टेस्ट क्रिकेट की 10 सबसे बड़ी साझेदारियां जिन्होंने मैच बचाया

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#9 कॉलिन कौड्रे और पीटर मे बनाम वेस्ट इंडीज, एजबस्टन, 1957

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वेस्टइंडीज ने 1957 में इंग्लैंड का दौरा किया था एक मजबूत टीम के साथ जिसमें तीन बड़े नाम (एवर्टन वीक्स, फ्रैंक वॉरेल और क्लाईड वाल्कोट), रोहन कंन्ही, यंग गैरी सोबर्स, वेस हॉल और सनी रामधीन शामिल थे। पहला टेस्ट मैच एजबस्टन में खेला गया और इंग्लैंड की टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए 186 रन पर सिमट गयी जिसमें रामधीन ने 49 रन पर 7 विकेट लेकर मेजबान की कमर तोड़ दी। वहीं वेस्टइंजीज ने एक मजबूत जवाब देते हुए कोली स्मिथ के 161, क्लाइड वेलकॉट के 90 और फ्रैंक वॉरेल के 81 रनों की बदौलत स्कोर 474 के पार पहुंचाया। अपनी दूसरी पारी में इंग्लैंड को सलामी बल्लेबाजों पीटर रिचर्डसन और ब्रायन क्लॉज के द्वारा एक अच्छी शुरुआत मिली। हालांकि, रामधीन ने मेजबान को एक बार फिर परेशान करना शुरू कर दिया और रिचर्डसन और नंबर 3 के बल्लेबाज डग इन्सोल को जल्द पवेलियन भेज दिया। क्लॉज के जाने के बाद इंग्लैंड का स्कोर 113/3 था, कप्तान पीटर मे और कॉलिन काउड्रे क्रीज पर थे। वे खतरनाक साबित हो रहे रामधीन की मौजूदगी में 175 रनों का पीछा कर रहे थे ऐसे में सभी को अंदाजा था कि या तो बेहद कम स्कोर खड़ा होगा या फिर पारी की हार संभव थी। हालांकि, मे और काउड्रे ने समझदारी से बल्लेबाजी करते हुए विंडीज के गेंदबाजों को परेशान कर दिया। इस जोड़ी ने लगभग डेढ़ दिन तक क्रीज पर टिककर चौथे विकेट के लिए 411 रन की साझेदारी कर डाली जिसके बाद काउड्रे 500 बॉल पर 154 रन बनाकर आउट हो गये। मे ने इंग्लैंड की पारी 583/4 रन पर घोषित कर दी जिसमें उन्होंने खुद 600 बॉल पर 285 रन की पारी खेली। फ्रेड ट्रूमेन, जिम लैकर, टोनी लॉक की गेंदबाजी के आगे बल्लेबाज टिक नहीं सके और इंग्लैंड जीत के करीब जा पहुंचा। लेकिन कप्तान जॉन गोबार्ड की धैर्यभरी पारी की बदौलत वेस्टइंडीज 7 विकेट पर 72 रन बनाकर मैच ड्रॉ कराने में कामयाब रहा।