2003 के अंत में भारतीय टीम चार टेस्ट मैचों की सीरीज खेलने ऑस्ट्रेलिया गई। पहले ब्रिसबेन टेस्ट में सौरव गांगुली ने बहुत ही उम्दा शतक लगाया और भारत ने टेस्ट ड्रॉ करवाया। दूसरे एडिलेड टेस्ट की पहली पारी में रिकी पोंटिंग के 242 रनों रनों की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने 556 रन बनाये जिसके जवाब में भारत ने राहुल द्रविड़ के लाजवाब 233 रनों की पारी की बदौलत 523 रन बनाये। दूसरी पारी में अजित अगरकर ने 6 विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया को सिर्फ 196 रनों पर पवेलियन भेज दिया। राहुल द्रविड़ ने एक बार फिर टीम को सँभालते हुए 72 रन बनाये और भारत ने विदेशी धरती पर एक एतिहासिक जीत दर्ज की। भारत इसके बाद हालाँकि मेलबर्न टेस्ट हार गया और सिडनी टेस्ट ऑस्ट्रेलिया ने ड्रॉ करवाकर सीरीज 1-1 से ड्रॉ करवा ली, लेकिन राहुल द्रविड़ की बेहतरीन बल्लेबाजी और कप्तान के तौर पर गांगुली की ये सफलता इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई।