#8. भारत में घरेलू क्रिकेट में सुधार

अगर कोहली और बुमराह की माने तो, “भारतीय घरेलू क्रिकेट का स्तर दुनिया में सबसे अच्छा है”। मौजूदा सत्र में, 9 नई टीमों को शामिल किया गया है। इससे खिलाडियों को अलग-अलग टीमों के किए प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा।
खिलाड़ियों का घरेलू स्तर से अंतरराष्ट्रीय स्तर के अनुकूल होना...
पहले की तुलना में अभी, घरेलू क्रिकेट के साथ-साथ आईपीएल ने भी युवा खिलाडियों के स्तर को बढ़ाने में और उनको अंतरराष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी बनाने में अहम भूमिका निभाई है। रणजी ट्रॉफी में कुछ ही महीने और आईपीएल में लगातार खेलने के कारण भारत में विश्वस्तरीय खिलाड़ीयों की पूरी फौज़ खड़ी हो गई है। अंडर-19 स्तर से, पृथ्वी शॉ और शुभमन गिल जैसे खिलाडियों की कतार भी लंबी होती जा रही है।
सोशल मीडिया की भूमिका
वर्त्तमान में, सोशल नेटवर्किंग साइट के कारण खिलाड़ियों और प्रशंसकों के बीच दुरी कम हो गई है। खिलाडियों के साथ उनके प्रशंसक अपने विचार को खुल के साझा करते है। कई खिलाड़ी सोशल मीडिया पर इस कदर जुड़ जाते हैं, कि खास और आम की मर्यादाए भूल जाते हैं ।
संक्षेप में, पिछले 10 वर्षों में भारतीय क्रिकेट में ये बदलाव आकांक्षाओं से परे है। इन बदलाव में अधिकांश में खेल और खिलाड़ियों पर एक अच्छा प्रभाव पड़ा है। कोई भी, ये जरूर कह सकता है की इन 10 वर्षों में भारतीय क्रिकेट ने जबरदस्त सफलता हासिल किया है। इस ’10 ईयर चैलेंज’ के तहत हमे क्रिकेट में बहुत बदलाव देखने को मिले है।