वर्ल्ड कप का 12वां सीजन 30 मई से इंग्लैंड और वेल्स में शुरू होने वाला है। अभ्यास मैचों में भाग लेने के लिए सभी टीमें इंग्लैंड की धरती पर पहुंच चुकी हैं। हाल ही में विशेष रणनीति के तहत इंग्लैंड और पाकिस्तान की टीम ने अपने खिलाड़ियों में कुछ बदलाव किए हैं।
साल 1975 में पहली बार एकदिवसीय वर्ल्ड कप खेला गया था। उसके बाद से अब तक वर्ल्ड कप में कई शानदार मुकाबले देखने को मिले हैं। वर्ल्ड कप में हमें कई बड़े रन चेज, कई करीबी अंतर से जीत-हार वाले मैच, कई कम स्कोर वाले मैच देखने को मिलते हैं। वर्ल्ड कप में कई बड़े- बड़े रिकॉर्ड बने हैं जिसको देखकर गौरव महसूस होता है लेकिन कई ऐसे शर्मनाक रिकॉर्ड भी हैं जिसे कोई भी टीम या खिलाड़ी याद नहीं रखना चाहता है।
आज हम आपको वर्ल्ड कप में बने 10 शर्मनाक रिकॉर्ड के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे कोई याद नहीं रखना चाहेगा।
#10. दक्षिण अफ्रीका का नॉकआउट मैचों में खराब रिकॉर्ड:
दक्षिण अफ्रीका का नॉकआउट मैचों में प्रदर्शन हमेशा से ही बेहद खराब रहा है। इस टीम ने पहली बार जब 1992 में वर्ल्ड कप खेला था तब ये सेमीफाइनल तक पहुंची थी लेकिन बारिश के कारण मैच बाधित होने के कारण इन्हें अंतिम एक गेंद पर 22 रन बनाने का लक्ष्य मिला जिसके कारण उन्हें 19 रनों से हार का सामना करना पड़ा। दक्षिण अफ्रीका का नॉकआउट मैचों में सबसे अच्छा प्रदर्शन साल 2015 के वर्ल्ड कप में रहा जब उन्होंने क्वार्टर फाइनल में श्रीलंका को हराया था। हालांकि सेमीफाइनल में उसे न्यूजीलैंड के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था।
#9. सुनील गावस्कर की धीमी बल्लेबाजी:
जहां एक ओर भारत के सचिन तेंदुलकर के नाम वर्ल्ड कप में एक से बढ़कर एक बल्लेबाजी रिकॉर्ड दर्ज हैं वहीं भारतीय टीम की ओर से सुनील गावस्कर के नाम एक शर्मनाक रिकॉर्ड भी दर्ज है। वर्ल्ड कप के पहले संस्करण का पहला मैच इंग्लैंड और भारत के बीच खेला गया था जिसमें पहले बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड ने 60 ओवरों में 334 रन बनाए जो उस समय एकदिवसीय क्रिकेट का सर्वाधिक स्कोर था। जवाब में उतरी भारतीय टीम की ओर से सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने 174 गेंदों पर 36 रन की धीमी पारी खेली और नॉटआउट रहे। फलस्वरूप भारत को 202 रनों से हार का सामना करना पड़ा।
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#8. एक पारी में सबसे अधिक रन लुटाने का शर्मनाक रिकॉर्ड:
आप सभी सोचते होंगे कि साल 2015 में जेसन होल्डर ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 10 ओवरों में 104 रन खर्च किए थे, यही वर्ल्ड कप में सबसे खराब गेंदबाजी प्रदर्शन होगा। लेकिन ऐसा नहीं है, वर्ल्ड कप 1983 के पहले मैच में न्यूज़ीलैंड के मार्टिन स्नेडन ने इंग्लैंड के खिलाफ 12 ओवरों में 105 रन देकर 2 विकेट चटकाए थे। हालांकि यह दोनों विकेट महत्वपूर्ण थे जो एलन लैम्ब और माइक गेटिंग के थे। इस मैच में न्यूजीलैंड को हार का सामना करना पड़ा था।
#7. एक पारी में सबसे अधिक अतिरिक्त रन देने का रिकॉर्ड:
वर्ल्ड कप 1999 में मोईन खान और मोहम्मद युसूफ की शानदार बल्लेबाजी की बदौलत पाकिस्तान ने पहली पारी में स्कॉटलैंड के खिलाफ 261 रन बनाए। इस मैच में स्कॉटलैंड के गेंदबाजों ने अतिरिक्त 59 रन दिए थे जिसमें 5 बाई, 6 लेग बाई, 33 वाइड और 15 नो गेंद थी।
#6. टीम द्वारा सबसे कम रन बनाने का रिकॉर्ड:
साल 2003 के वर्ल्ड कप में श्रीलंका के खिलाफ बल्लेबाजी करने उतरी कनाडा की पूरी टीम 18.4 ओवरों में 36 रन बनाकर ऑलआउट हो गई थी। श्रीलंका ने इस मैच को 4.4 ओवरों में ही जीत लिया था। इसके अलावा वर्ल्ड कप 1979 में कनाडा की टीम इंग्लैंड के खिलाफ और साल 2003 में नामीबिया की टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 45 रन के स्कोर पर ऑलआउट हो गई थी।
#5. सबसे अधिक बार शून्य पर आउट होने का रिकॉर्ड:
वर्ल्ड कप इतिहास में सबसे अधिक बार शून्य पर आउट होने का रिकॉर्ड न्यूजीलैंड के नाथन एस्टल और पाकिस्तान के एजाज़ अहमद के नाम दर्ज है। नाथन एस्टल ने वर्ल्ड कप में 22 मैच खेलते हुए 403 रन बनाए हैं और 5 बार शून्य पर आउट हुए हैं जबकि एजाज़ अहमद 29 मैचों की 26 पारियों में 516 रन बनाए हैं और 5 बार शून्य पर आउट हुए हैं।
#4. सर्वाधिक बार लगातार शून्य पर आउट होने का रिकॉर्ड:
कनाडा के खिलाड़ी निकोलस डी ग्रूट और केन्या के शेम एनगोचे सर्वाधिक 3 बार लगातार शून्य पर आउट हुए हैं। निकोलस डी ग्रूट साल 2003 में बांग्लादेश, केन्या और श्रीलंका के खिलाफ लगातार मैचों पर शून्य रन पर आउट हुए थे जबकि शेम एनगोचे साल 2011 में न्यूजीलैंड, पाकिस्तान और श्रीलंका के खिलाफ 3 मैचों में लगातार आउट हुए थे।
# सर्वाधिक हार का रिकॉर्ड:
1983 से अपने वर्ल्ड कप यात्रा की शुरुआत करने वाली जिम्बाब्वे की टीम ने अपने डेब्यू वर्ल्ड कप मैच में ही ऑस्ट्रेलिया जैसी बड़ी टीम को हरा दिया था लेकिन अगले ही मैच में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 1983 से लेकर 2015 तक उन्होंने कुल 58 वर्ल्ड कप मैचों में हिस्सा लिया जिसमें उन्हें 42 मैचों में हार का सामना करना पड़ा है। साल 2019 का वर्ल्ड कप 1983 के बाद से ऐसा पहला वर्ल्ड कप है जिसमें ज़िम्बाब्वे भाग नहीं ले रही है।
#2. सबसे अधिक मैचों में लगातार हार:
जिम्बाब्वे ने साल 1983 में वर्ल्ड कप में डेब्यू किया था। उन्होंने अपने पहले ही मैच में ऑस्ट्रेलिया को हराकर सभी क्रिकेट दिग्गजों को सोचने पर मजबूर कर दिया था। ऑस्ट्रेलिया को हराने के बाद जिम्बाब्वे को 9 साल तक जीतने का इंतज़ार करना पड़ा। उनके लगातार हार का सिलसिला 1992 में आकर टूटा जब उन्होंने इंग्लैंड को एक 'लो-स्कोरिंग मैच' में हराया। इस बीच उन्हें 18 लगातार मैचों में हार का मुंह देखना पड़ा था।
#1. टीम द्वारा सबसे कम रन रेट से बनाया गया स्कोर:
शुरुआती वर्ल्ड कप संस्करणों में 4 रन प्रति ओवर का रनरेट अच्छा रनरेट माना जाता था। अपना दूसरा वर्ल्ड कप खेलते हुए कनाडा की टीम ने साल 1979 में इंग्लैंड के खिलाफ 40.3 ओवरों में 45 रन बनाकर ऑलआउट हो गई थी। कनाडा की टीम ने 1.11 रन प्रति ओवर के हिसाब से रन बनाए थे। यह वर्ल्ड कप इतिहास में किसी टीम द्वारा सबसे कम रनरेट से बनाया गया स्कोर है।