सुरेश रैना द्वारा खेली गई 10 बेहतरीन पारियां

Second ODI: India v England

सुरेश रैना का मिडविकेट पर घातक पिक-अप शॉट और कवर पर इनसाइड-आउट ड्राइव देखकर साफ समझा जा सकता है कि उनके अंदर कितना क्लासिक क्रिकेट है। इस बाएं हाथ के बल्लेबाज को मैदान पर खेलते देखना क्रिकेट फैन्स के लिए मनोरंजन से भरपूर रहा है। पिछले दशक में भारतीय बल्लेबाजी के मध्यक्रम की मजबूत कड़ी रहे हैं सुरेश रैना। आइये जानते हैं रैना की 10 सर्वश्रेष्ठ पारियां कौन सी रही हैं: #10. इंग्लैंड के खिलाफ 81* रन (फरीदाबाद, 2006) इंग्लैंड के 227 रनों के जवाब में भारत के आधे बल्लेबाज पवेलियन लौट चुके थे। 25वें ओवर तक भारत सिर्फ 92 रन बना सका था। पिच स्लो थी और बल्लेबाजों को दिक्कत पेश आ रही थी। ऐसी परिस्थिति में अपने करियर का 8वां अंतरराष्ट्रीय वनडे मैच खेल रहे रैना ने खुद को बखूबी साबित करके दिखाया। उस वक्त रैना सिर्फ 19 साल के थे। इस मौके पर रैना का साथ निभाया महेंद्र सिंह धोनी ने। बॉडी लैंग्वेज से शांत और विकेटों के बीच तेजी से रन लेने की क्षमता के बल पर इस जोड़ी ने मैच जिताने वाली साझेदारी की। धोनी के आउट होने के बाद भी रैना डटे रहे और फिर इरफान पठान के साथ मिलकर भारत को लक्ष्य तक पहुंचाया। रैना ने इस मैच में वनडे करियर का पहला अर्धशतक जड़ा और वह भी अपने खास अंदाज में। #9. बांग्लादेश के खिलाफ 116* (कराची, 2008) India cricketer Suresh Raina (R) raises मौका था एशिया कप का। विकेट फ्लैट था। बांग्लादेश ने 283 रनों का लक्ष्य रखा था। जवाब में भारत 2 विकेट गंवाकर 56 रन बना चुका था। पिछली 2 पारियों में रैना 101 रन और 84 रन का नॉक खेल चुके थे। इस बार रैना ने गौतम गंभीर के साथ तीसरे विकेट के लिए 139 रन जोड़े और इसके बाद युवराज सिंह के साथ भारत को जीत तक ले गए। इस मैच में रैना ने वनडे करियर का दूसरा शतक लगाया। #8. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 71* (विशाखापट्ट्नम, 2010) 105772620 3 वनडे मैचों की सीरीज में यही मैच पूरा खेला गया क्योंकि पहला और तीसरा मैच बारिश की भेंट चढ़ गए। सीरीज के इस दूसरे वनडे में भारत 290 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रहा था। विराट कोहली और युवराज सिंह बेहतरीन खेल दिखा रहे थे, लेकिन 34वें ओवर में युवराज आउट हो गए और ऑस्ट्रेलिया के लिए मैच में वापसी के दरवाजे खुल गए। हालांकि, ऐसा हुआ नहीं क्योंकि अभी रैना बाकी थे। रैना ने कोहली का बखूबी साथ निभाया। शतक बनाने के बाद कोहली भी पवेलियन लौट गए। अब बारी थी भारत के सबसे भरोसेमंद फिनिशर धोनी की, लेकिन वह भी सिर्फ एक गेंद खेलकर चलते बने। जॉन हेस्टिंग्स ने धोनी का विकेट लेकर मैच में रोमांच वापस ला दिया।ऐसे मौके पर भी रैना ने अपना धैर्य नहीं खोया। उन्होंने 47 गेंदों में 71 रनों की तेज पारी खेली और भारत को जीत मिली। #7. वेस्टइंडीज के खिलाफ 82 रन (किंग्सटन, 2011) Indian batsman Suresh Raina plays a shot फ्लैट पिच पर अच्छा खेल दिखा चुके रैना की अब परीक्षा थी वेस्टइंडीज की सूखी और बोलिंग के लिए बेहतर पिचों पर। साथ ही, वनडे में बेहतरीन खेल दिखा चुके रैना का धैर्य टेस्ट मैच की स्थिति में परखा जाना अभी बाकी था। सीरीज के पहले टेस्ट की पहली पारी में कैरेबियाई टीम ने 85 रनों पर भारत के 6 विकेट झटक लिए और उन्हें बैकफुट पर ला दिया। रैना ने यहां पर भी खुद को साबित किया और पारी को संभाला। रैना का साथ दिया हरभजन ने और भारत 200 के पार जा सका। रैना (82 रन) के रूप में भारत का आखिरी विकेट गिरा। रैना की पारी की बदौलत 246 रनों का स्कोर खड़ा हो सका। इतना ही नहीं, भारत ने 63 रनों से मैच भी जीत लिया। #6. जिम्बाब्वे के खिलाफ 110* रन (ऑकलैंड, 2015) India v Zimbabwe - 2015 ICC Cricket World Cup 2015 विश्व कप में जिम्बाब्वे के हालात ठीक नहीं थे और भारत का प्रदर्शन लगातार बेहतर होता दिख रहा था। ऐसे में किसी को भी जिम्बाब्वे से कोई खास उम्मीद नहीं थी, लेकिन ब्रेंडन टेलर और वैलिअंट की 138 रनों की साझेदारी और तिनाशे पनयंगारा की शानदार बोलिंग ने भारत को बैकफुट पर धकेल दिया। एक बार फिर जिम्मेदारी थी मध्यक्रम के ऊपर यानी रैना और धोनी। रैना ने शांत शुरूआत की, लेकिन गेंदबाजी में ढील मिलते ही रैना ने तेजी से रन बटोरने शुरू कर दिए और टीम को जीत तक ले गए। एक बार फिर भारत की जीत के हीरो बने सुरेश रैना। रैना में इस मैच में शानदार सेंचुरी लगाई। #5. श्रीलंका के खिलाफ 120 रन (कोलंबो, 2010) Indian cricketer Suresh Raina (R) is con फ्लैट विकेट को ध्यान में रखते हुए भी श्रीलंका की पहली पारी के 642 रनों का पीछा, काफी मुश्किल लग रहा था, लेकिन सहवाग और तेंदुलकर की साझेदारी ने भारत के लिए चीजें आसान कर दीं। साथ ही, रैना ने तेंदुलकर के साथ 256 रनों की साझेदारी करके भारत को मजबूत स्थिति में ला दिया। यह रैना का पहला टेस्ट मैच था और अपने पहले ही मैच में रैना ने शतक जमा डाला। भारत ने पहली पारी में 707 रन बनाए और मैच ड्रॉ रहा। #4. इंग्लैंड के खिलाफ 100 रन (कार्डिफ, 2014) England v India - Royal London One-Day Series 2014 शॉर्ट-पिच बोलिंग के खिलाफ कमजोर खेल के चलते रैना को काफी आलोचना का सामना करना पड़ रहा था। हालांकि, रैना ने इंग्लैंड की मजबूत पेस बोलिंग के सामने शतक जमाकर सबका मुंह बंद कर दिया। रैना 24वें ओवर में खेलने उतरे। भारत की स्थिति भी ठीक थी। धोनी के साथ मिलकर उन्होंने विकेटों के बीच तेजी से रन बटोरे और खराब डिलिवरीज पर बाउंड्रीज भी लगाईं। रैना ने 20 ओवर से ज्यादा बल्लेबाजी की और 47वें ओवर में जब तक वह वापस लौटे, तब तक इंग्लैंड मैच में वापसी की उम्मीद छोड़ चुका था। #3. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 49* रन (सिडनी, 2016) Australia v India - Game 3 मौका था 2016 में हुई टी-20 सीरीज के आखिरी मैच का। शेन वॉटसन की शानदार 124 रनों की पारी की बदौलत कंगारुओं ने भारत के सामने 197 रनों का लक्ष्य रखा। जवाब में रोहित शर्मा और विराट कोहली ने अर्धशतक लगाए और भारत को मैच में बनाए रखा। हालांकि, रोहित और कोहली दोनों ने ही कम अंतराल में अपने विकेट गंवा दिए। जिसके बाद युवराज सिंह ने पारी को संभाला जरूर, लेकिन उसमें तेजी लाए सुरेश रैना। 18वें ओवर की आखिरी 2 गेंदों पर रैना ने लगातार 2 चौके लगाए। भारत को जीत के लिए आखिरी गेंद पर 2 रन चाहिए थे और रैना ने पाइंट पर चौका लगाकर अपने शानदार अंदाज में मैच खत्म किया। #2. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 101* रन (ग्रौस आइलट, 2010) Indian batsman Suresh Raina (R) celebrat 2010 आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप में रैना ने एक नया कीर्तिमान रचा। वह भारत की ओर से तीनों प्रारूपों में शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज बने। डेल स्टेन, मॉर्ने मॉर्केल और जैक कालिस जैसे गेंदबाजों के सामने रैना ने सिर्फ 60 गेंदों में शतक जमा डाला। मैच में रैना के बाद सबसे ज्यादा रन बनाने वाले थे युवराज (37 रन), इसलिए यह कह सकते हैं कि रैना ने वन मैन शो दिखाया और दक्षिण अफ्रीका को हार का मुंह देखना पड़ा। #1. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 34* रन (अहमदाबाद) और पाकिस्तान के खिलाफ 36* रन (मोहाली, 2011) Australia v India - 2011 ICC World Cup Quarter-Final 2011 विश्व कप में रैना को लंबे वक्त तक प्लेयिंग इलेवन में जगह ही नहीं दी गई, लेकिन टूर्नामेंट के आखिरी और जरूरी दौर में टीम को अपने इस भरोसेमंद खिलाड़ी की याद आई। रैना ने इस मौके को अच्छे से भुनाया भी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्वॉर्टर-फाइनल मुकाबले में भारत के विकेट लगातार गिर रहे थे और टीम पर भारी दबाव था। भारत को जीत के लिए 12 ओवर में 74 रन चाहिए थे और सामने थी वर्ल्ड चैंपियन ऑस्ट्रेलिया। रैना पिच पर आए और युवराज सिंह के साथ मैच-विनिंग पार्टनरशिप की। रैना ने 28 गेंदों का सामना किया और सिर्फ 3 ही बाउंड्रीज लगाईं, लेकिन उन्होंने रन-रेट को नियंत्रण में रखा। रैना ने शानदार छक्का लगाकर मैच भारत के पक्ष में खत्म किया। ब्रेट ली की गेंद पर रैना का यह फाइनल स्ट्रोक फैन्स के लिए यादगार हो गया। पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में भारत का शीर्ष बल्लेबाजी क्रम लड़खड़ा चुका था। रैना ने निचले क्रम के बल्लेबाजों की मदद से भारतीय पारी को संभाले रखा। सईद अजमल ने भारत को खासा परेशान करके रखा था, लेकिन रैना ने परिस्थिति के हिसाब से शानदार खेल दिखाया और आखिरी ओवरों में तेजी से रन जोड़कर भारत को सम्मानजनक स्थिति तक पहुंचाया। लेखकः चैतन्य हलगेकर, अनुवादकः देवान्श अवस्थी

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