20 साल: राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली के क्रिकेट करियर के साथ के 10 यादगार लम्हें जो फैन्स कभी भूल नहीं पाएंगे

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#4 2002 इंग्लैंड दौरा, शानदार फॉर्म में द्रविड़ और दादा
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लॉर्ड्स में नैटवेस्ट ट्रॉफी का एतिहासिक फाइनल जीतने के बाद भारत को इंग्लैंड के खिलाफ चार टेस्ट खेलने थे। पहले टेस्ट में हार के बाद भारत ने दूसरा टेस्ट बढ़िया बल्लेबाजी की बदौलत ड्रॉ करवाया। इस टेस्ट में राहुल द्रविड़ ने दूसरी पारी में 115 रन बनाये, वहीँ गांगुली अभाग्यशाली रहे कि 99 रनों पर आउट हो गए। दादा ने पहली पारी में भी अर्धशतक लगाया था। तीसरे टेस्ट में राहुल द्रविड़ ने बहुत ही लाजवाब शतक लगाया और भारत ने वो मैच पारी और 46 रनों से जीतकर इतिहास रच दिया। द्रविड़ के 148 के अलावा पहली पारी में सचिन तेंदुलकर और गांगुली ने भी शतक लगाया था। चौथा टेस्ट ड्रॉ करवाकर भारत ने इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज ड्रॉ करवाई। इस आखिरी टेस्ट में द्रविड़ ने 217 रनों की बेमिसाल पारी खेली थी और उन्हें मैन ऑफ़ द सीरीज चुना गया था। द्रविड़ ने सीरीज में 602 और गांगुली ने 351 रन बनाये थे और इसी सीरीज के साथ गांगुली की कप्तानी में द्रविड़ का 'गोल्डन एरा' शुरू हुआ था। इस सीरीज के दौरान एक और मज़ेदार घटना हुई जब लॉर्ड्स का फाइनल जीतने के बाद सौरव गांगुली ने अपनी टीशर्ट लहराई थी, जब उसके बाद वही चीज़ हरभजन सिंह करने लगे तो राहुल द्रविड़ ने उन्हें मना करते हुआ कहा कि टीम में एक ही सलमान खान काफी है।

Edited by Staff Editor
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