#8. रोजर बिन्नी:
रोजर बिन्नी में वर्ल्ड कप 1983 के फाइनल में किफायती गेंदबाजी करते हुए 10 ओवरों में 23 रन देकर मात्र एक विकेट चटकाए थे। वे इस टूर्नामेंट में भारत की ओर से सबसे सफल गेंदबाज थे। उन्होंने इस टूर्नामेंट में कुल 18 विकेट हासिल किए थे।
रोजर बिन्नी साल 2007 में बंगाल के कोच बनने से पहले कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन के प्रशासक बने थे। इसके बाद वे 27 सितंबर, 2012 को भारतीय टीम के मुख्य चयनकर्ता बने। अभी वे कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन से जुड़े हुए हैं।
#7. कीर्ति आजाद:
कीर्ति आजाद फाइनल मैच में शून्य पर पवेलियन लौट गए थे। उनके पिता भागवत झा आज़ाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री थे। पेशेवर क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद उन्होंने भी राजनीति में कदम रखा। वे दिल्ली के गोल मार्केट से विधायक भी रह चुके हैं। साल 2014 में वे बीजेपी से दरभंगा सीट पर चुनाव लड़कर लोकसभा सांसद भी बने। साल 2019 में वे कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर लोकसभा चुनाव लड़े और हार गए।
#6. संदीप पाटिल:
संदीप पाटिल ने वर्ल्ड कप 1983 के फाइनल में 27 रनों की पारी खेली थी। संन्यास लेने के बाद संदीप पाटिल ने केन्या टीम के कोच पद का जिम्मा संभाला। उनके कार्यकाल में ही केन्या वर्ल्ड कप 2003 के सेमीफाइनल तक पहुंची थी। वे साल 2012 से 2016 तक बीसीसीआई के चयन समिति के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
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