टेस्ट क्रिकेट की 10 सबसे बड़ी साझेदारियां जिन्होंने मैच बचाया

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#7 मार्टिन क्रो और एंड्रयू जॉन बनाम श्रीलंका, वेलिंगटन, 1991

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1991 में श्रीलंका के न्यूज़ीलैंड दौरे का यह पहला टेस्ट था। श्रीलंका ने टॉस जीता और कप्तान अर्जुन राणातुंगा ने मेजबान टीम को पहले बल्लेबाजी करने के लिए भेजा। रुमेश रत्नेयके और ग्रीम लेब्राय (दोनों ने 4-4 विकेट लिए) ने शानदार गेंदबाजी की जिसकी बदौलत न्यूजीलैंड की पहली पारी केवल 174 रन पर सिमट गयी । जिसके जवाब में अरविंद डी सिल्वा के लाजवाब दोहरे शतक (267) और असान्का गुरुससिन्हा (70) व अर्जुन राणातुंगा (55) की अर्धशतकीय पारी की बदौलत श्रीलंका ने 497 रन बनाकर 323 रनों की बड़ी बढ़त हासिल की। दूसरी पारी में न्यूजीलैंड की टीम ने अच्छी शुरुआत की। जिसमें जॉन राइट (88) ने ट्रेवर फ्रैंकलिन के साथ मिलकर पहले विकेट के लिए 134 रन जोड़े। लेकिन चंपाक रमनायके ने जल्दा ही दोनों को पवेलियन भेज दिया और क्रीज पर कप्तान मार्टिन क्रो और एड्रूय जॉन की नयी नवेली जोड़ी आ गयी। अभी न्यूजीलैंड की पारी 175 रन पीछे थी और उन्हें मैच बचाने के लिए कुछ खास करने की जरूरत थी। इसके बाद दोनों ने इतिहास रचते हुए न्यूजीलैंड की तरफ से सर्वोच्च साझेदारी का रिकॉर्ड बना डाला। मार्टिन और जॉन ने लगभग 9 घंटे तक बल्लेबाजी करते हुए 924 बॉल पर 467 रन बना डाले। दोनों बल्लेबाजों ने काफी धैर्य से बल्लेबाजी की और हारे हुए मैच को ड्रॉ की तरफ ढकेल दिया। आखिरकार इस जोड़ी को राणातुंगा ने तोड़ा, जिन्होंने जोन्स को 454 गेंदों में 186 रनों पर आउट किया। हालांकि क्रो के लिए ये मैच दुर्भाग्यशाली रहा क्योंकि 299 रन बनाकर वो मैच की अंतिम गेंद पर आउट हो गए। क्रो अपने तिहरे शतक से चूक गये लेकिन जोन्स के साथ अविश्वसनीय साझेदारी कर मैच को ड्रॉ करा दिया।

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