क्रिकेट को जेंटलमैन गेम कहा जाता है और ये अनिश्चितताओं का खेल है। इसमें कब क्या हो जाए किसी को भी नहीं पता होता है। कभी-कभी टीमें जीता हुआ मैच भी हार जाती हैं और हारा हुआ मैच भी जीत जाती हैं। क्रिकेट में गेंदबाजों का रोल काफी अहम होता है।
गेंदबाजों के सामने विकेट लेने और रन ना देने की चुनौती तो होती है, लेकिन अतिरिक्त रन ना देने का दबाव भी गेंदबाजों के ऊपर होता है। नो बॉल और वाइड देने से बल्लेबाजी वाली टीम को ना केवल अतिरिक्त रन मिलते हैं, बल्कि एक एक्सट्रा गेंद भी डालनी पड़ती है।
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लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्रिकेट इतिहास में कुछ ऐसे भी गेंदबाज रहे हैं, जिन्होंने अपने पूरे करियर में एक भी वाइड गेंद नहीं डाली। ये आंकड़े जानकर आप हैरान हो गए होंगे लेकिन ये सच है। तो आइए जानते हैं कि ये कारनामा कौन-कौन से गेंदबाज कर चुके हैं।
नोट- 1980 से पहले के आंकड़े उतने भरोसेमंद नहीं हैं, क्योंकि उस समय नो बॉल और वाइड की गणना करने की तकनीक आज जैसी अच्छी नहीं थी।
10. रिचर्ड हेडली (न्यूजीलैंड)
न्यूजीलैंड के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी सर रिचर्ड हेडली का नाम भी इस लिस्ट में है। उन्हें क्रिकेट इतिहास का महानतम ऑलराउंडर माना जाता है। 17 साल के अपने करियर में उन्होंने 86 टेस्ट मैच खेले और 431 विकेट चटकाए। इसके अलावा उन्होंने 115 वनडे मैच खेले, जिसमें 158 विकेट चटकाए। उन्होंने अपने करियर में कभी वाइड बॉल नहीं डाली।
9. लांस गिब्स (वेस्टइंडीज)
लांस गिब्स को टेस्ट क्रिकेट इतिहास का सबसे सफल स्पिनर माना जाता है। वो उन चुनिंदा गेंदबाजों में से थे, जिनकी इकॉनमी रेट 2 रन प्रति ओवर से भी नीचे थी। वो 300 टेस्ट विकेट लेने वाले पहले स्पिनर थे। उन्होंने वेस्टइंडीज के लिए 3 वनडे और 79 टेस्ट मैच खेले और कभी वाइड गेंद नहीं फेंकी।
8.क्लेरी ग्रिमेट (ऑस्ट्रेलिया)
क्लेरी ग्रिमेट जबरदस्त स्पिन गेंदबाज थे। उन्हें फ्लिपर का जनक कहा जाता था। ग्रिमेट पहले तेज गेंदबाज बनना चाहते थे लेकिन अपने स्कूल के एक साथी की सलाह पर वो स्पिन गेंदबाजी की तरफ मुड़ गए। उन्होंने 17 साल की उम्र में ही वेलिंग्टन के लिए अपना फर्स्ट क्लास डेब्यू कर लिया था। न्यूजीलैंड उस समय टेस्ट क्रिकेट नहीं खेलता था, इसलिए 1914 में वो ऑस्ट्रेलिया चले गए। उन्होंने अपने करियर में 37 टेस्ट मैच खेले, जिसमें 216 विकेट लिए लेकिन कभी वाइड गेंद नहीं डाली।
7.डेरेक अंडरवुड (इंग्लैंड)
डेरेक अंडरवुड ने लेफ्ट ऑर्म ऑर्थोडॉक्स स्पिनर थे। उनकी इनस्विंग ऑर्म बॉल बल्लेबाजों को पगबाधा आउट करने के लिए काफी मशहूर थी। उनकी लाइन-लेंथ इतनी अच्छी रहती थी कि उन्होंने अपने करियर में एक्सट्रा के तौर पर कभी भी वाइड गेंद नहीं डाली। 1969 से 1973 तक वो रैंकिंग में टॉप पर थे। उन्होंने अपने करियर में 86 टेस्ट और 26 वनडे खेले।
6.गैरी सोबर्स (वेस्टइंडीज)
सर गारफील्ड सोबर्स वेस्टइंडीज के महान खिलाड़ी थे। उन्हें क्रिकेट का महानतम ऑलराउंडर कहा जाता है। सोबर्स को एक बार डॉन ब्रेडमैन ने 'फाइव इन वन क्रिकेटर' कहा था। बैटिंग और बॉलिंग के अलावा वो विकेटकीपिंग भी कर लेते थे। उन्होंने अपने करियर में 93 टेस्ट और एकमात्र वनडे खेला और कुल 20660 गेंद फेंकी लेकिन कभी वाइड नहीं दी।
5.इमरान खान (पाकिस्तान)
पाकिस्तान के वर्ल्ड कप विनिंग कप्तान इमरान खान का नाम भी इस लिस्ट में है। उन्होंने अपने करियर में 88 टेस्ट और 175 वनडे मैच खेले। इस दौरान उन्होंने 362 और 182 विकेट चटकाए। इमरान खान भी उन गेंदबाजों में शुमार हैं, जिन्होंने अपने करियर में कभी वाइड गेंद नहीं डाली।
4.इयान बॉथम (इंग्लैंड)
इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर इयान बॉथम को क्रिकेट इतिहास के सबसे महान ऑलराउंडरों में से एक माना जाता है। 1980 के दौरान बॉथम गेंद और बल्ले दोनों से एक जबरदस्त मैच विनर खिलाड़ी थे। बॉथम पहले ऐसे खिलाड़ी थे, जिन्होंने एक टेस्ट मैच में 10 विकेट लेने और शतक बनाने का कारनामा किया था। उन्होंने अपने करियर में 102 टेस्ट और 116 वनडे मैच खेले। इस दौरान उन्होंने 383 और 145 विकेट चटकाए। इतने लंबे करियर के बावजूद बॉथम ने कभी वाइड गेंद नहीं डाली।
3.डेनिस लिली (ऑस्ट्रेलिया)
डेनिस लिली को क्रिकेट इतिहास के सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाजों में से एक माना जाता है। 1984 में जब वो रिटायर हुए तो उनके नाम टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड था। अपने 13 साल के अंतर्राष्ट्रीय करियर में लिली ने 70 टेस्ट और 63 वनडे मैच खेले। इस दौरान उन्होंने 355 और 103 विकेट लिए और कभी वाइड नहीं डाली।
2.बॉब विलिस (इंग्लैंड)
बॉब विलिस ने 1971 से 1984 तक इंग्लैंड की गेंदबाजी टीम की अगुवाई की। उन्होंने 1981 की एशेज सीरीज में सिर्फ 43 रन देकर 8 विकेट लेकर लगभग हारे हुए मैच को जिता दिया था। उन्होंने 90 टेस्ट मैच खेले और 325 विकेट लिए। इस दौरान उन्होंने कभी वाइड नहीं दिया।
1.फ्रेड ट्रूमैन (इंग्लैंड)
फ्रेड ट्रूमैन ने 1948 से लेकर दो दशक से भी ज्यादा समय तक इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने क्रिकेट इतिहास के सबसे महान गेंदबाजों में गिना जाता है। उन्होंने अपने करियर में 67 टेस्ट मैच खेले और 307 विकेट लिए। उन्होंने कभी अपने करियर में वाइड गेंद नहीं डाली।