भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया वनडे मैच के 10 सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर

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भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच जब भी मैच होते हैं तो काफी कड़ा मुकाबला देखने को मिलता है। भारत-ऑस्ट्रेलिया सीरीज के दौरान दर्शकों का भरपूर मनोरंजन होता है। रनों का ढेर, लगातार, डाइव, टकराव, स्लेजिंग, खुशी का आदान-प्रदान भारत और आस्ट्रेलिया के बीच क्रिकेट मैचों की कुछ विशेषताएं हैं। दोनों ही देश के बल्लेबाजों ने अपनी टीम को जिताने के लिए कई बार ऐतिहासिक पारियां खेली हैं और आने वाले वर्षों में भी ये कहानी ऐसे ही देखने को मिलेगी। आइए आपको बताते हैं भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली गई 10 यादगार पारियों के बारे में: # 10 महेन्द्र सिंह धोनी- 139 नाबाद सचिन तेंदुलकर के बाद महेंद्र सिंह धोनी भारत के दूसरे सबसे मशहूर क्रिकेटर हैं। जब ऑस्ट्रेलिया ने 7 मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला के लिए भारत का दौरा किया तो सिर्फ रन, रन और रन ही बने थे। 19 अक्टूबर 2013 को मोहाली में खेले गये तीसरे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में ऑस्ट्रेलिया के कप्तान जॉर्ज बेली ने टॉस जीता और लक्ष्य का पीछा करने का फैसला किया। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने अपने कप्तान को निराश नहीं किया क्योंकि उन्होंने महज 76 रनों के स्कोर पर 4 भारतीय बल्लेबाजों को पवेलियन भेज दिया। उस समय तक जब तत्कालीन भारतीय कप्तान एमएस धोनी क्रीज पर नहीं आये थे। धोनी के आने से भारत की जान में जान आयी और उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई आक्रमण मिचेल जॉनसन, क्लिंट मैकाय, शेन वॉटसन और जेम्स फॉल्कनर के खिलाफ धमाकेदार 139 रन बनाये। भारत ने 50 ओवरों की समाप्ति पर 303 रन का स्कोर खड़ा किया। लेकिन अंत में ऑस्ट्रेलिया ने यह मैच 4 विकेट से जीत लिया। # 9 रिकी पोंटिंग- 140 नाबाद

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जोहानिसबर्ग में 23 मार्च 2003 को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 2003 विश्व कप का फाइनल मैच खेला गया। ऑस्ट्रेलिया ने टूर्नामेंट के दौरान एक भी हार का सामना नहीं किया, जबकि भारत को फाइनल तक पहुंचने में ग्रुप स्टेज में केवल एक हार मिली थी वो भी ऑस्ट्रेलिया के हाथों ही। कप्तान सौरव गांगुली ने टॉस जीता और ऑस्ट्रेलियाई टीम को बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया। रिकी पोंटिंग तब आये जब हेडन और गिलक्रिस्ट की जोड़ी ने विस्फोटक बल्लेबाजी करते हुए टीम का स्कोर 14वें ओवर में 100 रन पहुंचा दिया था। इसके बाद पंटर का तूफान देखने को मिला जिन्होंने 121 गेंदों का सामना करते हुए नाबाद 140 रन बनाये जिसमें सिर्फ 4 चौके और 8 छक्के शामिल थे। इस आतिशी पारी का गवाह वांडरर्स स्टेडियम बना। गांगुली ने विकेट चटकाने के लिए आठ गेंदबाजों से गेंदबाजी करवायी लेकिन कोई भी पोटिंग और मार्टिन की जोड़ी को तोड़ नहीं सका और उनकी पारी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने 359 रन का विशालकाय स्कोर खड़ा कर दिया। आखिरकार भारत यह मैच 125 रन से हार गया और ऑस्ट्रेलिया ने अपना तीसरा वर्ल्ड कप जीत लिया। #8 सचिन तेंदुलकर- 141

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सचिन तेंदुलकर ने 1998-99 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपनी ड्रीम पारी खेली। उन्होंने मैक्ग्रा, फ्लेमिंग, ली और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में उनके समकक्षों के खिलाफ रन बनाए। ऑस्ट्रेलिया ने 28 अक्टूबर 1998 को ढाका में विल्स इंटरनेशनल कप के तीसरे क्वार्टर फाइनल में भारत का सामना किया, जहां भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। भारत की शुरुआत बेहद खराब रही क्योंकि टीम इंडिया ने सिर्फ तीन ओवर में 8 रन के स्कोर पर गांगुली और अजहरुद्दीन का विकेट गंवा दिया। जिसके बाद राहुल द्रविड़ को सचिन तेंदुलकर का साथ मिला। दोनों ने मिलकर तीसरे विकेट के लिए 140 रन की पार्टनरशिप की और फिर द्रविड़ आउट हो गये। तेंदुलकर ने 128 गेंदों में 13 चौके और 3 छक्के सहित एक आक्रामक पारी खेलते हुए 141 रन बनाये। इसके बाद अजय जडेजा के साथ साझेदारी कर उन्होंने भारत का स्कोर 307 रन पहुंचााया। भारतीय टीम ने इस मैच को 44 रन से जीत लिया। #7 रोहित शर्मा- 141 नाबाद

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सात निर्धारित एकदिवसीय मैचों में से पहला मैच हारने के बाद भारत ने 16 अक्टूबर को जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया को दूसरे मैच में हराकर वापसी की। ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीता और बल्लेबाजी के लिए मुफीद मानी जाने वाली पिच पर बल्लेबाजी करने का फैसला किया। ऑस्ट्रेलिया के सभी शीर्ष पांच बल्लेबाजों ने अर्धशतक लगाया जिसमें कप्तान बेली के 50 गेंदों में तेज तर्रार नाबाद 92 रन शामिल थे। आस्ट्रेलिया ने 2003 विश्व कप फाइनल के विरोधी के खिलाफ बिल्कुल सटीक 359 रन बनाए। लेकिन इस बार दूसरी पारी यानि कि भारत की पारी 2003 से अलग थी। भारतीय सलामी बल्लेबाज शिखर धवन और रोहित शर्मा ने मिलकर 176 रन बनाए थे। शिखर धवन महज 5 रनों से अपना शतक बनाने से चूक गए। विराट कोहली ने रोहित शर्मा का लगभग आधी पारी के बाद साथ दिया। रोहित शर्मा ने 123 बॉल पर जबरदस्त 141 रन बनाए, जिसमें 17 चौके और 4 छक्के शामिल थे। उन्होंने जॉनसन, मैकाय, वाटसन और फॉकनर की गेंदबाजी को तहस-नहस कर दिया। दूसरे छोर पर मौजूद विराट कोहली ने भी किसी भारतीय द्वारा सबसे तेज शतक जड़ दिया। विराट ने सिर्फ 52 गेंदों पर धुआंधार 100 रन जड़ दिये। भारत ने यह मैच 39 गेंद शेष रहते 9 विकेट से जीत लिया। #6 सचिन तेंदुलकर- 143

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अप्रैल 1998 में शारजाह में खेला गया कोका-कोला कप भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के लिए सबसे यादगार टूर्नामेंट में से एक था। ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीव वॉ ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया। माइकल बेवन के 101 रनों की मदद से ऑस्ट्रेलिया ने 284/7 रन का स्कोर खड़ा किया। भारत को खराब मौसम के कारण 46 ओवर में 276 रनों की और क्वालिफाई करने के लिए 237 रन की जरूरत थी। सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली बल्लेबाजी करने के लिए उतरे। दोनों के बीच 17 रन की भागीदारी हुई और फिर डेमियन फ्लेमिंग ने 17 रन पर गांगुली को वापस पवेलियन भेज दिया। इसके बाद मास्टर ब्लास्टर को विकेटकीपर नयन मोंगिया का साथ मिला। उन्होंने फ्लेमिंग, कॉस्प्रोविच, वार्न, मूडी, मार्क वॉ को मैदान के चारों तरफ मारा। उसके बाद मोगिया 35 रन पर फिर अजहरुद्दीन और अजय जडेजा भी आउट हो गये। तेंदुलकर का साथ देने वीवीएस लक्ष्मण मैदान पर आये। दोनों के बीच 104 रनों की साझेदारी हुई जिसमें लक्ष्मण के सिर्फ 23 रन शामिल थे। तेंदुलकर ने शानदार 131 बॉल पर 143 रन बनाये जिसमें नौ चौके और पांच छक्के शामिल रहे। तेंदुलकर ने फ्लेमिंग की बॉल पर गिलक्रिस्ट के हाथों आउट होने से पहले भारत का क्वालिफिकेशन निश्चित करवा दिया। #5 स्टीव स्मिथ- 149

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जनवरी 2016 में भारत ने 5 मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला और 3 टी-20 मैचों की श्रृंखला के लिए ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया। डब्ल्यूएसीए (वाका) पहली बार वनडे मैच की मेजबानी कर रहा था जहां एमएस धोनी ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। भारतीय सलामी बल्लेबाज शिखर धवन जल्द पवेलियन वापस लौट गये। जिसके बाद विराट कोहली और रोहित शर्मा ने 207 की साझेदारी की। भारत ने रोहित शर्मा के नाबाद 171 रनों की बदौलत 309 रनों का स्कोर खड़ा किया। भारतीय गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाजों को जल्द भेज टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई। इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई कप्तान कप्तान स्टीव स्मिथ ने पारी को संभालते हुए नंबर 3 पर 149 रनों की बेहतरीन पारी खेली। उन्हे युवा गेंदबाज बरिंदर सरन ने आउट किया। स्टीव स्मिथ का जॉर्ज बेली ने अच्छा साथ निभाते हुए 112 रन बनाए । ऑस्ट्रेलिया ने आखिरी ओवर में ये मैच जीता। #4 जॉर्ज बेली- 156

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जीत हो या हार हो, शतक हो या डक आपने जॉर्ज बेली को हमेशा मुस्कुराते हुए ही देखा होगा। मोहाली वनडे में जेम्स फॉल्कनर की आतिशी पारी के बाद ऑस्ट्रेलिया 7 मैचो की वनडे सीरीज में 1-2 से लीड कर रहा था। 30 अक्टूबर 2013 को अगला मैच नागपुर में खेला गया जहां भारतीय कप्तान एमएस धोनी ने टॉस जीतकर ऑस्ट्रेलिया को बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया। दो शुरुआती विकेट गिरने के बाद जॉर्ज बेली और शेन वाटसन ने 168 रनों की साझेदारी की। बेली ने रविंद्र जडेजा की गेंद पर विराट कोहली को कैच देने से पहले सिर्फ 114 गेंदों में 13 चौके और 6 लंबे-लंबे छक्कों की मदद से शानदार 156 रनों की पारी खेली। उनकी इस पारी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने मैच में 350 रन बनाए। भारत ने पहले भी इसी श्रृंखला के दूसरे वनडे में इसी तरह के लक्ष्य पीछा किया था। भारतीय सलामी बल्लेबाज धैर्य और दृढ़ संकल्प के साथ आये। भारत के शीर्ष तीन बल्लबाजों ने ऑस्ट्रेलियाई आक्रमण को अच्छे से संभाला। शिखर धवन और विराट कोहली ने शतक जड़ा और रोहित शर्मा ने 79 रन बनाए। भारत ने इस मैच को 6 विकेट से जीत लिया और श्रृंखला को 2-2 पर ला दिया। #3 रोहित शर्मा – 171

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वाका, पर्थ ऑस्ट्रेलिया के सभी ट्रैक में सबसे ज्यादा बांउसर ट्रैक माना जाता है। 12 जनवरी, 2016 को वाका में टॉस जीतने के बाद एमएस धोनी ने पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। बाउंसर खेलने में माहिर हिटमैन रोहित शर्मा क्रीज पर मौजूद थे। रोहित वर्तमान भारतीय टीम में से किसी भी खिलाड़ी की तुलना में सबसे बढ़िया पुल शॉट मारने में माहिर हैं। सलामी बल्लेबाज धवन के सस्ते में आउट होने के बाद विराट कोहली के साथ रोहित शर्मा ने शानदार साझेदारी की। उन्होंने मैच में नाबाद 171 रन बनाए, जिसमें 13 चौके और 7 छक्के शामिल थे। कोहली ने भी 91 की अच्छी पारी खेली। भारत ने ऑस्ट्रेलिया के सामन 309 रनों का लक्ष्य रखा, जो अंततः दूसरी पारी में स्मिथ और बेली के शतकों के आगे छोटा साबित हुआ। #2 सचिन तेंदुलकर- 175

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5 नवंबर 2009 को हैदराबाद में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांचवा वनडे मैच खेला गया। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग ने टॉस जीता और बल्लेबाजी करने का फैसला किया। ऑस्ट्रेलियाई ओपनर्स ने अपने कप्तान को निराश नहीं किया क्योंकि सलामी बल्लेबाज शेन वाटसन और शॉन मार्श ने पहले विकेट के लिए 145 रन जोड़े। मैच की नींव रखी जा चुकी थी और पोंटिंग, हसी और कैमरून व्हाइट के लिए एक बड़ा स्कोर खड़ा करने के लिए प्लेटफॉर्म तैयार था। ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने एक पहाड़ जैसा 350 रन का स्कोर खड़ा कर दिया था। वीरेंदर सहवाग और सचिन तेंदुलकर की सलामी जोड़ी 351 रन का पीछा करने के लिए मैदान पर उतरी। तेंदुलकर ने अविश्वसनीय खेल दिखाते हुए ऑस्ट्रेलियाई हमले को तहस नहस कर दिया और एक 175 रन बना डाले। जिसमें 19 चौके और 4 छक्के शामिल थे। भारत को जीत के लिए 18 गेंदों में 19 की जरूरत थी, तब मास्टर ब्लास्टर ने फाइन लेग की तरफ खेलने का फैसला किया। तेंदुलकर जैसा शॉट खेलना चाहते थे, खेल नहीं पाये और उन्हें नाथन हॉरिट्ज के हाथों कैच आउट होना पड़ा और इसी के साथ भारतीय जीत की उम्मीदें भी खत्म हो गयी। # 1 रोहित शर्मा- 209

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7 मैच की श्रृंखला 2-2 से बराबरी पर थी, बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम ने 2 नवंबर 2013 को श्रृंखला का फाइनल मैच की मेजबानी की। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान जॉर्ज बेली ने लक्ष्य का पीछा करने का फैसला किया। भारतीय सलामी बल्लेबाज धवन और रोहित ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की अच्छी तरह से खबर ली। पारी के 19वें ओवर में जेवियर डोहर्टी ने 112 के शानदार सलामी साझेदारी का अंत किया। अगले ही ओवर में विराट कोहली भी आउट हो गए। जिसके बाद जिम्मेदारी रोहित शर्मा और सुरेश रैना के कंधो पर आ गयी। इसके बाद रोहित शर्मा ने अपनी जीवन की सबसे यादगार पारी खेली। रो-हिट मैन के अपने करियर के पहले डबल धमाके(209 रन) के साथ भारत ने 350 रन का आंकड़ा पार किया। शर्मा ने मैकाय, कुल्टर नाइल, फॉकनर और वॉटसन सभी के खिलाफ रनों का अंबार लगा दिया। रोहित की इस धमाकेदार पारी की बदौलत भारत 383 रन का विशालकाय स्कोर खड़ा करने में सफल रहा। जिसमें एमएस धोनी की फिनिशिंग पारी भी यादगार रही। ऑस्ट्रेलिया सिर्फ 326 रन का स्कोर ख़ड़ा कर सका और 29 बॉल शेष रहते ही ऑलआउट हो गया। रोहित ने 2014 में ही अपने नाम दूसरा शतक जड़ा था और इसी के साथ एकदिवसीय क्रिकेट में दोहरे शतक लगाने वाले वो पहले खिलाड़ी बन गए। लेखक- श्रीधर अनुवादक- सौम्या तिवारी

Edited by Staff Editor