भारत के लिए वनडे में भारतीय टीम के लिए बल्लेबाजी में नंबर 4 की परेशानी खत्म होते नहीं दिख रही है। 2015 विश्वकप के बाद से टीम इस नंबर पर 10 बल्लेबाजों को आजमा चुकी है लेकिन कोई भी अभी तक यहाँ अपनी जगह पक्की नहीं कर पाया है। यहाँ तक कि विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी जैसे बल्लेबाज भी यहाँ फेल रहे। 2019 विश्वकप में अब 10 महीने का समय बचा है ऐसे में टीम इंडिया को जल्द ही ऐसा बल्लेबाज ढूँढना पड़ेगा जो इस जगह पर अच्छा रन बना पाये। आज हम आपको उन 10 बल्लेबाजों के बारे बताने जा रहे हैं जिन्हें 2015 विश्वकप के बाद से चौथे क्रम पर आजमाया गया है: #1 अजिंक्य रहाणे पारी: 10, रन: 420, औसत: 46.66 भारतीय टेस्ट टीम के उपकप्तान अजिंक्य रहाणे के लिए वनडे क्रिकेट कुछ नहीं रहा है। मूल रूप से सीमित ओवरों के खेल के सलामी बल्लेबाज रहाणे को रोहित और धवन की वजह से चौथे क्रम पर बल्लेबाजी करनी पड़ती है। 2015 विश्वकप के बाद से इस स्थान पर उनका प्रदर्शन बाकि खिलाड़ियों से बेहतर रहा है लेकिन अभी की परिस्थितियों को देखते हुए उनका टीम में आना लगभग नामुमकिन ही है। भारतीय टीम को यहाँ ऐसा बल्लेबाज चाहिए जो पारी को संभाल सकते और रहाणे ऐसा कर सकते हैं।#2 युवराज सिंह पारी: 9, रन: 358, औसत: 44.75 भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल मध्यक्रम बल्लेबाज युवराज सिंह काफी समय तक टीम इंडिया के लिए इस स्थान पर खेलते रहे हैं। यहाँ बल्लेबाजी करते हुए उनका औसत भी अच्छा रहा है लेकिन उन्हें इस स्थान पर काफी मौके दिए जा चुके हैं। पिछले साल चैंपियंस ट्रॉफी में औसत प्रदर्शन के बाद वेस्टइंडीज में उनका प्रदर्शन काफी खराब रहा। उनके बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया और तब से अभी तक वह टीम में वापसी नहीं कर पाये हैं। अपनी बढती उम्र और गिरते फॉर्म की वजह से आईपीएल में भी उसका प्रदर्शन काफी निराशजनक था और अब इंडिया टीम में वापसी अब नामुमकिन ही दिखती है।#3 महेंद्र सिंह धोनी पारी: 9, रन: 320, औसत: 35.55 पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने भी इस क्रम पर हाथ आजमाया लेकिन वह कुछ खास नहीं कर पाये। यहाँ खेली 9 पारियों में उनके बल्ले से सिर्फ 2 अर्धशतक ही निकले हैं। उनका करियर औसत जहाँ 50 से ऊपर है वहीं इन 9 पारियों में वह 35 के आसपास का ही है। चौथा क्रम 2015 विश्वकप के बाद से ही भारत को परेशान कर रहा ही ऐसे में टीम के पास धोनी से बेहतर विकल्प कोई नहीं हो सकता। धोनी ने कुछ समय पहले ही वनडे क्रिकेट में अपने दस हजार रन पूरे किये हैं। अब देखने वाली बात होगी क्या कोहली धोनी को एशिया कप में इस क्रम पर खेलने को बोलते हैं या नहीं।#4 मनीष पाण्डे पारी: 7, रन: 183, औसत: 36.6 मनीष पाण्डे को जब भी मौका मिल उनका बल्ला खामोश ही रहा। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इसी कर्म पर बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने शानदार शतक बनाकर टीम को जीत दिलाई थी। भारतीय टीम ने उस मैच में 2 गेंद बाकि रहते 331 रनों का लक्ष्य हासिल कर लिया था। इस पारी को हटा दें तो पाण्डे का बल्ला पूरी तरह खामोश रहा और इसी वजह से दूसरे खिलाड़ियों को यहाँ मौका दिया गया। उन्होंने अपना अंतिम वनडे मैच पिछले साल दिसम्बर में श्रीलंका के खिलाफ खेला था। इंग्लैंड टी-20 सीरीज में उनका नाम थे लेकिन वनडे सीरीज के लिए उन्हें टीम में जगह नहीं मिली।#5 हार्दिक पांड्या पारी: 5, रन: 150, औसत: 30.00 दुनिया के सबसे बेहतरीन ऑलराउंडर के रूप में उभर रहे हार्दिक पांड्या अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं। अपने करियर में ज्यादातर वह अंतिम ओवरों में आकर तेजी से चौके-छक्के लगाने के लिए जाने जाते हैं। इसके साथ ही जरूरत पड़ने पर जिम्मेदारी भरी पारी भी खेलते हैं। इसी वजह से टीम मैनेजमेंट ने उन्हें इस स्थान पर बल्लेबाजी का मौका दिया लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक पारी छोड़ दे तो उनका बल्ला पूरी तरह खामोश ही रहा। इंग्लैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज में उन्होंने बल्ले और गेंद दोनों से शानदार खेल दिखाया था लेकिन अब वनडे में उन्हें इस क्रम पर बल्लेबाजी मिलना मुश्किल ही लगता है।#6 दिनेश कार्तिक पारी: 5, रन: 142, औसत: 71.00 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में महेंद्र सिंह धोनी से पहले डेब्यू करे वाली कार्तिक कभी भी भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की नही कर पाये। चौथे पर पर उन्हें 5 मौके मिले हैं जिसमें उनके बल्ले से 71 की औसत से रन निकले हैं। इसके बावजूद वह ऐसी पारी नहीं खेल पाएँ हैं जो टीम मैनेजमेंट को इम्प्रेस कर पाये। ज्यादातर मौकों पर उनका क्रम निर्धारित नहीं होता लेकिन उन्हें चौथे क्रम पर खेलने की पूरी काबिलियत है। वह जरूरत के हिसाब से अपनी पारी को तेज करते फिनिशर की भूमिका भी निभा सकते हैं। बंग्लादेश के खिलाफ निदाहस ट्रॉफी के फाइनल में उन्होंने ऐसा करके दिखाया भी था। अगर उन्हें पूरा मौका मिले तो इस स्थान पर वह लम्बा टिक सकते हैं।#7 मनोज तिवारी पारी: 3, रन: 34, औसत: 11.33 मनोज तिवारी भारतीय टीम के सबसे दुर्भाग्यपूर्ण खिलाड़ी कहे जा सकते हैं। घरेलू मैचों में रनों की बरसात करने वाले तिवारी में भारत के लिए सिर्फ 12 वनडे मैच खेलने का मौका मिला है। जिसमें उनके बल्ले से एक शतक और एक अर्धशतक निकला है। ज़िम्बाब्वे के दौरे पर जब सभी प्रमुख खिलाड़ियों को आराम दिया गया था उस समय तिवारी को टीम में जगह मिली थी। वहां उनके बल्ले से 11.33 की औसत से मात्र 34 रन निकले। उनके बाद से फिर उन्हें भारतीय टीम में मौका नहीं मिला। घरेलू मैचों में वह अभी भी बंगाल की कप्तानी करते हैं और उनके बल्ले से भी काफी र निकलते हैं। इसके बावजूद अन शायद ही अभी उन्हें भारतीय टीम में जगह मिले।#8 केदार जाधव पारी: 3, रन: 18, औसत: 9.00 अपने वनडे करियर के चौथे ही मैच में शतकीय पारी खेलकर जाधव ने टीम इंडिया में अपनी दावेदारी पेश कर दी थी। उन्होंने अभी तक भारत के लिए 40 वनडे मैच खेले हैं जिसमें उनके बल्ले से 2 शतक और 3 अर्धशतक निकलते हैं। सुरेश रैना की जगह पर भारतीय टीम में आये जाधव निचले क्रम में तो अच्छी बल्लेबाजी करते हैं लेकिन चौथे क्रम पर उनका बल्ला पूरी तरह शांत रहा है। आईपीएल के पहले ही मैच में चोटिल होने के बाद वह ना तो आईपीएल खेल पाये और ना ही इंग्लैंड दौरे के लिए फिट हो पाये। विश्वकप में जाधव टीम का हिस्सा हो सकते हैं क्योंकि जरूरत पड़ने पर वह गेंदबाजी में कुछ ओवर निकाल सकते हैं।#9 विराट कोहली पारी: 2, रन: 23, औसत: 11.5 विराट कोहली इस समय दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में शामिल हैं। क्रिकेट के तीनों ही फॉर्मेट में उनके बल्ले से रन निकल रहे हैं। टीम का कप्तान होने के नाते कोहली ने खुद को भी चौथे क्रम पर आजमाया लेकिन दो पारियों में उनके बल्ले से मात्र 23 रन निकले। कोहली कई बार इस क्रम को लेकर प्रेस कांफ्रेंस में भी बात कर चुके हैं। अगले सीरीज में ऐसा हो सकता है कोहली खुद यहाँ बल्लेबाजी कर टीम की परेशानी दूर कर दें।#10 केएल राहुल पारी: 2, रन: 17, औसत: 8.50 सुनील गावस्कर इस खिलाड़ी को भारतीय टीम का भविष्य बता चुके हैं। इतने टैलेंटेड होने के बावजूद वह चौथे क्रम पर रन नहीं बना पा रहे हैं। इंग्लैंड के खिलाफ हाल ही में समाप्त हुई वनडे सीरीज में उन्हें पहले दो मैचों में यहाँ बल्ले करने का मौका मिला लेकिन वह असफल रहे। इसके बाद टीम मैनेजमेंट ने उन्हें तीसरे और अंतिम मुकाबले में टीम से बाहर कर दिया। इस बात में कोई शक नहीं है की राहुल रन नहीं बना सकते। वह मुख्य रूप से सलामी बल्लेबाज हैं और रहाणे की तरह ही रोहित और धवन के होते उन्हें ऊपर मौका नहीं मिल पा रहा। इस क्रम पर उन्हें ढलने में थोड़ा समय लगेगा और उन्हें मौका देना टीम की यह मुसीबत दूर कर सकता है। लेखक: सौमिन परमार अनुवादक: ऋषिकेश सिंह