आईपीएल 2012, ड्वेन ब्रावो-चेन्नई सुपर किंग्स

आईपीएल 2012 में केकेआर ने पहली बार खिताब जीता था और ड्वेन ब्रावो ने उस सीजन की आखिरी गेंद फेंकी थी। फाइनल मुकाबले में केकेआर ने चेन्नई सुपर किंग्स को हराया था। सीएसके ने पहले खेलते हुए 3 विकेट पर 190 रन बनाए और केकेआर ने इस लक्ष्य को हासिल कर लिया था।
आखिरी ओवर में केकेआर को जीत के लिए 9 रन चाहिए थे और गेंद ड्वेन ब्रावो के हाथ में थी। लेकिन मनोज तिवारी ने तीसरी और चौथी गेंद पर लगातार बाउंड्री लगाकर अपनी टीम को आईपीएल चैंपियन बना दिया।
आईपीएल 2011, सुरेश रैना-चेन्नई सुपर किंग्स

आईपीएल 2011 में चेन्नई सुपर किंग्स ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को हराकर खिताब जीता था और सुरेश रैना ने आखिरी गेंद डाली थी। आरसीबी को आखिरी ओवर में जीत के लिए 73 रन चाहिए थे, इसीलिए धोनी ने गेंदबाजी रैना को सौंप दी थी। रैना के उस ओवर में 2 छक्के जरुर लगे लेकिन टीम ने 58 रनों से मैच जीत लिया।
आईपीएल 2010, डग बोलिंजर- चेन्नई सुपर किंग्स

आईपीएल 2010 के फाइनल में चेन्नई ने मुंबई को हराकर खिताब जीता था और आखिरी गेंद उस सीजन के डग बोलिंजर ने फेंकी थी। चेन्नई ने 169 रनों का टार्गेट मुंबई के सामने रखा था। आखिरी ओवर में मुंबई को जीत के लिए 27 रन चाहिए थे और गेंद डग बोलिंजर के हाथों में थी। उन्होंने उस ओवर में सिर्फ 4 रन दिए और चेन्नई को पहली बार चैंपियन बना दिया।
आईपीएल 2009, आरपी सिंह-डेक्कन चार्जर्स हैदराबाद

आईपीएल के दूसरे सीजन की आखिरी गेंद आरपी सिंह ने फेंकी थी। आखिरी ओवर में आरपी सिंह को 15 रन डिफेंड करने थे और आरसीबी की टीम सिर्फ 8 ही रन बना पाई थी।
आईपीएल 2008, लक्ष्मीपति बालाजी-चेन्नई सुपर किंग्स

आईपीएल के पहले सीजन की आखिरी गेंद लक्ष्मीपति बालाजी ने फेंकी थी। चेन्नई ने पहले खेलते हुए 5 विकेट पर 163 रन बनाए। जवाब में राजस्थान रॉयल्स ने भी लक्ष्य का बखूबी पीछा किया और उन्हें आखिरी ओवर में जीत के लिए सिर्फ 8 रन की दरकार थी।
धोनी ने गेंदबाजी की जिम्मेदारी लक्ष्मीपति बालाजी के हाथ में सौंपी। सोहेल तनवीर और शेन वॉर्न ने पहली 5 गेंद पर 7 रन बनाए और आखिरी गेंद पर उन्हें सिर्फ 1 रन चाहिए थे। तनवीर ने मिड ऑन पर खेलकर 1 रन चुरा लिया और आईपीएल को उसका पहला चैंपियन मिल गया।