10 स्थापित बल्लेबाज़ जो शतक लगाने से ज्यादा बार जीरो पर आउट हुए

बीते दो दशक में क्रिकेट को कई महान बल्लेबाज़ मिले, जिन्होंने वनडे क्रिकेट को अपने प्रदर्शन से नया मुकाम दिया। तकरीबन सभी देशों ने विश्व क्रिकेट को ऐसे बल्लेबाज़ दिए। जिन्होंने विपक्षी टीम को अपनी बल्लेबाज़ी से परेशान किया। इन खिलाड़ियों न सिर्फ बेहतरीन प्रदर्शन किया बल्कि कई शतकीय पारी भी खेली। लेकिन इन स्थापित बल्लेबाजों के नाम एक शर्मनाक रिकॉर्ड जुड़ा हुआ है। वह शतक से ज्यादा बार जीरो पर आउट होने का रिकॉर्ड, यहां आपको ऐसे 10 बल्लेबाजों के बारे में बता रहे हैं: नोट:इस लिस्ट में हमने उन्हीं बल्लेबाजों को शामिल किया है, जिन्होंने वनडे में 10 से ज्यादा शतक बनाया है। सनथ जयसूर्या श्रीलंकाई दिग्गज जयसूर्या ने अपने समय के सबसे खतरनाक सलामी बल्लेबाजों में से एक थे। जिन्होंने श्रीलंकाई क्रिकेट की दशा को बदलते हुए नई दिशा दी। विपक्षी गेंदबाज़ी की बखिया उधेड़ने के लिए लोगों ने उन्हें मटारा मुलर नाम दिया। अपने जमाने के विश्वस्तरीय गेंदबाजों की जयसूर्या ने जमकर खबर ली। जयसूर्या श्रीलंकाई टीम के कप्तान भी रहे, साल 2003 में उनकी कप्तानी में टीम विश्वकप के सेमीफाइनल में भी पहुंची थी। लेकिन टीम को ऑस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ा था। वह पारी की पहली गेंद का सामना करते थे, जिसका उन्हें फायदा भी तो कई बार उन्हें नुकसान भी हुआ। वह कई बार पहली गेंद पर आउट होकर पवेलियन गए। 445 वनडे मैच खेलने वाले जयसूर्या शतक लगाने से ज्यादा बार जीरो पर आउट हुए हैं। उनके नाम 28 शतक दर्ज हैं। जबकि वह 34 बार जीरो पर आउट हुए हैं। इंजमाम-उल हक़ मुल्तान के वजनदार क्रिकेटर व लम्बे समय तक पाकिस्तानी टीम की कप्तानी करने वाले इंजमाम ने अपनी टीम को कई बार अकेले दम पर जीत दिलाई। उनका रिकॉर्ड घर में व बाहर दोनों जगह बेहतरीन रहा था। उनकी शैली आक्रामक क्रिकेट खेलने की थी। लेकिन भारी भरकम शरीर की वजह से वह विकेटों के बीच में दौड़ लगाने में कमजोर माने जाते थे। जिसकी वजह से उनके नाम शतक लगाने से ज्यादा बार जीरो पर आउट होने का रिकॉर्ड भी दर्ज है। 378 वनडे मैचों में इंजी के नाम 10 शतक दर्ज हैं, जबकि 20 बार वह जीरो पर आउट हुए हैं। हर्शल गिब्स दक्षिण अफ्रीका के आक्रामक बल्लेबाज़ हर्शल गिब्स अपने समय में टीम के अहम अंग हुआ करते थे। वह प्रोटेस टीम को कई बार बेहतरीन शुरुआत दे चुके हैं, खासकर जब टीम लक्ष्य का पीछा करती थी, तो वह काफी मददगार रहते थे। साल 2006 उन्होंने अपने करियर की सबसे यादगार पारी खेली और ऑस्ट्रेलिया द्वारा बनाये गये रिकॉर्ड लक्ष्य का पीछा करने में अपनी टीम की मदद की। उस मैच को लोग वर्षों तक याद रखेंगे। लेकिन उनके नाम भी ये शर्मनाक उपलब्धि जुड़ी है। उन्होंने शतक 21 लगाये हैं, लेकिन 22 बार वह जीरो पर आउट हुए हैं। एडम गिलक्रिस्ट गिलक्रिस्ट ने क्रिकेट में एक नये चलन की शुरुआत की, जो आगे चलकर सभी विकेटकीपरों के लिए अनिवार्य हो गया। उन्होंने ऐसा करके दिखाया भी एक विकेटकीपर को बेहतरीन बल्लेबाज़ी भी आनी चाहिए। वनडे में वह सलामी बल्लेबाज़ी करते थे व टेस्ट में वह मध्यक्रम में बैटिंग करते थे। 287 मैचों में गिली ने 16 शतक बनाये हैं, तो 19 बार वह जीरो पर आउट हुए हैं। गिलक्रिस्ट सलामी बल्लेबाज़ी करते थे, साथ ही उनका तेवर आक्रामक होता है। जिसकी वजह से वह कई बार जीरो पर भी आउट हुए। अरविन्द डिसिल्वा श्रीलंका के महान बल्लेबाज़ अरविन्द डिसिल्वा ने कई वर्षों तक अपनी टीम की कमान भी संभाली। 1996 में विश्वकप जीतने वाली टीम के वह अहम अंग थे। इसके अलावा विश्व क्रिकेट में श्रीलंका को स्थापित करने में अरविन्द की अहम भूमिका है। अरविन्द ने कई बार अकेले दम पर श्रीलंका को मैच जितायें हैं। उन्होंने श्रीलंका के लिए 308 मैच खेलने वाले अरविन्द ने 11 शतक लगाये हैं, लेकिन वह 17 बार जीरो पर आउट हुए हैं। राहुल द्रविड़ भारत के महान बल्लेबाजों में से एक राहुल द्रविड़ को लोग द वाल भी कहते हैं। टेस्ट में उनका प्रदर्शन शानदार रहा है। हालांकि वनडे में उनका प्रदर्शन टेस्ट के मुकाबले उतना अच्छा नहीं रहा है। लेकिन मध्यक्रम को उन्होंने काफी मजबूती प्रदान की थी। टेस्ट में उनके नाम 36 शतक दर्ज हैं, जबकि वनडे में 12 शतक दर्ज हैं, जबकि वह 13 बार बिना खाता खोले ही पवेलियन लौटे हैं। जो किसी दुर्भाग्य से कम नहीं है। महेला जयवर्धने पूर्व श्रीलंकाई कप्तान ने लम्बे समय तक मध्यक्रम की जिम्मेदारी अपने कंधे पर ढोई है। उनकी कप्तानी में श्रीलंका 2007 के विश्वकप के फाइनल में पहुंची थी। जहाँ ऑस्ट्रेलिया से उसे हार का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कुमार संगकारा के साथ मिलकर कई बड़ी साझेदारी निभाई है। उनके जाने के बाद आज भी श्रीलंकाई टीम उनके खाली जगह को नहीं भर पायी है। महेला बहुत कम ही बार जीरो पर आउट हुए हैं। 448 वनडे मैचों में जयवर्धने ने 19 शतक बनाये हैं, जबकि वह 9 बार जीरो पर आउट हुए हैं। जबकि उन्होंने अपने पूरे करियर में 12650 रन बनाये हैं। क्रिस गेल विस्फोटक बल्लेबाज़ और खुद को यूनिवर्स का बॉस बताने वाले क्रिस गेल ने दुनिया के हर कोने में शानदार बल्लेबाज़ी की है। गेल जब भी चले हैं, विपक्षी टीम मैच से बाहर हो गयी है। टी-20 क्रिकेट में गेल ने 10 हजार से ज्यादा रन बनाये हैं। जबकि उन्होंने वेस्टइंडीज के लिए 300 एकदिवसीय मैच भी खेले हैं। हालाँकि हैरानी की बात कि वनडे में गेल का स्ट्राइक रेट 85 है, लेकिन इससे भी ज्यादा हैरानी की बात ये है कि वह 23 बार जीरो पर आउट हुए हैं। जबकि उनके नाम मात्र 22 शतक दर्ज हैं। नाथन एस्टल मध्यक्रम के बल्लेबाज़ नाथन एस्टल अपनी पीढ़ी के कम आंके गये विस्फोटक बल्लेबाज़ हैं। एस्टल ने न्यूज़ीलैंड की तरफ से खेलते हुए स्टीफन फ्लेमिंग और क्रेग मैकमिलन के साथ कई यादगार साझेदारियां निभाई हैं। 223 एकदिवसीय मैचों में एस्टल ने 35 के करीब औसत से 7090 रन बनाये हैं। जहाँ उनके नाम 16 शतक दर्ज हैं। लेकिन वह 19 बार जीरो पर आउट हुए हैं। युवराज सिंह युवराज सिंह एकदिवसीय क्रिकेट में भारत के लिए खेलने वाले महान बल्लेबाजों में से एक हैं। वह अभी हाल ही में चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम के लिए खेले हैं। युवराज सिंह बड़े मैच के खिलाड़ी माने जाते हैं। वह चाहे साल 2007 का टी-20 वर्ल्डकप हो या 2011 वनडे वर्ल्डकप हो भारत की सफलता में युवराज की भूमिका अहम रही है। तकरीबन चार साल बाद युवराज ने भारतीय टीम में दोबारा वापसी की करते हुए कटक में अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी खेली। यही नहीं उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी के पहले मुकाबले में मैच जिताऊ अर्धशतकीय पारी खेली। युवराज सिंह ने 304 मैचों में 8701 रन बनाये हैं। उनके नाम 14 शतक दर्ज हैं। लेकिन वह 18 बार जीरो पर आउट हुए हैं। लेखक- राजदीप पुरी, अनुवादक- जितेंद्र तिवारी