भारतीय क्रिकेट इतिहास की 10 यादगार तस्वीरें

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साल 2010 से 19 अगस्त को विश्व फ़ोटोग्राफ़ी दिवस के तौर पर मनाया जाता है। 1839 में पहली बार फ्रांसीसी वैज्ञानिक लुईस जेकस और मेंडे डाग्युरे ने फोटो तत्व को खोजने का दावा किया था। फ्रांसीसी वैज्ञानिक आर्गो ने 7 जनवरी 1839 को फ्रेंच अकादमी ऑफ साइंस के लिए एक रिपोर्ट तैयार की। फ्रांस सरकार ने यह प्रोसेस रिपोर्ट खरीदकर उसे आम लोगों के लिए 19 अगस्त 1939 को फ्री घोषित किया। यही कारण है कि 19 अगस्त को विश्व फोटोग्राफी दिवस के तौर पर मनाया जाता है। भारत में क्रिकेट को एक धर्म की तरह पूजा जाता है, और यही वजह है कि इस मौक़े पर हम आपके सामने भारतीय क्रिकेट इतिहास की 10 मशहूर तस्वीरें रख रहे हैं। #10 सैरव गांगुली का लॉर्ड्स पर जर्सी लहराना 2002 में नैटवेस्ट ट्राई सीरीज़ के फ़ाइनल में भारत हार की कगार पर थी, इसके बाद मोहम्मद कैफ़ और युवराज सिंह की साझेदारी ने भारत को ऐतिहासिक जीत दिला दी थी। 325 रनों का शानदार पीछा करते हुए जैसे ही भारत ने जीत दर्ज की, कप्तान सौरन गांगुली ने लॉर्ड्स की ऐतिहासिक बॉलकोनी में जर्सी उतारकर लहराना शुरू कर दिया, जो एंड्रयू फ़्लिंटॉफ़ का बदला चूका रहे थे। भारतीय क्रिकेट इतिहास में ये लम्हा सभी के ज़ेहन में आज भी ज़िंदा है। #9 वेंकटेश प्रसाद और आमिर सोहैल की बैंगलोर में तू-तू मैं-मैं venkateshprasad2-1471608030-800 वर्ल्डकप 1996 का क्वार्टरफ़ाइनल मुक़ाबला, बैंगलोर में खेले जा रहे इस मैच में सईद अनवर और आमिर सोहैल ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी करते हुए मुक़ाबला भारत से छीन रहे थे। सौहैल ने प्रसाद को प्वाइंट की ओर एक चौका लगाया, और फिर वेंकटेश प्रसाद को इशारा करते हुए कहा कि फिर वहीं मारूंगा चौका। आमिर सोहैल ने वही शॉट दोहराने की कोशिश की, लेकिन इस बार गेंद ने सोहैल के बल्ले को छकाते हुए ऑफ़ स्टंप को ज़मीन से बाहर उड़ा दिया था। इसके बाद प्रसाद ने सोहैल को एक अलग अंदाज़ में ही सेंड ऑफ़ किया, जो यादगार बन गया। #8 जब छक्कों की हुई बारिश yuvraj-singh-1471608072-800 पहली बार वर्ल्ड टी20 खेला जा रहा था और ये बेहद ख़ास बन गया, डर्बन ने खेले गए भारत और इंग्लैंड के बीच मुक़ाबले में युवराज सिंह तेज़ गेंदबाज़ स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में 6 छक्के जड़ दिए थे। पहली गेंद कवर के ऊपर से, दूसरी बैकवर्ड स्कॉयर लेग की ओर, तीसरा एक्सट्रा कवर के ऊपर, चौथा प्वाइंट के ऊपर से शानदार छक्का, पांचवां मिडविकेट और फिर छठा छक्का लॉन्ग ऑन के ऊपर से खेलते हुए युवराज ने 36 रन बटोर लिए थे। 12 गेंदो पर युवराज ने अपना अर्धशतक भी पूरा कर लिया था, जो आज भी वर्ल्ड रिकॉर्ड है। #7 जब डॉन ब्रैडमैन से मिले सचिन तेंदुलकर sachinbradman-1471608138-800 दुनिया के महानतम बल्लेबाज़ सर डॉन ब्रैडमैन ने शंहशाह-ए-क्रिकेट सचिन तेंदुलकर की बल्लेबाज़ी के क़ायल थे और उन्होंने कहा था कि सचिन को खेलता देख उन्हें अपनी याद आ जाती है। इसके बाद सचिन तेंदुलकर को डॉन ब्रैडमैन ने अपने 90वें जन्मदिवस पर मुलाक़ात के लिए बुलाया था, तेंदुलकर के साथ साथ उस वक़्त महान दिग्गज लेग स्पिनर शेन वॉर्न भी मौजूद थे। ये तस्वीर क्रिकेट इतिहास की बेहद ख़ास है। #6 धोनी का वह 'यादगार' छक्का dhoni-six-1471608247-800 2011 वर्ल्डकप में टीम इंडिया के कप्तान ने भारत को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में शानदार जीत दिलाई थी। 275 रनों का पीछा करते हुए टीम इंडिया का स्कोर 114/3 हो गया था। धोनी ने इसके बाद ख़ुद को प्रमोट किया और फिर जो हुआ वह इतिहास बन गया। 79 गेंदो पर 91 रन बनाते हुए धोनी ने भारत को 28 साल बाद 50 ओवर का वर्ल्ड चैंपियंन बनाया और नुवान कुलसेखरा की गेंद पर छक्का मारते हुए जीत दर्ज की, जो इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई। #5 फ़ॉलोऑन के बाद यादगार जीत dravidlaxman-calcutta-test-1471608357-800 कोलकाता टेस्ट 2001 का तीसरा दिन, भारत ऑस्ट्रेलिया के स्कोर से 274 रन पीछे था, जिसके बाद ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव वॉ ने भारत को फ़ॉलोऑन दे दिया। जब वीवीएस लक्ष्मण का साथ देने राहुल द्रविड़ आए तो भारत का स्कोर 232/4 था। इसके बाद इन दोनों बल्लेबाज़ों ने मोर्चा संभाला और भारत को फिर कोई झटका नहीं लगने दिया। चौथे दिन भी यही दोनों बल्लेबाज़ों ने पूरा दिन निकाल दिया और भारत को 315 रनों की बढ़त दिला दी थी। आख़िरी दिन भारत ने कंगारुओं के सामने 384 रनों का लक्ष्य रखा और फिर ऑस्ट्रेलियाई टीम पर 171 रनों की यादगार जीत दर्ज कर ली। इस टेस्ट जीत को क्रिकेट इतिहास की सबसे बड़ी जीत में से एक माना जाता है। वीवीएस लक्ष्मण ने इस मैच में 281 रन बनाए थे और राहुल द्रविड़ का स्कोर 180 था। #4 पारी में 10 विकेट kumble10-wickets-1471608416-800 विस्डेन ने इस गेंदबाज़ी प्रदर्शन को क्रिकेट इतिहास का सबसे बेहतरीन क़रार दिया था। भारत के महान लेग स्पिनर ने ये कारनामा पाकिस्तान के ख़िलाफ़ किया था। 1999 में खेले गए दिल्ली के फ़िरोज़शाह कोटला मैदान पर एक पारी में 10 विकेट लेकर अनिल कुंबले क्रिकेट इतिहास के सिर्फ़ दूसरे गेंदबाज़ बने थे। कुंबले से पहले 1956 में इंग्लैंड के जिम लेकर ने इस कारनामे को अंजाम दिया था। अनिल कुंबले के 10/74 ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ एक बड़ी जीत दिलाई थी और भारत ने चेन्नई में मिली हार का बदला ले लिया था। #3 एक ऐसी जीत जिसने भारत में क्रिकेट का मतलब बदल डाला kapildev_worldcup-1471608466-800 1983 विश्वकप में एक बार फिर वेस्टइंडीज़ को प्रबल दावेदार माना जा रहा था। भारत जब फ़ाइनल में वेस्टइंडीज़ के सामने खेल रहा था, तो बहुत ही कम लोगों ने उम्मीद की थी कि टीम इंडिया जीत सकती है। भारत सिर्फ़ 183 रनों पर ऑलआउट हो गया था, लगा कि अब सब ख़त्म। लेकिन इसके बाद यहां से भारतीय पेसर और कपिल देव के साथ मिलते हुए शानदार प्रदर्शन किया और भारत को 43 रनों सी जीत दिला दी थी। कपिल देव के हाथो में ये विश्वकप की तस्वीर ने सभी को अपना दीवाना बना दिया था, और इसके बाद भारत में क्रिकेट के साथ प्यार का सिलसिला शुरू हो चुका था, जो आगे जाकर धर्म में बदल गया। #2 टेस्ट में 10 हज़ार रन gavaskar-10000run-1471608518-800 सुनील गावस्कर को लिटिल मास्टर के नाम से जाना जाता था। वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ बिना हेलमेट के खेलते हुए उन्होंने रनों का अंबार लगा दिया था। गावस्कर टेस्ट क्रिकेट मे लगातार रन बनाते हुए आ रहे थे लेकिन अभी भी 10 हज़ार का आंकड़ा पार नहीं कर पाए थे। पाकिस्तान के ख़िलाफ़ अहमदाबाद में खेले गए मुक़ाबले में गावस्कर ने 63 रन पूरा करते ही इस माउंट एवेरेस्ट की चढ़ाई कर ली थी। #1 वह 'आख़िरी' पारी sachin-looking-up-1471609791-800 सचिन तेंदुलकर के क्रिकेट करियर की ये आख़िरी पारी थी और जब मास्टर ब्लास्टर अंतिम बार बल्लेबाज़ी करने आ रहे थे तो मुंबई का वानखेड़े स्टेडियम जीवांत हो उठा था। वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ हो रहा भारत का ये मुक़ाबला सचिन के करियर का 200वां टेस्ट था। सचिन ने पैवेलियन से निकलते हुए आसमान की ओर देखा और जिसे मिड डे के फ़ोटोग्राफ़र अतुल कांबले ने अपने कैमरे में क़ैद कर लिया था और इस तस्वीर को MCC फ़ोटो ऑफ़ द इयर से नवाज़ा गया। भारत के लिए ये तस्वीर एक ऐतिहासिक लम्हों में बदल गई।