6- तिलकरत्ने दिलशान
2009 से पहले दिलशान श्रीलंकन टीम में एक काम चलाऊ क्रिकेटर थे। जयसूर्या की गिरती फॉर्म को देखते हुए टीम को टॉप ऑर्डर में एक अनुभवी बल्लेबाज़ चाहिए था। दिलशान पिछले दशक से टीम के साथ थे और अब मौका था उनका कुछ कर दिखाने का और उन्होंने यह कारनामा स्टाइल में किया।
उन्होंने ओपनर के तौर पर अपनी तीसरी ही पारी में 137 रन बनाए और इस फॉर्म को तीनों फॉर्मेट में जारी रखा। उस साल उन्होंने 55 की औसत से 2,568 रन बनाए, उन्होंने इसके अलावा दिल स्कूप को इनवेंट किया। वो 2011 में हुए विश्व कप में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ भी थे। वो अभी भी टी-20 और वनडे क्रिकेट खेल रहे है।
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