1996 का क्रिकेट विश्वकप भारतीय उपमहाद्वीप में हो रहा था और उस समय सचिन तेंदुलकर शानदार फॉर्म ने चल रहे थे। इसी वजह से भारतीय प्रशंसकों को उम्मीद थी कि भारतीय टीम इस बार विश्वकप की ट्रॉफी उठाएगी।
सचिन ने किसी को निराश नहीं किया और पहले ही दिन से गेंदबाजों पर टूट कर पड़े। बाकी खिलाड़ियों का भी अच्छा साथ मिला और भारत की टीम सेमीफाइनल में पहुंच गयी जहां ईडन गार्डन ने उसका मुकाबला श्रीलंका से होने वाला था।
लेकिन, भारतीय खिलाड़ी और फैन्स उस समय अचंभित रह गए जब भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया।
भारतीय गेंदबाजों ने अच्छी गेंदबाजी की और श्रीलंका की टीम को 251 रनों पर रोक दिया। जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम को सचिन ने अच्छी शुरुआत दिलाई और एक समय टीम का स्कोर 98/1 था तभी सचिन 65 रन बनाकर आउट हो गए। उसके बाद जैसे विकेटों का पतझड़ लग गया और भारत का स्कोर 120/8 हो गया। विनोद कांबली और अनिल कुंबले पिच पर टिके थे। किसी भी भारतीय बल्लेबाज ने जिम्मेदारी नहीं दिखाई और श्रीलंका के स्पिनरों के सामने घुटने टेक दिए।
इसके बाद दर्शकों ने उत्पात मचाना शुरू कर दिया। मैदान में बोतलें फेंकी और दर्शक दीर्घा में जगह-जगह आगजनी शुरू कर दी। इसके कारण आगे मैच नहीं हो पाया और मैच रेफरी ने श्रीलंका को विजेता घोषित कर दिया।
उस समय विनोद कांबली का रोते हुए मैदान से बाहर आना आज भी खेल प्रेमियों के दिल मे जिंदा है।