मौजूदा बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में शनिवार को धर्मशाला में शुरू हुए चौथे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कुलदीप यादव ने डेब्यू करते हुए पहले भारतीय चायनामैन गेंदबाज होने का गौरव हासिल कर लिया। मेहमान ओपनर बल्लेबाज डेविड वॉर्नर उनके पहले टेस्ट शिकार बने। आइए जानते हैं कि बाएं हाथ के सभी गेंदबाजों की बजाय कुछ को ही 'चाइनामैन' क्यों कहा जाता है तथा इस शब्द की व्युत्पत्ति कैसे और कब हुई। चायनामैन एक कला है इसमें बाएं हाथ के स्पिनर गेंद को उंगलियों की बजाय कलाई के सहारे घूमाते हैं। यह एक अपरम्परागत गेंदबाजी शैली है इसमें गेंद टप्पा खाने के बाद परम्परागत ऑफ़ स्पिन जैसे ही घूमकर जाती है। अन्य शब्दों में कहें तो जो दाएं हाथ के गेंदबाज उंगलियों की बजाय कलाई से गेंद को एक लेग स्पिनर की तरह फेंकते है, लेकिन टर्न लेकर गेंद ऑफ़ स्पिन की तरह जाए, उसे चायनामैन कहा जाता है है। 'चायनामैन' शब्द की उत्पत्ति 1933 में इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच ओल्ड ट्रैफ़र्ड में हुए टेस्ट के दौरान हुई। इंग्लैंड के बल्लेबाज रॉबिन्स को पहली पारी में वेस्टइंडीज के बाएं हाथ के स्पिनर एलिस एचोंग ने एक अपरम्परागत गेंद डाली जिसमें गेंद ऑफ़ स्टंप पर पड़कर लेग में चली गई और रॉबिन्स को स्टम्पिंग होकर मैदान से बाहर जाना पड़ा। संयोग से वेस्टइंडीज के गेंदबाज एलिस एचोंग चीनी वंश के पहले टेस्ट क्रिकेटर थे। रॉबिन्स पवेलियन चले गए और कहा 'यह एक निर्दयी चायनामैन द्वारा किया गया'। तब से इस प्रकार की गेंदबाजी करने वाले गेंदबाजों को 'चायनामैन' कहा जाता है। # कुलदीप यादव का जन्म 14 दिसंबर 1994 को उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के एक छोटे से गांव में हुआ था। # ईंट भट्टा मालिक के बेटे कुलदीप यादव बड़े हुए तो क्रिकेट का सपना पूरा करने के लिए उनका परिवार उन्नाव से कानपुर आकर बस गए। # 82 वर्षों के लम्बे टेस्ट इतिहास में भारत में एक चायनामैंन गेंदबाज हुआ है। बाएं हाथ के इस प्रकार के बहुत कम ही गेंदबाज हुए है। ब्रेड हॉग, माइकल बेवन और पोल एडम्स जैसे नाम ही दिमाग में आते हैं। # क्रिकेट एकेडमी से जुड़ने पर यादव ने एक तेज गेंदबाज के रूप में शुरुआत की थी. लेकिन उनके कोच कपिल पांडे ने उन्हें बाएं हाथ से अपारम्परिक गेंदबाजी के लिए तैयार किया। शुरुआत में कुलदीप को परेशानी हुई, वे रोये भी थे। बहुत जल्द ही उन्हें समझ आ गया कि उन्हें इस क्षमता का आशीर्वाद मिला है और वे इस प्रकार गेंदबाजी करने लगे। # अप्रैल 2012 में उन्हें 17 वर्ष की आयु में भारत की अंडर 19 टीम में चुना गया लेकिन विश्वकप के लिए अंडर 19 टीम में उन्हें जगह नहीं मिली। इस विश्वकप को भारत ने उन्मुक्त चंद की कप्तानी ने जीता था। # 2014 में उन्हें लगातार 18 महीनों के शानदार प्रदर्शन का फल मिला और यूएई में हुए अंडर 19 विश्वकप में भारतीय में चुना गया. इसमें उन्होंने 6 मैचों में 14 विकेट झटके जिसमें स्कॉटलैंड के खिलाफ एक हैट-ट्रिक भी शामिल है। वे तीसरे सबसे अधिक विकेट लेने वाले खिलाड़ी इस अंडर 19 विश्वकप में बने थे। # 2012 के आईपीएल में वे मुंबई इंडियंस का हिस्सा थे लेकिन एक भी मैच में शिरकत नहीं कर पाए थे। इसका मलाल भी उन्होंने नहीं किया। इस दौरान उन्हें नेट्स पर सचिन तेंदुलकर को गेंदबाजी करने का मौका मिला। # मुंबई इंडियंस ने उन्हें जब आगे यथावत नहीं रखा तो पिछले आईपीएल में कोलकाता नाईट राइडर्स ने कुलदीप यादव को 66 हजार डॉलर में खरीदकर टीम का हिस्सा बनाया। # कोलकाता नाईट राइडर्स के लिए CLT 20 में यादव ने अच्छा कार्य किया और 5 मैचों में 6 विकेट झटके तथा टीम को फाइनल में पहुंचाने में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। # CLT20 में अच्छे प्रदर्शन का फल यादव को मिला और उन्हें वेस्टइंडीज के खिलाफ वन-डे के लिए भारतीय टीम के लिए चुना गया। तब कुलदीप ने उत्तर प्रदेश के लिए एक भी प्रथम श्रेणी मैच नहीं खेला था।