क्रिकेट पहले छड़ी और बॉल का खेल था। पर बाद में छड़ी बल्ले में बदल गई। दा मार्लीबोर्न क्रिकेट क्लब को 1800 में बनाया गया था और यहीं से ही क्रिकेट के नियम बने। वाइड बॉल, लेग बिफोर विकेट और बाकी सारे नियम यहीं बनाए गए थे। सबसे पहले क्रिकेट ब्रिटिश कॉलोनी ने फैला, जहां इंग्लैंड का राज हुआ करता था। बाद में यह और देशों में भी फैल गया। पहला टेस्ट मैच 1877 में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया था। 1970 में साउथ अफ्रीका पर क्रिकेट में प्रतिबंद लग गया था। और 1971 में पहला एकदिवसीय मैच खेला गया था। हम आपके लिए लाए हैं क्रिकेट के इतिहास से अब तक बने सात वो रिकॉर्ड जो शायद ही टूट पाएंगे।
#7 रिकी पोंटिंग की 108 टेस्ट जीत
रिकी पोंटिंग ने खिलाड़ी रहते हुए, 108 टेस्ट जीत देखी हैं। पोंटिंग उस ऑस्ट्रेलियन टीम का हिस्सा भी थे, जिसे आजतक की सबसे खतरनाक ऑस्ट्रेलियन साइड माना जाता है। हालांकि पोंटिंग के पास एक अच्छी टीम थी, लेकिन पोंटिंग ने इसको अच्छी तरह से भी संभाला। उनके हुक शॉट से भी विरोधियों को काफी नुकसान होता था। उनकी टीम एक समय टेस्ट की सबसे खतरनाक टीम थी। उनके पास ब्रेट ली, जेसन गिलस्पी, शेन वॉर्न, और ग्लेन मैक्ग्रा जैसे बॉलर थे। और मेथ्यु हेडन, जस्टिन लेंगर, माइकल क्लार्क, और एडम गिलक्रिस्ट जैसे बल्लेबाज़ भी थे।
#6 सर जैक होब्स के 199 शतक
शतक बनाना काफी मुश्किल होता है, या फिर टेस्ट की दोनों पारियों में शतक बनाना तो और भी मुश्किल होता है, पर महान खिलाड़ी जैक होब्स ने फस्ट क्लास क्रिकेट में 199 शतक बनाए हैं। उन्होने इंग्लैंड के लिए 18 टेस्ट शतक भी बनाए हैं। वो अपनी लंबी-लंबी साझेदारी के लिए भी जाने जाते हैं। उन्होने टेस्ट मैच में 38 बार ओपनिंग भी करी है।
#5 विलफ़्रेड रोड्स का 52 साल की उम्र में रिटायर होना
आजकल के क्रिकेट में जहां फील्डिंग एक महत्वपुर्ण भाग है और 40 से ऊपर लोगों को कम ही चुना जाता है। क्या 52 साल तक भी कोई खेल सकता है, इसका जवाब है हाँ। विलफ़्रेड रोड्स अब तक सबसे ज़्यादा उम्र में रिटायर होने वाले खिलाड़ियों की सूची में सबसे ऊपर हैं। अगर आपको सचिन का करियर लंबा लगता है, तो रोड्स का करियर उससे भी बड़ा था। उनका क्रिकेट करियर 30 सालों तक चला। इतनी उम्र तक क्रिकेट खेलना काफी मुश्किल होता है, और 52 साल तक अपनी फिटनेस बनाए रखना भी काफी मुश्किल है।
#4 ग्राहम गूच के एक टेस्ट मैच में बनाए 456 रन
1990 में भारतीय टीम 4 सालों बाद लॉर्ड्स के मैदान पर क्रिकेट खेल रही थी। यह एक धूप वाला दिन था, और भारत टॉस जीता था। पर भारत ने पहले बॉलिंग करने का काफी अजीब फैसला किया। दो दिन बाद गूच पिच पर ही थे। उन्होने 333 रन बना लिए थे, उन्होने इसके बाद इस स्कोर को अगली परी में 456 में बदल दिया। उनका यह रिकॉर्ड आज तक नहीं टूटा है। उसके बाद संगकारा ने एक मैच में 424 रन बनाए हैं।
#3 सचिन तेंदुलकर के 100 इंटरनेशनल शतक
इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर हैं सचिन तेंदुलकर। काफी लोग कहेंगे की उनको इस लिस्ट में थोड़ा उपर होना चाहिए, पर हमारे हिसाब से टॉप-2 रिकॉर्ड को तोड़ना काफी मुश्किल होगा, क्योंकि आजकल बल्लेबाज़ ही खेल को डोमिनेट करते हैं। यह रिकॉर्ड भी कहीं से आसान नहीं है। सचिन ने जितने मैच खेले हैं और उसमें जीतने शतक लगाए हैं, ऐसा करना किसी के लिए भी सपना ही होगा। पर सचिन ने ऐसा कर के दिखा दिया है। यह रिकॉर्ड शायद ही आगे टूट सके।
#2 जिम लेकर के एक मैच में 19 विकेट
सन 1956, जब इंग्लैंड को आखिरकार अपने सबसे बड़े विरोधी ऑस्ट्रेलिया पर बढ़त मिली। जिम लेकर ने अपनी ऑफ-स्पिन से बल्लेबाजों को परेशान कर दिया था। औज़ीज़ को स्पिन के खिलाफ हमेशा से ही कमजोर माना जाता है। जिम लेकर ने भी इसका भली-भांति फायदा उठाया, और उन्होने एक पारी में ऑस्ट्रेलिया के सभी 10 विकेट अपने नाम किए। वो यहीं नहीं रुके और उन्होने दूसरी पारी में 9 विकेट लिए। एक मैच में 19 विकेट लेना लगभग नामुमकिन है।
#1 सर डॉन ब्रेडमैन का टेस्ट में 99.94 का औसत
सबसे उपर हैं सर डॉन ब्रेडमैन। सबको इस नाम का पता है। उनको हमेशा सबसे ज़्यादा टेस्ट औसत वाले बल्लेबाज़ के रूप में जाना जाएगा। उन्होने 52 टेस्ट में 99.94 के औसत से रन बनाए हैं। यह एक ऐसा रिकॉर्ड है जिसके आस-पास आज तक कोई नहीं आ सका है। अगर वो अपने आखिरी मैच में एक चौक्का मार देते तो आज उनका औसत 100 का होता, पर ऐसा नहीं हो सका। हालांकि उन्होने अपने ज़्यादातर मैच इंग्लैंड के खिलाफ ही खेले थे, पर इसके लिए आप उन्हे दोषी नहीं ठहरा सकते हैं। वो काफी अच्छे बल्लेबाज़ थे। जब वो अपनी टीम में खेलते थे तो उनकी टीम काफी मजबूत थी। लेखक- विक्रम एन, अनुवादक- नितीश उनियाल