माइकल क्लार्क अपने पहले टेस्ट मैच में ही सुर्खियों में आ गये, जब उन्होंने अपनी पहली पारी भारत के खिलाफ भारत में ही खेली और निश्चित रूप से किसी भी बल्लेबाज के लिए यहाँ पर डेब्यू करना कोई मजाक नहीं है। क्लार्क ने शतक बनाकर पहले ही मैच में शानदार प्रदर्शन किया।
क्लार्क एक प्रतिभाशाली दाएं हाथ वाले बल्लेबाज़ थे, जो कवर में विशेष रूप से मजबूत थे। वह स्पिन खेलने में भी माहिर थे। उन्होंने कई पुरस्कार जीते जिनमें से सर गैरी सोबर्स ट्रॉफी, विज्डन लीडिंग क्रिकेटर ऑफ द ईयर और विज्डन क्रिकेटर ऑफ दी इयर कुछ अहम हैं। क्लार्क ने कई सालों तक ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी भी की।
12 शानदार वर्षों के ऑस्ट्रेलिया करियर में 115 टेस्ट और 245 एकदिवसीय मैच खेले। उन्होंने 49.10 के शानदार औसत से टेस्ट मैचों में 8643 रन बनाए और टेस्ट मैचों में ऑस्ट्रेलिया के चौथे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं, क्लार्क ने 28 शतक और 27 अर्धशतकों के साथ भारत के खिलाफ 329 * का सर्वश्रेष्ठ भी अपने नाम दर्ज़ किया है।