10 खिलाड़ी जिन्होंने आशीष नेहरा के बाद अपना डेब्यू किया और उनसे पहले रिटायर हो गए

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1 नवंबर, 2017 को आशीष नेहरा ने फिरोजशाह कोटला मैदान में न्यूजीलैंड के खिलाफ टी-20 मैच के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। नेहरा ने 24 फरवरी, 1999 को श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट मैच से अपने अंतरराष्ट्रीय करयिर की शुरूआत की थी। भारत के लिए नेहरा ने 17 टेस्ट, 120 वनडे और 26 टी-20 मैच खेले और तीनों प्रारूपों में कुल 235 विकेट लिए। कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी ऐसे हैं, जिन्होंने नेहरा के बाद करियर की शुरूआत की और उनसे पहले ही संन्यास ले लिया। आइए जानते हैं ऐसे 10 खिलाड़ियों के बारे में: ग्रेम स्मिथ पूर्व दक्षिण अफ्रीकी कप्तान ग्रीम स्मिथ का नाम इस खेल के शानदार कप्तानों की फेहरिस्त में हमेशा शुमार किया जाएगा। स्मिथ ने 2002 में केपटाउन में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच से अपने करियर की शुरूआत की थी। स्मिथ ने दक्षिण अफ्रीका के लिए 347 antarrashtriy मैच खेले हैं। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने अपने पदार्पण के एक साल के भीतर ही दक्षिण अफ्रीका की कमान संभाली। एक कप्तान और एक बल्लेबाज के रूप में स्मिथ ने अपने दायित्व को कुशलतापूर्वक निभाया। टेस्ट क्रिकेट में स्मिथ ने 117 मैचों में 48.25 के औसत के साथ 9265 रन बनाए और दक्षिण अफ्रीका के लिए दूसरे सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी भी रहे। वनडे करियर में स्मिथ ने 197 मैचों में 38 के औसत के साथ 6989 रन बनाए। टी20 करियर में स्मिथ के नाम पर 982 रन हैं। स्मिथ तीन विश्वकप टूर्नामेंट का हिस्सा रहे, जिनमें से दो में उन्होंने दक्षिण अफ्रीका की कप्तानी भी की। इसके अतिरिक्त तीन वर्ल्ड टी20 टूर्नामेंट में भी वह टीम का हिस्सा रहे। हालांकि, दक्षिण अफ्रीका एक बार भी टी20 विश्वकप जीतने में नाकामयाब रहा। 2014 में 33 वर्ष की उम्र में स्मिथ ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा। ब्रेंडन मैकलम 97e07-1509462997-800 ब्रेंडन मैकलम न्यूजीलैंड के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों में से एक हैं। जनवरी, 2002 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी के मैदान पर खेले गये वनडे मैच से मैकलम ने अपने एकदिवसीय क्रिकेट की शुरूआत की, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में मौके के लिए उन्हें कुछ और सालों तक इंतजार करना पड़ा। उन्होंने 101 टेस्ट मैचों में न्यूजीलैंड का प्रतिनिधित्व किया और 38.64 की औसत से 6453 रन अपने नाम किये। वहीं 260 वनडे मुकाबलों में 30.41 के औसत से 6083 रन बनाए। अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के दम पर अंतरराष्ट्रीय टी-20 क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करते हुए 71 मैचों में 35.66 के बेहतरीन औसत के साथ 2140 रन अपने नाम किए। 4 विश्व कप और 5 वर्ल्ड टी-20 टूर्नामेंट्स में कीवियों के लिये वह महत्वपूर्ण भूमिका में रहे और 2015 के विश्व कप फाइनल में अपनी टीम का नेतृत्व किया। अपनी आक्रामक कप्तानी से उन्होंने क्रिकेट प्रेमियों के ज़ेहन में अपनी खास जगह बनाई। फरवरी, 2016 के हैमिल्टन टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सबसे तेज शतक जमाकर मैकलम ने अपने आखिरी अंतरराष्ट्रीय मुकाबले को यादगार बना दिया। तिलकरत्ने दिलशान 5d1ea-1509462946-800 पूर्व श्रीलंकाई कप्तान का नाम उन 11 खिलाड़ियों में शुमार होता है, जिन्होंने एकदिवसीय क्रिकेट में दस हजार रनों के आंकड़े को छूआ है। दिलशान ने 87 टेस्ट मैचों में 41 के औसत के साथ 5494 रन बनाए और 330 वनडे मैचों में 39 के औसत के साथ 10290 रन बनाए। उन्होंने 80 टी-20 मैचों में 28 के औसत के साथ 1889 रन अपने नाम किए। दिलशान ने चार विश्व कप टूर्नामेंट में श्रीलंका का प्रतिनिधित्व किया और 42 अंतरराष्ट्रीय मैचों में टीम की कप्तानी भी की। 2009 टी-20 विश्व कप में दिलशान मैन ऑफ द टूर्नामेंट भी रहे। 2013 में टेस्ट से संन्यास लेने के बाद दिलशान 2014 विश्व कप विजेता श्रीलंकाई टीम का हिस्सा रहे। दिलशान ने 2016 में घरेलू जमीन पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा। यूनिस खान 06230-1509462903-800 यूनिस खान से जुड़ा सबसे रोचक तथ्य है कि वह एक मात्र पाकिस्तानी बल्लेबाज हैं, जिनके नाम पर 10 हजार से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय रन दर्ज हैं। पूर्व पाक कप्तान यूनिस खान ने अपने करियर में 52 के औसत के साथ 10099 रन बनाए। साथ ही, 265 वनडे मैचों में उनके नाम पर 31 के औसत के साथ 7249 रन दर्ज हैं। यूनिस खान के करियर की शुरूआत सन 2000 में श्रीलंका के खिलाफ में वनडे मैच से हुई और 17 वर्षों बाद मई, 2017 में उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कहा। पाक ने 2009 टी-20 विश्व कप अपने नाम किया और टूर्नामेंट में यूनिस ने टीम की कप्तानी की। यह उनके क्रिकेट करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि साबित हुई। जहीर खान d7417-1509462868-800 नेहरा जब अपने करियर के चरम पर थे, तब उन्हें साथ मिला जहीर खान का। जहीर भी बाएं हाथ के गेंदबाज थे और नई गेंद से बल्लेबाजों को परेशान करना उनका भी खास हुनर था। इस जोड़ी ने कई टूर्नामेंट में अहम भूमिका निभाई और अपने फैन्स को कई सुनहरी यादें भी दीं। जहीर खान ने 2000 में आईसीसी के नॉकआउट कप में केन्या के खिलाफ मैच से अपने करियर की शुरूआत की थी। जहीर ने 2015 में क्रिकेट को अलविदा कहा। जहीर ने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों को मिलाकर कुल 309 मैच खेले और 610 विकेट अपने नाम किए। जहीर ने तीन विश्व कप टूर्नामेंट में प्रतिभागिता दर्ज की है और वह एक बार विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा भी रह चुके हैं। 2003 में भारत को विश्व कप के फाइनल तक पहुंचाने में भी जहीर की अहम भूमिका थी।

ब्रेट ली

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2012 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके ब्रेट ली ने अपने करियर के दौरान मैदान पर अपनी रफ्तार और सधी हुई गेंदबाजी से विश्व के कई दिग्गज बल्लेबाजों को खूब छकाया। 76 टेस्ट, 221 वनडे और 25 टी-20 खेलने वाले इस ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज ने तीनों प्रारूपों में 700 से अधिक विकेट अपने नाम किए। एकदिवसीय क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया की ओर से सबसे अधिक विकेट (380) भी ब्रेट ली के नाम पर ही हैं। ब्रेट ली ने 1999 में मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में भारत के खिलाफ वनडे मैच से अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरूआत की थी। ली ने दो विश्व कप टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व किया। ब्रेट ली 2003 में विश्व विजेता ऑस्ट्रेलियाई टीम का हिस्सा भी रह चुके हैं। इतना ही नहीं वह टी-20 विश्व कप टूर्नामेंट में भी टीम का हिस्सा रह चुके हैं। माइक हसी Australia v South Africa - Second Test: Day 1 28 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरूआत करना और इसके बावजूद विश्व क्रिकेट के दिग्गज बल्लेबाजों के बीच अपनी खास जगह बनाना। यह एक असाधारण खिलाड़ी ही कर सकता है। माइक हसी ने 1994 में फर्स्ट क्लास क्रिकेट से करियर की शुरूआत की। वह वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया की ओर से खेलते थे। हसी को 2004 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में मौका दिया गया। उनका पहला मैच भारत के खिलाफ था। पहला वनडे खेलने के कुछ महीनों बाद ही उनको टी-20 और टेस्ट टीम का भी हिस्सा बनाया गया। वर्ष 2013 उनके करियर में एक नया मोड़ लेकर आया। वह खेल के तीनों प्रारूपों मे ऑस्ट्रेलिया की ओर से सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी बने। उन्होंने 79 टेस्ट मैचों में 51.52 के शानदार औसत के साथ 6235 रन बनाए। साथ ही, वनडे में भी अपनी काबिलियत साबित करते हुए 48.15 के शानदार औसत के साथ 5442 रन अपने खाते में जोड़े। कुमार संगकारा b4332-1509462640-800 संगकारा ने 2000 (जुलाई) में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरूआत की थी। उन्होंने टेस्ट करियर में 57 से अधिक औसत के साथ 12,400 रन बनाए। वनडे करियर में संगाकारा ने 404 मैच खेले और 52 के औसत के साथ 14,234 रन बनाए। संगकारा ने कुल 594 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं। 2014 में विश्व कप विजेता श्रीलंकाई टीम का हिस्सा होने समेत संगकारा ने करियर में कुल 4 विश्व कप टूर्नामेंट में अपनी हिस्सेदारी दर्ज की। इतना ही नहीं संगकारा पांच वर्ल्ड टी-20 टूर्नामेंट का हिस्सा भी रहे। वीरेंदर सहवाग Virender Sehwag वीरेंदर सहवाग और आशीष नेहरा का करियर लगभग एक साथ शुरू हुआ। चाहे वह समान आयु वर्ग में खेलना हो, घरेलू क्रिकेट करियर हो या फिर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर। हाल ही में नेहरा ने एक साक्षात्कार में यह बात साझा की है कि बचपन के दिनों मे वह और सहवाग ट्रेन में साथ ही सफर किया करते थे। नेहरा के अंतरराष्ट्रीय करियर में पदार्पण के कुछ महीनों बाद ही सहवाग ने भी पाकिस्तान के खिलाफ वनडे से अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरूआत की। क्रिकेट के सबसे विध्वंसक बल्लेबाजों में शुमार सहवाग ने 104 टेस्ट मैचों में लगभग 50 के औसत के साथ 8586 रन बनाए। उनका बेहतरीन स्ट्राइक रेट (83) बताता है कि वह कितने तेजतर्रार बल्लेबाज थे। वनडे में सहवाग का औसत 35 का है, लेकिन उनका स्ट्राइक रेट (105) उनके घातक बल्लेबाज होने की बात को साबित करता है। सहवाग ने तीन विश्व कप खेले। वह 2011 की वनडे और 2007 की टी-20 विश्व कप विजेता भारतीय टीम का हिस्सा भी रहे। सहवाग ने 2015 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा। माइकल क्लार्क cbfff-1509462542-800 नेहरा से कई साल बाद अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरूआत करने वाले पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क ने तीनों प्रारूप मिलाकर 394 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं, जिनमें उन्होंने 17 हजार से ज्यादा रन बनाए। वह दो बार विश्व विजेता ऑस्ट्रेलियाई टीम का हिस्सा भी रहे। एक में वह टीम के कप्तान भी रहे। क्लार्क ने अगस्त, 2015 में अपने 12 साल लंबे करियर को खत्म किया। लेखकः विग्नेश अनंतसुब्रमण्यन, अनुवादकः देवान्श अवस्थी

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