क्रिकेट अनिश्चिताओं के साथ-साथ आंकड़ों भी खेल माना जाता है। इस खेल में पहले से कुछ भी निर्धारित नहीं होता। किसी भी समय कोई भी ख़िलाड़ी अपने खेल से सभी को आश्चर्य में डाल सकता है। इस खेल में ख़िलाड़ी अपनी निरंतरता को लेकर भी जाना जाता है, साथ ही लगातार अच्छा प्रदर्शन करते हुए बहुत से खिलाड़ियों ने इस खेल में महारथ हासिल की है। आज बात कुछ ऐसे ही महान खिलाड़ियों की, जिन्होंने अपने एकदिवसीय क्रिकेट करियर में ऐसा मुकाम हासिल किया है, जिसका सपना वह बचपन से संजोकर रखते हैं। एकदिवसीय मुकाबलों में कई खिलाड़ियों ने किसी न किसी विभाग में महारथ हासिल की लेकिन कुछ ऐसे भी बल्लेबाज रहे जिन्होंने एकदिवसीय मुकाबलों में रनों की झड़ी लगा दी। इन बल्लेबाजों ने अपनी बल्लेबाजी से सभी का दिल जीता और 10 हज़ार से ज्यादा रन बना डाले। 10 हज़ार से अधिक रन बनाने वाले शीर्ष 10 बल्लेबाजों पर एक नजर : ब्रायन लारा (वेस्टइंडीज) वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान और टेस्ट क्रिकेट के महान बल्लेबाज ब्रायन लारा ने वनडे क्रिकेट में भी अपना जादू बरकरार रखा। एक बल्लेबाज के रूप में उनकी रनों के प्रति भूख एकदिवसीय मैचों में भी देखने को मिली। बाएं हाथ के बल्लेबाज लारा ने एकदिवसीय मैचों में भी अपनी बल्लेबाजी से विपक्षी टीम को परेशान करके रखा। वेस्टइंडीज की तरफ से वनडे और टेस्ट में 10 हज़ार रन बनाने वाले वह इकलौते बल्लेबाज हैं, उन्होंने अपने वनडे करियर में 299 मैच खेले और 19 शतक के साथ 40.48 के औसत से 10405 रन बनाये। राहुल द्रविड़ (भारत) भारतीय टीम के लिए टेस्ट में सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक राहुल द्रविड़ ने अपने आप को वनडे मुकाबलों का भी एक शानदार बल्लेबाज साबित किया। उनकी निरंतरता टेस्ट के साथ वनडे मैचों में भी देखने को मिली। राहुल द्रविड़ ने वनडे में दो बार 300 से अधिक रन की साझेदारी की और साथ ही 83 अर्धशतक भी अपने नाम किये, जिसमें एक अर्धशतक उन्होंने केवल 22 गेंदों पर लगाया था। द्रविड़ ने वनडे करियर में 344 मैच खेलते हुए लगभग 40 के औसत से 10889 रन बनाये। सौरव गांगुली (भारत) भारतीय टीम के दिग्गज बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ने एक बार कहा था, "ऑफ साइड में शॉट मारने में भगवान के बाद सिर्फ गांगुली ही होंगे।" बाएं हाथ के पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने अपने करियर में बहुत से मुकाम हासिल किये लेकिन उनके द्वारा लगाये गए ऑफ साइड में शॉट शायद ही कोई बल्लेबाज वर्तमान समय में भी मारता हो। सौरव गांगुली साल 2000 की शुरुआत से दिग्गज बल्लेबाजों की सूची में शामिल हो गए थे। गांगुली ने बल्लेबाजी के साथ एक कप्तान के रूप में भी अपने आप को एक बेहतरीन ख़िलाड़ी साबित किया था, उन्होंने भारत की तरफ से 311 वनडे मैच खेलते हुए 22 शतक और 41.02 के लाजवाब औसत से 11363 रन बनाये। सौरव गांगुली ने अपने करियर में 72 अर्धशतक भी जमाये। जैक्स कैलिस (दक्षिण अफ्रीका) विश्व क्रिकेट में सबसे उम्दा ऑलराउंडर खिलाड़ियों में से एक जैक्स कैलिस ने टेस्ट के साथ वनडे मैचों में 10 हज़ार से ज्यादा रन बनाये और साथ ही उन्होंने दोनों फॉर्मेट में 200 से अधिक विकेट भी अपने नाम किये। विश्व क्रिकेट में ऐसा करने वाले वह इकलौते ख़िलाड़ी हैं। टीम के लिए मध्यक्रम में बल्लेबाजी करना उनकी ताकत रहा। इसलिए उन्होंने 328 मैच खेलते हुए 11579 रन बनाये, जिसमें 17 शतक और 86 अर्धशतक शामिल थे। इंजमाम उल हक (पाकिस्तान) पाकिस्तान की तरफ से इकलौते बल्लेबाज, जिन्होंने वनडे मैचों में 10 हज़ार से अधिक रन बनाने का कीर्तिमान अपने नाम किया। विश्वकप 1992 में पाकिस्तान को विश्व विजेता बनाने में अहम किरदार निभा चुके इंजमाम उल हक पाकिस्तानी दिग्गज खिलाड़ियों में शुमार होते हैं। उन्होंने अपनी पॉवर हिटिंग से वनडे मैचों में एक अलग पहचान बनाई और साथ ही उनके नजाकत भरे शॉट्स भी दर्शकों को खूब रास आये। इंजमाम ने 378 वनडे मैच खेलते हुए 11739 रन बनाये। उनका औसत भले ही 40 के पास का हो लेकिन उनका स्ट्राइक रेट (75) एक बेहतरीन वनडे बल्लेबाज का था। इंजमाम ने अपने करियर में 10 शतक और 83 अर्धशतक भी लगाये। महेला जयवर्धने (श्रीलंका) अपने कलात्मक बल्लेबाजी के कारण विश्व क्रिकेट में प्रसिद्ध हुए महेला जयवर्धने बल्लेबाजी करते समय सारे क्रिकेटिंग शॉट खेलते थे और हमेशा अपनी टाइमिंग पर भरोसा रखते थे। एक बल्लेबाज के साथ जिम्मेदारी निभाने के अलावा उन्होंने श्रीलंका के लिए कप्तानी भी की। श्रीलंकाई टीम के लिए विश्व कप के फ़ाइनल (2011) में शतक लगाने वाले वह दूसरे बल्लेबाज बने। महेला जयवर्धने ने 448 मैच खेलते हुए 12650 रन बनाये, जिसमें 19 शतक और 77 अर्धशतकीय पारी शामिल थी। सनथ जयसूर्या (श्रीलंका) सनथ जयसूर्या को उनकी बेख़ौफ़ बल्लेबाजी के लिए जाना जाता था। वह सलामी बल्लेबाज के रूप में मैदान में उतरते थे और शुरुआत से ही उनका काम गेंदबाजों की पिटाई करना होता था। शुरुआत अच्छी होने के साथ ही उनमे बड़े स्कोर बनाने की भी काबिलियत भी थी। उनके आंकड़े उनकी बल्लेबाजी के अनुरूप भले ही न हो लेकिन उनकी बल्लेबाजी के तरीके को सभी दर्शक पसंद करते थे। सनथ जयसूर्या ने 445 वनडे मैच खेलते हुए 28 शतक और 68 अर्धशतक की बदौलत 13430 रन बनाये। उनका स्ट्राइक रेट 90 से ऊपर का रहा, जो वनडे क्रिकेट में 10 हज़ार से अधिक रन बनाते हुए किसी बल्लेबाज का नहीं है। रिकी पोंटिग (ऑस्ट्रेलिया) 21 साल की उम्र में ऑस्ट्रेलिया के लिए पहला मैच खेलने वाले रिकी पोंटिंग ने 3 विश्व कप एक ख़िलाड़ी के रूप में और 2 विश्व कप एक कप्तान के रूप में जीता और यह रिकॉर्ड उन्हीं के नाम है। टेस्ट क्रिकेट के साथ वह वनडे क्रिकेट में भी बहुत आक्रामक बल्लेबाज थे। 2003 विश्वकप के फ़ाइनल मुकाबले में शतकीय पारी खेल, उन्होंने अपनी टीम को लगातार दूसरी बार चैंपियन बनाया और फिर 2007 विश्व कप जीत कर वह एक कप्तान के तौर पर दो विश्व कप जीतने वाले पहले ख़िलाड़ी बने। रिकी पोंटिंग ने अपने वनडे करियर में 13704 रन बनाये, जिसमें 30 शतक के साथ 42.03 का बेहतरीन औसत भी था। उन्होंने यह आंकड़े 375 वनडे खेलते हुए हासिल किये। कुमार संगकारा (श्रीलंका) पिछले एक दशक से श्रीलंकाई क्रिकेट के मजबूत स्तम्भ के रूप में कुमार संगकारा की पहचान हुई। विश्व कप 2015 में उन्होंने लगातार 4 शतक जड़कर एक इतिहास रच दिया था। कुमार संगकारा ने दो साल पहले क्रिकेट को अलविदा कह दिया लेकिन उनका बल्लेबाजी में प्रदर्शन अब भी बेहतरीन नजर आता है। उन्होंने वनडे और टेस्ट में श्रीलंका की तरफ से सबसे अधिक रन बनाये। उन्होंने अपने वनडे करियर के आखिरी 14 शतक केवल 4 साल में लगाये। संगकारा ने 404 मैच खेलते हुए तक़रीबन 42 के औसत से 14234 रन बनाये, जिसमें 25 शतक और 93 अर्धशतक शामिल थे। सचिन तेंदुलकर (भारत) वनडे क्रिकेट के सबसे महान ख़िलाड़ी सचिन तेंदुलकर ने अपने क्रिकेटिंग करियर में जो मुकाम हासिल किये, शायद ही कोई ख़िलाड़ी हासिल करने के बारे में सोच पाए। वनडे क्रिकेट का लगभग हर बल्लेबाजी रिकॉर्ड उनके नाम दर्ज है। वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन, शतक, अर्धशतक, सबसे पहले 200 रन बनाने का रिकॉर्ड और भी बहुत सारे कीर्तिमान इस महान ख़िलाड़ी के नाम हैं। सचिन ने भारत के लिए 24 साल तक क्रिकेट खेला, जिसमें उन्होंने 463 वनडे मैचों में शिरकत की और 18426 रन बनाये। वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा 49 शतक और 96 अर्धशतक भी लगाये। सचिन का वनडे औसत 45 और स्ट्राइक रेट 87 के करीब का रहा।