आप मे बदलाव लाते हैं और यही खूबी उन्हें महान बल्लेबाजों की सूची में जगह दिलवाता है। आज हम डीविलियर्स द्वारा अंतरराष्ट्रीय मैचों में खेली गई 10 सर्वश्रेष्ठ पारियों के बारे में आपको बताएंगे। #10. 69* बनाम इंग्लैंड, चिटगांव 2014 इंग्लैंड के खिलाफ 2014 टी20 विश्वकप के इस करो या मरो वाले मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका की टीम पहले बल्लेबाजी करने उतरी। सलामी जोड़ी ने प्रोटियाज टीम को काफी ठोस शुरुआत दी और 10.5 ओवरों में 90 रन बना दिये। इसे देखते हुए कार्यवाहक कप्तान डिविलियर्स तीसरे क्रम पर बल्लेबाजी करने आ गए लेकिन उसके बाद टीम ने लय खो दी और 16 ओवरों में उनका स्कोर 128/3 हो गया। लेकिन अंतिम 4 ओवरों में डिविलियर्स गेंद को मैदान के हर कोने में मारा और 28 गेंदों पर 69 रनों की धुआंधार पारी खेली। यह उस समय दक्षिण अफ्रीका के लिए टी20 में सबसे तेज अर्धशतक भी था। उनकी इस पारी की बदौलत प्रोटियोज टीम ने 196 रन बनाए। अंत मे दक्षिण अफ्रीका की टीम ने मात्र 3 रनों से इस मैच को जीता और सेमीफाइनल में अपना स्थान पक्का कर लिया। दोनों टीमों के बीच में जो अंतर साबित हुआ वो डिविलियर्स की पारी ही थी। इसके लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार भी मिला। #9. 136* बनाम ऑस्ट्रेलिया, हरारे 2014 त्रिकोणीय सीरीज के अपने पहले ही मैच में 328 के बड़े लक्ष्य का पीछा करने उतरी दक्षिण अफ्रीका ने ठीक-ठाक शुरुआत की लेकिन जल्दी जल्दी 2 विकेट गिरने की वजह से टीम का स्कोर 51/2 हो गया। इसके बाद लगने लगा कि ऑस्ट्रेलिया आसानी से सीरीज में लगातार दूसरी जीत हासिल कर लेगा लेकिन डिविलियर्स के मंसूबे कुछ और ही थे। उन्होंने फॉफ डुप्लेसी (106) के साथ मिलकर 20 गेंद बाकी रहते अपनी टीम को लक्ष्य तक पहुंचा दिया। जब डिविलियर्स बल्लेबाज करने उतरे उस समय टीम का स्कोर 51/2 थाऔर उन्हें पता था कि अगर टीम को जीत के करीब ले जाना है तो उन्हें लम्बा खेलना पड़ेगा। जिसके बाद कप्तान डिविलियर्स अपने 18वें एकदिवसीय शतक से टीम को जीत तक ले गए। उन्होंने अपनी पारी के दौरान इस गति से रन बनाए कि गेंदबाजों को हावी होने का मौका ही नहीं दिया। #8. 112 बनाम भारत, चेन्नई 2015 साल 2015 के भारत दौरे पर डिविलियर्स बेहतरीन फॉर्म में थे। भारत के खिलाफ सीरीज के पहले मैच में भी वो शतक लगा चुके थे। विराट कोहली की 138 रनों की पारी की बदौलत भारत ने दक्षिण अफ्रीका के सामने चेपक के धीमे विकेट पर 300 रनों का लक्ष्य रखा। जवाब में खेलनी उतरी दक्षिण अफ्रीका की पारी शुरुआत से ही लड़खड़ाती नजर आयी और टीम नियमित अंतराल पर विकेट खोती रही। दक्षिण अफ्रीका का कोई भी बल्लेबाज चेपक की इस धीमी पिच पर नहीं टिक पा रहा था लेकिन एक बल्लेबाज था जो सभी बल्लेबाजों से अलग खेल रहा था, लगातार विकेट गिरने के बाद भी वो स्कोर बोर्ड चला रहा था और वो बल्लेबाज था एबी डिविलियर्स। जिस तरीके से डिविलियर्स ने भारतीय स्पिनरों को खेला वो देखने लायक था। अपने कदमों के इस्तेमाल और क्रीज की गहराई के इस्तेमाल से वो लगातार रन बनाते रहे। भारतीय गेंदबाज दूसरे छोर से विकेट ले रहे थे लेकिन ऐसा लगने लगा था कि वो अपने बूते टीम को जीत तक ले जाएंगे, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया और अपना 22वां शतक पूरा करने के तुरंत बाद वो आउट हो गए। #7. 116 बनाम ऑस्ट्रेलिया, पोर्ट एलिज़ाबेथ 2014 ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई 116 रनों की इस पारी ने डिविलियर्स के दूसरे पक्ष को सबके सामने रख दिया। हमेशा धुंआधार बल्लेबाजी खेलने के लिए माने जाने वाले डिविलियर्स ने अपनी टीम के जरूरत के अनुसार सम्भली हुई पारी खेली। डिविलियर्स ने ये पारी उस ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ खेली जो तुरंत ही एशेज में इंग्लैंड को 5-0 से धूल चटा कर आई थी और सेंचुरियन में खेले गये पहले टीम में दक्षिण अफ्रीका को भी हरा चुकी थी। डिविलियर्स दूसरे टेस्ट में अपने 116 रनों की पारी की बदौलत टीम को पहली पारी में 200/5 से 423 के स्कोर तक ले गए। जेपी डुमिनी ने भी डिविलियर्स का पूरा साथ निभाया और टीम को इस लक्ष्य तक पहुंचाया। डिविलियर्स की इस पारी की वजह से उनकी टीम ने इस मैच को 231 रनों से जीतकर सीरीज में बराबरी हासिल कर ली। #5. 217* बनाम भारत, अहमदाबाद 2008
दक्षिण अफ्रीका के भारत दौरे का दूसरा टेस्ट मैच 3 दिनों में ही समाप्त हो गया क्योंकि पिच क्यूरेटर ने गेंदबाजों को मदद देने वाली पिच बनाई थी। पहले दिन की पहली ही पारी में 76 रनों पर ऑल आउट होने वाली भारतीय टीम को डिविलियर्स ने दोबारा मैच में लौटने का मौका ही नहीं दिया। डिविलियर्स का यह दोहरा शतक किसी भी दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज का भारत के खिलाफ पहला दोहरा शतक था। जैक कैलिस के साथ मिलकर डिविलियर्स ने पांचवें विकेट के लिए 266 रन जोड़े और भारत की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। यह पारी किसी भी दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज का भारत की सरजमीं पर खेली गई सबसे अच्छी पारी है। #5. 33 बनाम ऑस्ट्रेलिया, एडिलेड 2008 आपने सही पढ़ा, 33 रनों की पारी इस सूची में शामिल है। ऐसा कम ही देखने को मिलता है लेकिन 220 गेंदों पर 33 रनों की डिविलियर्स की यह पारी उनकी सबसे अच्छी पारियों में एक है। 430 रनों के जवाब में जब दक्षिण अफ्रीका ने अंतिम दिन अपनी पारी शुरू की तो उनका स्कोर 77/4 था और खेल खत्म होने के समय 248/8। इसकी वजह से मैच ड्रॉ हो गया । डिविलियर्स अपने छवि के उलट लगातार गेंद रोकते रहे और क्रीज पर 4 घण्टों से ज्यादा टिके रहे। फॉफ डुप्लेसी ने 110 रनों की पारी खेली और 7 घण्टों से ज्यादा क्रीज पर टिके रहे और टेस्ट मैच बचाने के सबसे बड़े हीरो वही थे लेकिन डिविलियर्स की इस पारी के बिना शायद वो भी कुछ नहीं कर पाते। डिविलियर्स और डुप्लेसी ने 67 ओवरों में 89 रनों की साझेदारी कर दक्षिण अफ्रीका को हार के मुंह से बाहर निकाल लिया। यह पारी 15 के स्ट्राइक रेट से खेली गई थी लेकिन ये उनकी किसी शतकीय पारी से कम नहीं थी।
सपाट पिच पर पहले बल्लेबाजी करने उतरी दक्षिण अफ्रीका का स्कोर 33/3 हो गया था, तब डिविलियर्स बल्लेबाजी करने क्रीज पर पहुंचे। शेख अबु ज़ायेद स्टेडियम पर पहले डिविलियर्स ने कैलिस के साथ मिलकर पारी को संभाला, फिर कई रिकॉर्ड तोड़े और साथ ही पाकिस्तान के मंसूबों को भी। जब दक्षिण अफ्रीका की पहली पारी समाप्त हुई तो डिविलियर्स 278 रन बना चुके थे और क्रीज पर करीब 10 घण्टे का समय भी व्यतीत कर चुके थे। यह पारी उस समय किसी भी दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज द्वारा टेस्ट में खेली गई सबसे बड़ी पारी थी। अपनी 418 गेंदों की इस पारी की बदौलत डिविलियर्स ने अपनी टीम को 33/3 से 584/7 तक पहुंचा दिया। यह टेस्ट भले ही ड्रा पर खत्म हुआ हो पर डिविलियर्स की पारी हमेशा याद रहेगी। #3. 149 बनाम वेस्टइंडीज, जोहानिसबर्ग 2015 18 जनवरी 2015 के दिन क्रिकेट इतिहास के सुनहरों दिनों में एक बन गया, जिसे खेल प्रेमी कभी ना भूल पाएंगे। यह वह दिन था जब गेंदबाजों के पास कोई मौका ही नहीं था । इस दिन अब्राहम बेंजामिन डिविलियर्स ने क्रिकेट इतिहास के कई कीर्तिमान ध्वस्त किये और नए बनाये भी। 247 रनों की सलामी साझेदारी के बाद जब डिविलियर्स तीसरे क्रम पर बल्लेबाजी करने उतरे तो किसी ने नहीं सोचा था कि आगे क्या होने वाला है। 39वें ओवर में बल्लेबाजी करने उतरे डिविलियर्स ने 31 गेंदों पर एकदिवसीय इतिहास का सबसे तेज शतक ठोंक डाला। 44 गेंदें, 149 रन, 16 छक्के ये सब सिर्फ 59 मिनटों के भीतर। उन्होंने गेंद को मैदान के हर कोने में पहुंचाया और क्रिकेट इतिहास की सबसे बड़ी पारी में से एक खेल डाली। डिविलियर्स की इस पारी ने हाशिम अमला (153) और रोसऊ (128) की पारियों को पीछे छोड़ दिया। इस लिंक पर डिविलियर्स की उस धुआंधार पारी का आप वीडियो देख सकते हैं
डिविलियर्स की 106 रनों की यह नाबाद पारी उनके टेस्ट करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी कही जा सकती है। यह उनका आज तक टेस्ट की चौथी पारी में जमाया गया एकमात्र शतक भी है। पर्थ के वाका मैदान पर जीत के लिए 414 रनों का लक्ष्य मिलने के बाद जब डिविलियर्स बल्लेबाजी करने उतरे उस समय तक ऑस्ट्रेलिया ने मैच पर अपनी पकड़ मजबूत बना ली थी। कैलिस और डुमिनी के अर्धशतकों और डिविलियर्स के 106 रनों की बदौलत दक्षिण अफ्रीका ने 414 रनों के लक्ष्य को हासिल कर लिया, जो चौथी पारी में हासिल किया गया दूसरा सबसे बड़ा लक्ष्य है। एक समय जब अच्छी बल्लेबाज कर रहे ग्रीम स्मिथ और हाशिम अमला 7 रनों के अंतराल में आउट हुए तो लगा कि दक्षिण अफ्रीका की हार पक्की है लेकिन डिविलियर्स ने ऐसा होने नहीं दिया।
वेस्टइंडीज के खिलाफ सबसे तेज शतकीय पारी खेले अभी 40 दिन भी नहीं हुए थे कि डिविलियर्स ने एकबार फिर वेस्टइंडीज के गेंदबाजों की खबर लेना शुरू कर दिया और कई और कीर्तिमान अपने नाम कर लिया। मौका था 2015 विश्वकप में दक्षिण अफ्रीका बनाम वेस्टइंडीज मैच का। दक्षिण अफ्रीका के शुरुआती संघर्ष के बाद जब डिविलियर्स बल्लेबाजी करने उतरे तो टीम का स्कोर 30 ओवरों में 146/3 था। उसके बाद जो हुआ वो इतिहास है। उन्होंने 66 गेंदों पर 17 चौके और 8 छक्कों की मदद से 162 रन बना डाले। इस पारी के दौरान उन्होंने कई सर्वकालीन और विश्वकप रिकॉर्ड तोड़े और नए स्थापित किये। मजेदार बात यह रही कि वेस्टइंडीज के कप्तान जेसन होल्डर ने अपने पहले स्पेल में 5 ओवर, 2 मेडेन, 9 रन और 2 विकेट हासिल किए थे लेकिन अगले 5 ओवरों में होल्डर ने 95 रन लुटा दिए। इसमें पारी के अंतिम ओवर में दिए 34 रन भी शामिल है, जिसकी वजह से दक्षिण अफ्रीका का स्कोर 400 के पार चला गया। लेखक- साहिल जैन अनुवादक- ऋषिकेश सिंह