1996 के विश्वकप में जब जावेद मियांदाद भारत के खिलाफ अपने आखिरी मैच में रनआउट हुए तो भारतीय क्रिकेटप्रेमी व इतिहासकारों ने उनके सम्मान में स्टेडियम में खड़े होकर उनके लिए ताली बजाई। रामचंद्र गुहा ने उन्हें महान बल्लेबाज़ बताया। लोगों ने भगवान का शुक्रिया इसलिए कि अब मियांदाद भारत के खिलाफ दोबारा नहीं खेलेंगे। जावेद मियांदाद ने उस पीढ़ी के क्रिकेटप्रेमियों को सबसे ज्यादा अपनी बल्लेबाज़ी से परेशान किया है। उन्होंने तकरीबन 18 साल तक क्रिकेट खेला था। जावेद मियांदाद ने भारत के खिलाफ सभी प्रारूप में 8 शतक व 20 अर्धशतक लगाया था। साथ ही 1986 में शारजाह में ऑस्ट्रेलेशिया कप के फाइनल में जब उन्होंने चेतन शर्मा की आखिरी गेंद पर छक्का लगाकर भारतीय फैन्स को दुखी कर दिया था। भारत और पाकिस्तान के बीक जब भी कोई मुकाबला होता है, तो लोगों के जहन में जावेद मियांदाद का छक्का दोबारा से सबके जहन में ताज़ा हो जाता है। इसके अलावा उन्होंने टेस्ट में भारत के खिलाफ 280 रन की पारी खेली थी। उनका औसत भारत के खिलाफ 61 के करीब था। लेखक- सोहम, अनुवादक- जितेंद्र तिवारी