मैच फिक्सिंग युग के बाद सौरव गांगुली के ऊपर कप्तानी की जिम्मेदारी आ गई थी। 2001 में ऑस्ट्रेलिया की टीम अपने जबरदस्त रिकॉर्ड के साथ भारत के दौरे पर आई थी। मुंबई में पहला टेस्ट जीतकर ऑस्ट्रेलिया ने 16 टेस्ट लगातार जीतने का रिकॉर्ड बना दिया था। कोलकाता के दूसरे टेस्ट की पहली पारी तक ऑस्ट्रेलिया लगातार 17वें जीत की ओर बढ़ रहा था। ऑस्ट्रेलिया के पहली पारी के 445 के जवाब में भारतीय टीम सिर्फ 171 रन बनाकर आउट हो गई थी। लेकिन मैच पलटा भारत की दूसरी पारी में जब वीवीएस लक्ष्मण ने राहुल द्रविड़ के साथ पांचवें विकेट की साझेदारी में रिकॉर्ड 376 रन जोड़ डाले। लक्ष्मण ने 281 और द्रविड़ ने 180 रनों की पारी खेली थी और भारत ने 657 रन बनाकर पारी घोषित की। हरभजन सिंह की जबरदस्त गेंदबाजी के सामने ऑस्ट्रेलियाई टीम 212 रन बनाकर आउट हुई और फॉलोऑन के बावजूद भारत ने मैच जीत लिया। ये जीत आज भी भारत के टेस्ट इतिहास के सबसे शानदार जीत मानी जाती है और इसी के साथ सौरव गांगुली के एक सफल कप्तान बनने की शुरुआत हुई थी।