अलग-अलग पीढ़ी के खिलाड़ियों के बीच के 10 रोचक मुकाबले

10

विराट कोहली, डेल स्टेन, स्टीव स्मिथ, एबी डिविलियर्स जैसे कुछ खिलाड़ी इस पीढ़ी के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं। कुछ इसी तरहकुमार संगकारा, मुरलीधरन, जैक्स कैलिस आदि इससे पहले वाले पीढ़ी के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में गिने जाते थे।

आसान भाषा में बोला जाये तो हर पीढ़ी में कुछ ऐसे खिलाड़ी होते है जो अपनी पीढ़ी के अन्य खिलाड़ियों से अलग होते हैं। प्रशंसक हमेशा सोचते हैं कि दो अलग-अलग युग के खिलाड़ियों के बीच टकराव होता तो कौन किसपर हावी हो सकता है।

आज ऐसे ही 10 मुकाबलों की बात करेंगे जो दो अलग-अलग पीढ़ी के खिलाड़ियों के बीच होता तो दिलचस्प लगता

मैथ्यू हेडन बनाम रविचंद्रन अश्विन भारत में

पिछले कुछ दशकों में सभी टीमों में कई बार भारत का दौरा किया। मेहमान टीम के बल्लेबाजों को हमेशा भारतीय गेंदबाजों को खेलने में परेशानी का सामना करना पड़ा है। किसी बल्लेबाज ने आसानी से भारतीय गेंदबाजों का सामना किया है और खासकर स्पिनरों पर चढ़ कर खेला है तो वह बल्लेबाज मैथ्यू हेडन है।

अपने घर से बाहर हेडन ने सिर्फ एक ही देश में 1000 से ज्यादा रन बनाये हैं और वह जगह भारत ही है। भारत में खेली 11 पारियों में हेडन ने 1027 रन बनाने हैं। 2001 की टेस्ट सीरीज के दौरान जब हरभजन सिंह के गेंदबाजी का तोड़ किसी ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज के पास नहीं था लेकिन उस दौरे में भी हेडन ने 109.8 की औसत से 549 रन बनाये थे। इससे भारतीय सरजमीं पर भारतीय स्पिनरों के सामने उनका दबदबा समझ आता है।

उस सीरीज के करीब 15 साल बाद भारत के पास अश्विन जैसा स्पिनर है जो भारतीय सरजमीं पर हरभजन सिंह से भी अच्छा गेंदबाज माना जाता है। क्या अश्विन उस समय हेडन को रोक पाते? चेन्नई सुपरकिंग्स के दोनों पूर्व खिलाड़ियों में कौन किस पर भारी पड़ता?विराट कोहली बनाम वसीम अकरम

9

बिना किसी मतभेद के विराट कोहली को इस समय क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में दुनिया का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज माना जाता है और अपने समय में वसीम अकरम भी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज थे।

कोहली को रन बनाने की भूख है और वह लगातार ऐसा करते जा रहे हैं लेकिन हर खिलाड़ी की कोई ना कोई कमजोरी जरुर होती है और कोहली भी उससे अछूते नहीं हैं। स्विंग गेंदबाजी के खिलाफ कोहली हमेशा जूझते नजर आये हैं। जब भी गेंदबाज गेंद को ऑफ स्टंप के बाहर फेंकता है कोहली उसका पीछा करते हैं और स्लिप में कैच थमा देते हैं। इसी तरह अंदर आने वाली गेंदों पर भी कोहली कई बार एलबीडबल्यू या बोल्ड आउट हुए हैं।

इसलिए कोहली को उस गेंदबाज के सामने खेलते देखना जिसने अपने पुरे करियर में ऐसी ही गेंदबाजी की है, काफी दिलचस्प होता। वसीम अपने दौर में इसी तरह की गेंदों से सभी बल्लेबाजों को परेशान करते थे। सोचिये वह मुकाबला कैसा होगा जब कोहली और अकरम दोनों अपने पुरे लय होते?शेन वार्न बनाम जो रूट

8

मैं बिना किसी हिचकिचाहट के यह बात बोल सकता हूँ कि शेन वार्न क्रिकेट खेलने वाले स्पिनरों में सर्वश्रेष्ठ है। भले की मुरलीधरन के मुकालबे उनके विकेटों की संख्या कम हो लेकिन उनका जो गेंदबाजी करने का तरीका था और वह जिस माहौल में गेंदबाजी करते थे, वही उन्हें सर्वश्रेष्ठ बनाता है।

वार्न ने विश्व के लगभग सभी बल्लेबाजों को परेशान किया है। वह इस पीढ़ी के बल्लेबाजों के खिलाफ कितने खतरनाक साबित होते जहाँ स्पिन खेलने वाले कई बल्लेबाज हैं?

स्पिन को अच्छा खेलने वाले बल्लेबाजों की बात करे तो हमारे दिमाग में कई नाम आते हैं और उसमें इंग्लैंड के जो रूट भी शामिल हैं। रूट ने अश्विन, रविन्द्र जडेजा, यासिर शाह और रंगना हेराथ जैसे गेंदबाजों पर हावी होकर बल्लेबाजी की है तो इन दोनों एशेज प्रतित्द्वंदी में कैसा मुकाबला होता? आपको लग सकता है कि वार्न हावी रहते लेकिन रूट को भी कम नहीं आँका जा सकता है।

डेल स्टेन बनाम विव रिचर्ड्स

7

अंटीगुआ के विव रिचर्ड्स सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों की सूची में रखा जाता है। जब फटाफट क्रिकेट का नामोनिशान नहीं था उस समय विव रिचर्ड्स ने बताया की तेजी से रन कैसे बनाते हैं। उन्होंने अपने समय के लगभग सभी गेंदबाजों के ऊपर अपना दबदबा कायम किया था।

कई लोग यह भी मानते हैं कि उस समय के सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाज भी रिचर्ड्स की टीम में ही थे फिर भी अन्य विपक्षी टीमों में भी कई गेंदबाज थे जिनकी धुनाई रिचर्ड्स ने किया था। दूसरी तरफ डेल स्टेन हैं, जिन्होंने उस काल में अपनी पहचान बनाईं जब बल्ला गेंद पर हावी होने लगा था।

निसंदेह स्टेन पिछले एक दशक से सबसे अच्छे तेज गेंदबाज हैं। तेजतर्रार स्टेन के जब शांत और धैर्यवान रिचर्ड्स को गेंद डालते और दोनों का जो मुकाबला होता क्रिकेट प्रशंसक उसे जरुर देखना पसंद करते।मुथैया मुरलीधरन बनाम ज़हीर अब्बास

6

अगर स्पिन को अच्छा खेलने वाले बल्लेबाजों की बात की जाये तो हमारे दिमाग में ज़हीर अब्बास का नाम जरुर आएगा। अपने समय में ज़हीर स्पिन खेलने वाले सबसे अच्छे बल्लेबाजों में गिने जाते थे और अगर सर्वकालिक सूची भी बनाई जाये तो उसमें शीर्ष-10 में जरुर शामिल होंगे। उनके अंदर यह काबिलियत थी कि वह गेंदबाज के हाथ से ही गेंद की दिशा समझ लेते थे।

‘एशियाई ब्रेडमैन’ के नाम से मशहूर ज़हीर भारतीय स्पिन चौकड़ी के लिए बुरे सपने की तरह थे, यही गेंदबाज उस समय सर्वश्रेष्ठ स्पिनर माने जाते थे। क्या ज़हीर ऐसा ही प्रदर्शन मुरलीधरन के खिलाफ कर सकते थे, जिनके नाम क्रिकेट इतिहास में सबसे ज्यादा विकेट हासिल करने का कीर्तिमान है?

श्रीलंका का यह स्पिन गेंदबाज अपनी घुमती गेंदों पर बल्लेबाज को पिच पर नाचने को मजबूर कर देता था। इसलिए ज़हीर और मुरली के बीच का मुकाबला देखने लायक होता।वीरेंदर सहवाग बनाम जेफ़ थॉमसन

5

जब भी सहवाग बल्लेबाजी करने आते थे तो उनका एक ही मंत्र होता था, गेंद देखो और उसे मारो। उन्हें कभी गेंदबाज ने नाम और उनकी गेंदबाजी से कोई फर्क नहीं पड़ता था। उन्हें उस इस बात से मतलब था कि जो गेंद उनके सामने आ रही है उसे सीमारेखा से बाहर जाना चाहिए।

सहवाग ने हर उस गेंदबाज के साथ ऐसा ही किया जिसका उन्होंने सामना किया, वो भी बेहिचक। लेकिन, एक गेंदबाज जो सहवाग को चुनौती पेश कर सकता था, वह थे ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज जेफ़ थोम्प्सन।

स्लिंगी गेंदबाजी एक्शन वाले न्यू साउथ वेल्स के इस गेंदबाज को क्रिकेट इतिहास का सबसे तेज गेंदबाज माना जाता है। विव रिचर्ड्स जैसे बल्लेबाजों के लिए भी थोम्प्सन का सामना मुश्किल साबित होता था। ऐसे में इस ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज और भारतीय सलामी बल्लेबाज का मुकाबला देखने योग्य होता।

मिचेल स्टार्क बनाम सनथ जयसूर्या, फील्डिंग पाबन्दी के दौरान

4

1996 विश्वकप में श्रीलंका के सलामी बल्लेबाज सनथ जयसूर्या फील्डिंग पाबंदियों के दौरान बल्लेबाजी करने का तरीका बता दिया। उनकी सफलता के बाद अन्य टीमों ने भी ऐसे ही बल्लेबाजी शुरू कर दी।

श्रीलंका का यह बल्लेबाज अपने समय के सभी गेंदबाजों पर हावी हो जाता था और उनकी निरंतरता का भी कोई बराबरी नहीं थी। अभी की पीढ़ी में मिचेल स्टार्क सबसे अच्छे तेज गेंदबाज माने जाते हैं जो शुरुआत और अंत दोनों ही ओवरों के दौरान एक जैसी गेंदबाजी कर सकते है। बहुत ही कम बल्लेबाज ऐसे हैं जो फील्डिंग पाबंदी के दौरान स्टार्क पर भारी पड़ते हैं।

क्या स्टार्क श्रीलंका के इस धाकड़ बल्लेबाज को शुरुआत में रोक पाते यदि जयसूर्या इस समय खेलते होते?

महेंद्र सिंह धोनी बनाम वकार युनिस

3

योर्कर को किसी का गेंदबाज का सबसे कारगर हथियार माना जाता है और अगर एक भी योर्कर सभी ठिकाने पर पड़ जाये तो बल्लेबाज के लिए बचना लगभग नामुंकिन हो जाता है। इसका अंदाजा वकार युनिस और लसिथ मलिंगा की गेंदबाजी को देखकर लगाया जा सकता है।

जहाँ मलिंगा अब अपने करियर के अंतिम दौर में वैसे खतरनाक नहीं रहे लेकिन वकार संन्यास के समय तक कहर बरपा रहे था। उन्होंने अपने पीढ़ी के सभी बल्लेबाजों को अपनी योर्कर से परेशान किया और उनका विकेट भी हासिल किया। अंतिम के कुछ ओवरों में वकार का सामना करना किसी भी बल्लेबाज के लिए बुरे सपने की तरह होता था।

पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी क्रिकेट के सबसे अच्छे फिनिशर माने जाते हैं। उन्होंने भले ही अपने करियर के दौरान वकार का सामना नहीं किया लेकिन अन्य सभी गेंदबाजों का धोनी ने जम कर धुनाई की।

क्या यह देखना रोचक नहीं होता कि अंतिम ओवरों का सबसे खतरनाक गेंदबाज का सामना दुनिया का सबसे अच्छा फिनिसर कैसे करता है?

सचिन तेंदुलकर बनाम मैलकॉम मार्शल टेस्ट मैचों में

2

सर डॉन ब्रेडमैन के पीढ़ी के बाद सचिन तेंदुलकर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज माने जाते है और मैलकॉम मार्शल क्रिकेट इतिहास के सबसे महान तेज गेंदबाजों में एक। दोनों महान खिलाड़ियों का सामना 1992 विश्वकप में हुआ था जहाँ सचिन से मार्शल को लेग साइड की तरफ कई शॉट खेले थे।

सचिन ने वसीम अकरम, ग्लेन मैकग्रा, कर्टली एम्ब्रोस जैसे गेंदबाजों का सामना आसानी से किया था लेकिन आप अनुमान लगा सकते हैं कि जब सचिन का सामना मैलकॉम मार्शल से होता तो कैसा होता? टेस्ट मैचों में मार्शल का गेंदबाजी औसत 20.9 है जो 200 से ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों में सबसे बेहतर है।

मार्शल ने अपने समय के सभी बल्लेबाजों को अपनी गति और स्विंग की मदद से ढेर कर दिया था। क्या वो लाल गेंद के साथ ऐसा ही कारनामा उस बल्लेबाज के सामने कर सकते थे जिसने अपनी पीढ़ी के सभी गेंदबाजों की गेदों को बौना साबित किया है।

कर्टली एम्ब्रोस बनाम कुमार संगकारा

1

आपको याद है जब कुमार संगकारा ने क्रिकेट ऑल-स्टार्स टूर्नामेंट में एम्ब्रोस की शॉर्ट गेंद पर छक्का जमाया था? वह शायद एक मात्र मौका था जब किसी बल्लेबाज ने एम्ब्रोस को इतनी आसानी से छक्का जड़ा था। अंटीगुआ का यह तेज गेंदबाज अपनी पीढ़ी का सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाज माना जाता था जो अपनी गति, उछाला और सटीक दिशा से बल्लेबाजों को पिच पर टिकने नहीं देता था। एम्ब्रोस ने अपने करियर में खेले 98 टेस्ट में 20.98 की औसत से 405 विकेट हासिल किये थे।

दूसरी तरफ संगकारा भी अपनी पीढ़ी के सबसे अच्छे बल्लेबाज माने जाते थे और उन्होंने सभी गेंदबाजों का डट कर सामना किया। टेस्ट से संन्यास लेने से पहले संगकारा ने 57.4 की औसत से 12000 से रन बनाये थे।

विश्व के सबसे अच्छे बल्लेबाज और सबसे खतरनाक गेंदबाज अगर आमने-सामने होता तो मुकाबला देखने लायक होता।

लेखक- विग्नेश अनंथसुब्रमण्यम

अनुवादक- ऋषिकेश सिंह

Edited by Staff Editor
Sportskeeda logo
Close menu
WWE
WWE
NBA
NBA
NFL
NFL
MMA
MMA
Tennis
Tennis
NHL
NHL
Golf
Golf
MLB
MLB
Soccer
Soccer
F1
F1
WNBA
WNBA
More
More
bell-icon Manage notifications