2000 में दिल्ली पुलिस को एक टेलीफोन की बातचीत हाथ लगी जो सट्टेबाजों और दक्षिण अफ्रीका के कप्तान हैंसी क्रॉनिय के बीच की थी। इस बातचीत से पुलिस इस निर्णय तक पहुंची कि दक्षिण अफ्रीका के कप्तान ने मैच हारने के लिए पैसे लिए हैं।
क्रॉनिय के खेलने पर उसी समय पाबंदी लगा दी गयी और उसके बाद हुए खोजबीन में पाकिस्तान के सलीम मलिक, उस समय के भारतीय कप्तान मोहम्मद अजरुद्दीन और बल्लेबाज अजय जडेजा का नाम भी सामने आया। इसके बाद भारतीय क्रिकेट चारों तरफ से दबाव में घिर गई। बीसीसीआई ने अज़हरुद्दीन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया वहीं अजय जडेजा पर 5 सालों का प्रतिबंध लगा।
इस समय को बीबीसी ने "भारतीय क्रिकेट का सबसे बुरा समय" बोलकर सम्बोधित किया। इसके बाद भारतीय क्रिकेट का कोई भविष्य नहीं दिख रहा था। सभी खिलाड़ी एक दूसरे को शक की नज़र से देखने लगे थे और टीम के पास कोई कप्तान भी नहीं था।
सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ और अनिल कुंबले जैसे बड़े खिलाड़ियों ने टीम को इससे बाहर निकालने के लिए काफी काम किया। टीम को कई सीनियर खिलाड़ी होने के बावजूद टीम की कमान सौरव गांगुली के हाथों में मिली और उसके बाद जिस तरह भारतीय क्रिकेट उभर कर आई वह ऐतिहासिक है।