टेस्ट क्रिकेट का सबसे धीमा प्रारूप है, जिसमें बल्लेबाजों को रन बनाने की कोई जल्दी नहीं होती है। पूरा खेल खिलाड़ी के कौशल पर निर्भर होता है। लेकिन ऐसा भी नहीं है कि टेस्ट क्रिकेट में मनोरंजन नाम कि कोई चीज ही नहीं है। आज हम आपको ऐसे बल्लेबाजों से मिला रहे हैं, टेस्ट क्रिकेट में आक्रामक बल्लेबाज़ी की है। इस लिस्ट में आपको टेस्ट क्रिकेट में लगे 10 सबसे तेज शतक के बारे में बता रहे हैं। जानें किसका नाम इसमें शामिल है: माजिद खान- 74 गेंद सन 1976 में माजिद खान ने न्यूज़ीलैंड के खिलाफ अपने दूसरे ही टेस्ट में पहले दिन 98 रन की पारी खेली। हालांकि वह शतक से चूक गए। लेकिन माजिद ने तीसरे टेस्ट में पूरी तैयारी के साथ आये। जहाँ उन्होंने 74 शतक ठोंक दिया। इस पारी ने कीवी गेंदबाजों के नाक में दम कर दिया था। माजिद ने अपनी इस पारी में 18 चौके व 2 छक्के लगाए थे, उन्होंने नई गेंद को मैदान के हर कोने में सीमा पार भेजा था। कॉलिंग ने उन्हें 112 के स्कोर पर आउट किया था। रॉय फ्रेडरिक- 71 गेंदो में पर्थ के पेस विकेट पर डेनिस लिली व जेफ थामसन की जोड़ी किसी भी बल्लेबाज के दुस्वपन से कम नहीं होता था। तेज गेंदबाजों के वाका की पिच जन्नत की तरह है। खासकर पर्थ के विकेट पर ऑस्ट्रेलिया हमेशा एक खतरनाक टीम रही है। लेकिन 1975 में रॉय फ्रेडरिक ने कुछ और ही सोच रखा था। वेस्टइंडीज के इस सलामी बल्लेबाज ने तेज गेंदबाजों को निशाने पर लिया और धुआंधार बल्लेबाजी की। ऑस्ट्रेलिया के 329 रन के जवाब विंडीज ने मात्र 14 ओवर में 130 रन एक विकेट खोकर बना लिए थे। फ्रेडरिक ने 31 गेंदों में अर्धशतक व 71 गेंदों में अपना शतक पूरा किया। इसके अलावा वह 145 गेंदों में 169 रन बनाकर आउट हुए। तब तक वेस्टइंडीज ऑस्ट्रेलिया को पीछे छोड़ चुका था। क्रिस गेल- 70 गेंदों में साल 2009 में बल्लेबाजों को फेवर करने वाली वाका के पिच पर ऑस्ट्रेलिया ने 520 रन का स्कोर खड़ा किया। जिसमें किसी भी बल्लेबाज ने शतक नहीं बनाया था। जवाब में विंडीज ने जिस तरह से इस स्कोर का पीछा किया वह वाकई रोमांचक था। इसमें क्रिस गेल ने अपने पॉवर हिट का दम दिखाया और 70 गेंदों में शतक ठोंक दिया। क्रिस गेल इस मैच में शानदार 165 रन की पारी खेली। गेल ने कमजोर गेंदों को मैदान के पहुंचाने में कसर नहीं छोड़ी। हालांकि साथी बल्लेबाजों का साथ न मिलने से विंडीज ये मैच 35 रन से हार गया था। डेविड वॉर्नर- 69 गेंदों में साल 2012 में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया, जहां टीम का प्रदर्शन बहुत ही बेकार था। ऑस्ट्रलिया ने पूरी सीरीज में भारतीय टीम दबाव में रही। पहला व दूसरा टेस्ट हारने के बाद भारतीय टीम तीसरे टेस्ट में भी 161 रन ढेर हो गयी थी। जवाब में डेविड वॉर्नर में शानदार खेल दिखाया। वॉर्नर जो छोटे प्रारूप में अपनी उपयोगिता दर्ज करा चुके थे, लेकिन उन्हें टेस्ट में खुद को साबित करना था। वॉर्नर ने उमेश यादव व विनय कुमार की जमकर धुनाई की। ऑस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाजों ने 36 गेंदों में ही टीम का अर्धशतक पूरा किया। जबकि वॉर्नर ने 69 गेंदों में अपना शतक पूरा कर दिया। वॉर्नर ने 180 रन की पारी खेली उन्हें इशांत शर्मा ने आउट किया, लेकिन उन्होंने तबतक ऑस्ट्रेलिया की जीत पक्की कर दी थी। शिवनारायण चंद्रपॉल : 69 गेंदों में इस लिस्ट में शिवनारायण चन्द्रपॉल का नाम सबको हैरान कर सकता है, लेकिन गुयाना में 2003 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मात्र 69 गेंदों में शतक पूरा कर लिया था। इस टेस्ट सीरिज में ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों ने विंडीज के बल्लेबाजों में खौफ भर रखा था। चन्द्रपॉल जब मैदान में उतरे तब स्कोर 47/4 था। लेकिन 53 के स्कोर पर ब्रायन लारा भी आउट हो गये। दूसरे छोर से बढ़िया सपोर्ट नहीं मिल रहा था, जबकि ऑस्ट्रेलियाई टीम ऑलआउट करने की कोशिश में थी। जिसको देखते हुए चन्द्रपॉल ने गियर बदला और तेजी से रन बनाना शुरू किया। बाएं हाथ के बल्लेबाज़ चन्द्रपॉल लेग साइड में काफी मजबूत थे, जबकि ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ उन्हें पैरों में गेंद फेंक रहे थे। जिसका फायदा उठाते हुए इस वेस्टइंडियन ने 69 गेंदों में अपना शतक पूरा कर लिया। उन्हें एंडी बिकल ने आउट किया था। जैक ग्रेगरी: 67 गेंदों में ये टेस्ट मैच बैटिंग ट्रैक पर खेला जा रहा था, साथ ही जैक ग्रेगरी का कैच भी तीन बार छूटा था। फिर भी ग्रेगरी का 67 गेंदों में शतक मायने रखता है। ये शतक तकरीबन 6 दशक तक सबसे तेज शतकों की लिस्ट में टॉप पर रहा था। 1921 में ऑस्ट्रेलिया दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर गया हुआ था। जहां दूसरे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीता और 128 पर उसके दो विकेट गिर गये थे। उसके बाद मैदान पर ग्रेगरी आये और उन्होंने धुआंधार बल्लेबाज़ी करते हुए मात्र 67 गेंदों में शतक पूरा कर दिया। ग्रेगरी ने ये शतक मात्र 70 मिनट में पूरा किया था। जो समय के मामले में आ भी शीर्ष पर है। एडम गिलक्रिस्ट: 57 गेंदों में एडम गिलक्रिस्ट अपनी पीढ़ी के शीर्ष आक्रामक बल्लेबाजों में गिने जाते हैं। वह गेंद को देखते और अपना शॉट लगाते थे। साल 2006 में गिली ने 57 गेंदों में शतक पूरा कर लिया था। ये मैच पर्थ में हुआ था। गिलक्रिस्ट जब मैदान पर बल्लेबाज़ी करने पहुंचे थे, तब मेजमान टीम 400 रनों से आगे चल रही थी। इसके बावजूद इस विस्फोटक विकेटकीपर बल्लेबाज़ ने तेजी से रन बनाकर इंग्लैंड को मैच से बाहर कर दिया। जहां से इंग्लैंड के लिए वापसी के सारे दरवाजे बंद हो गए। मिस्बाह-उल-हक: 57 गेंदों में मिस्बाह-उल-हक में बड़े-बड़े छक्के मारने की क्षमता थी, लेकिन अपनी इस क्षमता का इस्तेमाल वह जरूरत पड़ने पर ही करते थे। ज्यादातर वह संयमित होकर बल्लेबाज़ी करते थे। साल 2014 में उन्होंने दुनिया को अपनी हिटिंग क्षमता दिखाने का निर्णय लिया। अबुधाबी में ऑस्ट्रेलिया के साथ हो रहे इस मैच में पाकिस्तान का स्कोर 461 रन था, तब मिस्बाह बल्लेबाज़ी के लिए मैदान पर आये थे। पहली पारी में भी वह शतक बना चुके थे। इस पारी में वह तेजी से रन बनाकर पारी घोषित करना चाहते थे। इसलिए मिस्बाह ने तेज बल्लेबाज़ी करने का निर्णय लिया। मिस्बाह ने मात्र 56 गेंदों में शतकीय पारी खेल डाली। जो मिस्बाह की सबसे आकर्षक वह तेज पारियों में से एक थी। इस पारी में मिस्बाह ने लेग साइड में अच्छे शॉट तो खेले ही साथ ही उन्होंने मौका मिलने पर क्रीज़ से बाहर निकलकर भी शॉट लगाये थे। विव रिचर्ड्स: 56 गेंदों में विवियन रिचर्ड्स पहले ऐसे क्रिकेटर थे, जिन्होंने स्टाइल और आक्रामक अंदाज का तड़का लगाते हुए क्रिकेट में बल्लेबाज़ी को नया रुख दिया। वह जब भी बल्लेबाज़ी करते थे, रन मानो बरसने लगते थे। 1986 में इंग्लैंड के खिलाफ 5वें टेस्ट मैच में रिचर्ड्स ने बेहद ही आकर्षक पारी खेली। इससे पहले विंडीज ने पहले चारों टेस्ट में जीत दर्ज की थी। जिसकी वजह से अंतिम मुकाबले का कोई ख़ास महत्व नहीं था, इंलैंड ने पहली पारी के आधार पर बड़ी बढ़त हासिल की थी। हालांकि रिचर्ड्स इस मैच में दर्शकों का मनोरंजन करना चाहते थे, जिसकी वजह से उन्होंने दूसरी पारी में जोरदार बल्लेबाज़ी करना शुरू कर दिया और देखते ही देखते। उन्होंने 56 गेंदों में अपना सबसे तेज शतक पूरा कर दिया। इस पारी में उनके बल्ले से चौकों-छक्कों की खूब बरसात हुई। ब्रेंडम मैकलम: 54 गेंदों में किसी बल्लेबाज के लिए अपने अंर्तराष्ट्रीय करियर को खत्म करने का सबसे शानदार तरीका क्या हो सकाता है? शतक, दोहरा शतक या फिर सबसे तेज टेस्ट शतक। मैकलम दुनिया के विस्फोटक बल्लेबाज हैं, इसलिए उनके नाम ये उपलब्धि जुड़ना शानदार है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्राइस्टचर्च में साल 2016 में मैकुलम ने टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज शतक बनाया। ये उनके करियर की आखिरी पारी भी थी। गेंदबाजों की मददगार विकेट पर टॉस हारने के बाद न्यूजीलैंड पहले कर रहा था, 19 ओवर तक 32 रन व दो बल्लेबाज मैदान से बाहर जा चुके थे। उसके बाद कप्तान मैकुलम बल्लेबाजी के लिए उतरे। उनका ये आखिरी मैच था और उनकी टीम संकट में थी, इसलिए उन्होंने कांउटर अटैक किया। मैकलम ने अपनी पूरी पारी में 21 चौके व 6 छक्के लगाते हुए ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों जेम्स पैटिंसन, जोश हेजलवुड व नाथन लायन की बखिया उधेड़ दी। हालांकि न्यूजीलैंड ये मैच हार गया था, लेकिन ने इतिहास की किताब में अपना नाम दर्ज करा लिया था। लेखक-चैतन्य, अनुवादक-जितेंद्र तिवारी