10 ऐसे मौके जिन्हें भारतीय क्रिकेट प्रेमी कभी याद करना नहीं चाहेंगे

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भारत बनाम वेस्टइंडीज, तीसरा टेस्ट बारबाडोस 1997
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किसी भी भारतीय खेल प्रेमी से पूछा जाए कि 90 के दशक में भारतीय टीम का सबसे बुरा समय कब था तो वो 1997 में बारबाडोस में वेस्टइंडीज के खिलाफ हुए टेस्ट मैच का नाम जरूर लेंगे। सचिन तेंदुलकर की कप्तानी वाली यह टीम 120 रनों के लक्ष्य का पीछा नहीं कर पाई और 38 रनों से मैच हार गई।

मैच के अंतिम दिन भारतीय बल्लेबाजों को देख कर ऐसा लगा ही नहीं कि वह लड़ने आये हैं। कर्टली एम्ब्रोस, इयान बिशप और फ्रैंकलिन रोज की गेंदबाजी के सामने भारतीय टीम 81 रनों पर ढेर हो गयी और वीवीएस लक्ष्मण ही एकमात्र ऐसे बल्लेबाज थे जो दहाई के आंकड़े को छू पाए।

कप्तान सचिन तेंदुलकर ने अपनी किताब में इस मैच का जिक्र करते हुए लिखा "सोमवार 31 मार्च 1997 का दिन भारतीय क्रिकेट के सबसे काले दिनों में एक था और मेरी कप्तानी का सबसे खराब दिन। इस हार ने मुझे बुरी तरह तोड़ दिया और मैंने अपने आप को दो दिनों तक कमरे में बंद रखा। जिससे मैं इस हार से उभर पाऊ। जब मैं पीछे मुड़ कर देखता हूं तो आज भी वो हार मुझे दर्द देती है।"

Edited by Staff Editor
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