टेस्ट क्रिकेट की 10 सबसे बड़ी साझेदारियां जिन्होंने मैच बचाया

du plesi

#3 केन मैके और लिंडसे क्लाइन बनाम वेस्टइंडीज, एडिलेड, 1961

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तीन टेस्ट के बाद 1961 में वेस्टइंडीज के ऑस्ट्रेलिया दौरे में दोनों टीमों ने एक-एक मैच जीता था। ऑस्ट्रेलिया ने मेलबर्न में दूसरे टेस्ट में सात विकेट से जीत हासिल की, जबकि सिडनी में तीसरे टेस्ट में मेहमान टीम ने उन्हें 223 रनों से हरा दिया। अंतिम टेस्ट एडिलेड में खेला गया और जहां वेस्टइंडीज ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। रोहन कन्हई के 117 और कप्तान फ्रैंक वॉरेल (78) और गैरी अलेक्जेंडर (63) के अर्धशतक की बदौलत विंडीज ने 393 रन बनाये। रिची बेनॉड ने ऑस्ट्रेलिया के लिए पांच विकेट लिए। जवाब में मेजबान ने बॉबी सिम्पसन (85), रिची बेनॉड (77) और कॉलिन मैकडॉनल्ड(71) के अर्धशतक की मदद से 366 रन बनाये। लांस गिब्स ने 97 रन देकर 5 विकेट अपने नाम किये। दूसरी पारी में विंडीज ने 432/6 रन बनाए, जिसमें कन्हई ने 115 और अलेक्जेंडर, कॉनराड हंट, और वॉरेल ने अर्धशतक जमाए। ऑस्ट्रेलिया को 460 रनों का लक्ष्य मिला। मेजबान टीम की पारी की शुरूआत बेहद खराब हुई और जल्द ही कॉलिन मैकडॉनल्ड, लेस फेवेल और बॉबी सिंपसन पवेलियन लौट गई। किसी प्रकार नॉर्म ओ'नील और पीटर बर्ग ने क्रमश: 65 और 49 रन बनाए। दोनों बल्लेबाजों के आउट होने के बाद वैली ग्राउट ने 42 रन जोड़े लेकिन जल्द ही उन्हें वापस भेज दिया गया। एक समय जब ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 207/9 था तब क्रीज पर केन मैकी और लिंडेस क्लाइन की जोड़ी मौजूद थी। दोनों ने शानदार बल्लेबाजी का नजारा पेश करते हुए हारे हुए टेस्ट को ड्रॉ करा दिया। ऑस्ट्रेलिया ने अंतिम विकेट के लिए 66 रन जोड़े। जिसमें मैकी ने 223 गेंदों का सामना करते हुए 62 रन बनाये और क्लाइन ने 109 गेंदों में 15 रन बनाए।

Edited by Staff Editor
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