सालों से क्रिकेट ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खराब क्षेत्ररक्षकों को देखा है। फील्डिंग के मामले में, पिछले कई सालों में, दुनिया की हर टीम का स्तर पहले के मुकाबले काफी ऊपर उठ चुका है। यदि क्षेत्ररक्षण इस खेल का एक अहम हिस्सा नहीं था, तो वह अब समय के साथ बनता ही जा रहा है।
आईये नज़र डालते है ऐसे ही 10 क्रिकेटरों पर जो खिलाड़ी तो बहुत बड़े थे लेकिन उनकी फील्डिंग उतनी अच्छी नहीं छी।
10. सौरव गांगुली
पूर्व भारतीय कप्तान और अपने दिनों के सर्वश्रेष्ठ एकदिवसीय सलामी बल्लेबाजों में से एक सौरव गांगुली ने अपनी टीम के लिए कई मैचों में जीत हासिल की थी, लेकिन जहां तक क्षेत्ररक्षण का सवाल था, वह इस क्षेत्र में कमजोर पड़ जाते थे।
गांगुली गेंद को पकड़ने के मामले में एक बुरे क्षेत्ररक्षक नहीं थे और यही नहीं वह समय के साथ एक बहुत ही सुरक्षित गेंद लपकने वाले हो गये थे, लेकिन वह मैदान में बेहद धीमी गति से दौड़ने वाले थे। उनकी डाइविंग अजीब थी और उनहोने बहुत बार ऐसा करने की कोशिश नहीं की, जबकि सीमा रेखा पर शॉट का पीछा करने के उनके प्रयास लगभग हमेशा असफल रहे थे।
9 लसिथ मलिंगा
अगर किसी को ऐसे किसी गेंदबाज का नाम लेने को कहा जाये जिसने सीमित ओवरों के क्रिकेट में अंतिम ओवरों की गेंदबाजी को फिर से परिभाषित किया है तो वह नाम बिना संदेह श्रीलंका के लसिथ मलिंगा का होगा। वह पिछले एक दशक से श्रीलंका की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे, लेकिन जब बात क्षेत्ररक्षण की आती है, तो वह अक्सर एक ख़राब क्षेत्ररक्षक के रूप में मैदान पर पाये जाते रहे हैं।
मलिंगा काफी तेज है और जब वह चाहते हैं तब डाइव लगा सकते हैं, लेकिन कैच पकड़ने की बात करें तो इस मामले में वे अक्सर बहुत कमजोर रहे है। जाहिर है, वह हर गेम में कैच नहीं छोड़ते हैं, लेकिन गेंद की गति के बारे में उनकी स्थिति या निर्णय अक्सर गलत होते हैं
8. शोएब अख्तर
पाकिस्तान के दिग्गज गेंदबाजों में से एक और अपने शिखर के दौरान दुनिया के सबसे तेज़ गेंदबाज शोएब अख्तर फील्डर उतने अच्छे नहीं थे। ऐसा नहीं है कि अख्तर धीमा दौड़ते थे वो तेज दौड़ने में सक्षम थे, तभी तो उनका गेंदबाजी रन अप इतना शानदार था जिससे उनकी गेंद को गति मिलती थी।
हालांकि मैदान पर किसी गेंद का पीछा करकर उसे पकड़ने में थोड़ा कमजोर थे। उस समय जब दुनिया भर की टीमों की फील्डिंग में सुधार हो रहा था लेकिन पाकिस्तानी टीम की फील्डिंग का स्तर गिरता जा रहा था।
7. जवागल श्रीनाथ
एक दशक से अधिक समय तक खेलने वाले, जवागल श्रीनाथ विश्व के बेहतरीन तेज गेंदबाजों में से एक थे। इसमें कोई संदेह नहीं है कि वह भारत के महानतम तेज गेंदबाजों में से एक हैं और साथ ही, शायद ख़राब क्षेत्ररक्षकों में से एक जिन्हें टीम को अपने हाल के इतिहास में शामिल करना पड़ा।
ज्यादातर तेज़ गेंदबाजों की तरह श्रीनाथ, थर्ड मैन या लॉन्ग लेग पर खड़े होते। वो कैच तो अच्छा पकड़ते थे लेकिन उनकी ग्राउंड फील्डिंग उतनी अच्छी नहीं थी। कंधे की चोट के बाद, उन्हें अपनी गेंद फेंकने की तकनीक को बदलना पड़ा। इसके चलते बैट्समैन अक्सर उन तक गेंद जाते ही दो रन दौड़ जाते थे।
6 मोर्न मोर्केल
दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी आम तौर पर अच्छे फील्डर होने के लिए जाने जाते है, हालांकि, उनके 6 फीट 5 इंच लंबे तेज गेंदबाज मोर्न मोर्कल इस मामले में एक अपवाद रहे हैं।
पिछले कुछ सालों में, वह दुनिया के सबसे अच्छे तेज गेंदबाजों में से एक रहे हैं, लेकिन एक क्षेत्ररक्षक के रूप में, वह काफी समय से टीम के लिए कमजोरी रहे हैं। मोर्कल तेज गति से गेंद के पीछे नहीं दौड़ पाते हैं और इसके अतिरिक्त, अपने विशाल शरीर के चलते मैदान पर उन्हें जल्दी से नीचे झुकने में अक्सर मुश्किल होती रही है।
वह अक्सर अनावश्यक रनों को दक्षिण अफ्रीका की ओर से दे बैठते हैं, और वह अक्सर साधारण कैच को मुश्किल बना देते हैं ।
5. ग्लेन मैक्ग्रा
563 टेस्ट विकेट और 381 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय विकेट के साथ ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज ग्लेन मैकग्रा एक महान खिलाड़ी रहे हैं। हालांकि खेल के अन्य सभी विभागों में वो अपनी टीम के लिये एक कमजोर कड़ी साबित होते थे।
मैक्ग्रा की बल्लेबाजी टेस्ट मैच के एक टेलेंडर की तरह थी, जबकि उनका क्षेत्ररक्षण ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए एक भार था। वह अपने समय की ऑस्ट्रेलियाई टीम में सबसे खराब क्षेत्ररक्षक थे, और उनकी सबसे बड़ी असफलता शायद डीप में क्षेत्ररक्षण के दौरान जमीन को कवर न करने में उनकी असमर्थता थी।
4 अर्जुन रणतुंगा
पूर्व श्रीलंकाई कप्तान और बिना किसी संदेह के, श्रीलंका के सबसे प्रभावशाली खिलाड़ियों में से एक अर्जुन रणतुंगा ने श्रीलंका क्रिकेट टीम को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का काम किया। हालांकि, मैदान पर बतौर क्षेत्ररक्षकअर्जुन रणतुंगा को अक्सर मुश्किल में पाया गया, वही उन्होंने कप्तान या बल्लेबाज के रूप में आसानी से विरोधियों का सामना किया था।
रणतुंगा बुरे क्षेत्ररक्षक नहीं थे और वास्तव में वह एक बहुत ही सुरक्षित गेंद लपकने वालों में से थे, लेकिन वह अक्सर क्षेत्ररक्षण के दौरान जब बात दौड़ने की या दौड़ कर गेंद पकड़ने की होती थी वह खुद को मुश्किल में पाते थे। इसी के चलते रणतुंगा अपने क्रिकेट करियर में भी बहुत बार रन आउट भी हुए थे।
3 रविचंद्रन अश्विन
रविचंद्रन अश्विन भारत के सबसे बेहतरीन महान स्पिनर बनने की राह पर हैं और अपनी बल्लेबाजी की वजह से वो आईसीसी की टेस्ट ऑलराउंडर रैंकिंग में शीर्ष पर भी पहुंचे। एक क्रिकेटर के रूप में अपनी स्पष्ट उत्कृष्टता के बावजूद, शायद यह उनका क्षेत्ररक्षण है जो उन्हें थोड़ा पीछे करता है।
अश्विन तब काफी धीमें है जब उन्हें जल्दी से आगे बढ़ना और गेंदों का पीछा करना हो, तब वह अक्सर संघर्ष करते है। उनकी डाइविंग तकनीक भी उतनी अच्छी नहीं है।
2. सईद अजमल
अपने गेंदबाजी एक्शन से विवादों में आए पाकिस्तान के ऑफ स्पिनर सईद अजमल शायद विश्व के सर्वश्रेष्ठ स्पिनर थे और पाकिस्तान के महान खिलाड़ियों में से एक बनने की राह पर थे लेकिन उनकी गेंदबाजी एक्शन की वजह से उनके करियर पर लगाम लग गई।
इससे पाकिस्तान की तरफ से खेलते हुए उनकी फील्डिंग भी बहुत खराब थी। अजमल तेजी से दौड़ नहीं पाते थे, और जब गेंद उन तक पहुचती थी तो टीम के साथियों की सासें थम जाति कि अगले पल क्या होगा। अक्सर मैदान पर एक कमजोर क्षेत्ररक्षक रहे अजमल की गेंदबाज़ी ही थी जिसके चलते वह इतने समय तक टीम में टिके रहे।1.इंजमाम-उल-हक