3. 'तुम्हें पता है, हम मैच कहां हारे ? क्रिकेट के मैदान पर नहीं, बल्कि बॉस्केटबॉल कोर्ट पर'-
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कभी-कभी हम मैदान पर हारने से पहले मानसिक रुप से खुद को हारा हुआ मान लेते हैं । असली चुनौती वही है जब आप मानसिक और शारीरिक रुप से हर परिस्थिति का डटकर सामना करें ।
लेकिन कहीं आपने सोंच के लिया कि कोई आपसे ज्यादा अच्छा है और आप उसे हरा नहीं सकते हैं, तो निश्चित तौर पर आप उसे कभी नहीं हरा पाएंगे । इसलिए दिमागी रुप से हार कभी नहीं माननी चाहिए ।
दबाव और मानसिक रुप से खुद को कमजोर आंकने से आप जीती हुई बाजी भी हार सकते हैं ।
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About the author
सावन गुप्ता
I have keen interest in Sports. I Like Cricket, Football, Hockey, Badminton, Kabaddi Most. Fan of LSG In IPL and UP Yoddhas in PKL. Favourite player PV Sindhu. I have started my journey in Sports Journalism with Sportskeeda in 2017 and since then i am working for them.