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कहा जाता है कि कुक को पसीना नहीं आता है। यही कुक की सबसे बड़ी खासियत है और इसलिए वह भारतीय उपमहाद्वीप में भी खासे सफल रहे हैं, जहां अन्य इंग्लिश बल्लेबाज अक्सर गर्म मौसम से सामंजस्य के कारण संघर्ष करते हुए दिखाई देते हैं। चूंकि कुक एक सलामी बल्लेबाज हैं इसलिए उन्हें तेज गेंदबाजों का सामना अधिक करना पड़ता है। लेकिन उनकी उत्कृष्ट तकनीक के कारण उन्हें अपने कैरियर में कभी भी किसी बड़े चोट का सामना नहीं करना पड़ा। उन्होंने अब तक कुल 147 टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें से 145 लगातार हैं। ये आंकड़े दिखाते हैं कि वह किस हद तक चोटों से निपटने में सफल रहे हैं।
Edited by Staff Editor