मार्क वॉ 1992 में श्रीलंका के ख़िलाफ़ लगातार 4 पारियों में बिना खाता खोले हुए थे आउट
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ज़िंदगी आपको दोबारा मौक़ा नहीं देती है, लेकिन एक टेस्ट मैच में आपके लिए दो मौक़े होते हैं। हर टीम को दो पारियां मिलती हैं, कई बल्लेबाज़ पहली पारी में फ़्लॉप रहते हैं लेकिन दूसरी पारी में वह बड़ा स्कोर कर जाते हैं।
जबकि टेस्ट क्रिकेट में 38 बल्लेबाज़ों ने मैच की दोनों पारियों में शतक भी लगाया है। लेकिन साथ ही साथ ही ऐसे बदक़िस्मत बल्लेबाज़ों की भी फ़ेहरिस्त है, जहां दोनों ही पारियों में बल्लेबाज़ ने खाता भी नहीं खोला।
एक टेस्ट की दोनों पारियों में शून्य पर आउट होने वाले बल्लेबाज़ों के लिए अंग्रेज़ी में पेयर (जोड़ा) कहा जाता है, तो हिंदी में इसे कहते हैं शून्य का चश्मा।
आपके सामने 10 महान बल्लेबाज़ों की फ़ेहरिस्त रख रहे हैं, जिनके नाम क्रिकेट के कई शानदार रिकॉर्ड दर्ज हैं, लेकिन फिर भी वह इस बदक़िस्मत लिस्ट में शामिल हैं:
एडम गिलक्रिस्ट
एक ऐसा बल्लेबाज़ जिसने टेस्ट क्रिकेट में नंबर-7 की परिभाषा ही बदल डाली। एडम गिलक्रिस्ट ऑस्ट्रेलिया के लिए 1990 के अंत और 2000 की शुरुआत में इस स्थान पर बल्लेबाज़ी करते हुए कई मैच विजयी पारियां खेली और रिकॉर्ड अपने नाम किए।
गिलक्रिस्ट ऑस्ट्रेलिया के 41वें टेस्ट कप्तान भी रह चुके हैं, गिलक्रिसेट के नाम टेस्ट क्रिकेट में 47.60 की औसत से 96 मैचो में 5570 रन हैं। गिलक्रिस्ट का टेस्ट क्रिकेट में बेस्ट स्कोर प्रोटियाज़ के ख़िलाफ़ नाबाद 204 रन रहा है।
लेकिन वह इस लिस्ट इसलिए शामिल हैं कि भारत के ख़िलाफ़ 2001 में खेले गए ऐतिहासिक कोलकाता टेस्ट की दोनों पारियों में बाएं हाथ के इस बल्लेबाज़ ने खाता भी नहीं खोला था, और हरभजन सिंह की हैट्रिक में एक शिकार वह भी थे।