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सचिन ने अपना टेस्ट पदार्पण उस पाकिस्तान टीम के खिलाफ किया था जो अपने तेज गेंदबाजी के लिए मशहूर थी और उनके बाद सचिन को पहचान मिली ऑस्ट्रेलिया के तेजतर्रार पिचों पर रन बनानेके बाद।
अपनी किशोर अवस्था में भी वो किसी भी तेज गेंदबाज पर आसानी से हावी हो जाते थे और अपने पुरे करियर के दौरान वो विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज माने जाते रहे हैं। तेज गेंदबाजों के खिलाफ पुल शॉट खेलने की वजह से सचिन उनपर दबाव बनाने में सफल होते थे।
जिस चीज की वजह से सचिन शॉर्ट गेंदों को इतनी सहजता से पुल कर देते हैं वो है गेंद की लम्बाई को जल्दी पकड़ लेना और उसके अनुसार अपने कदमों के इस्तेमाल से शॉट खेल देना। इसी वजह से सचिन आज दुनिया के सबसे महान बल्लेबाजों की श्रेणी में गिने जाते हैं।
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