कोई भी खिलाड़ी जब क्रिकेट खेलना शुरु करता है तो उसकी सबसे बड़ी ख्वाहिश यही होती है कि वो एक दिन अपने देश का प्रतिनिधित्व करे। इनमें से कुछ खुशनसीब खिलाड़ियों को ये मौका मिल जाता है लेकिन कुछ प्लेयर्स को ये मौका नहीं मिलता है।
फैंस अपने पसंदीदा खिलाड़ियों को हमेशा खेलते हुए देखना चाहते हैं लेकिन एक ना एक दिन इन दिग्गजों को भी संन्यास लेना पड़ता है और जब ये क्रिकेट को अलविदा कहते हैं तो वो पल फैंस और क्रिकेटर्स दोनों के लिए काफी इमोशनल होता है। हम आपको भारतीय टीम के उन 2 कप्तानों के बारे में बताएंगे जिन्होंने अपने करियर में कई रिकॉर्ड बनाए लेकिन एक दिन उन्हें भी संन्यास लेना पड़ा। हालांकि उनका जो आखिरी मुकाबला रहा, वो काफी यादगार रहा।
दो पूर्व भारतीय कप्तान जिनका आखिरी मैच काफी यादगार रहा
2.सौरव गांगुली
सौरव गांगुली ने 6 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नागपुर में एम एस धोनी की कप्तानी में अपना आखिरी टेस्ट मुकाबला खेला था। उस वक्त गांगुली के सम्मान में धोनी ने उनको आखिर के कुछ ओवरों में कप्तानी करने के लिए कहा और गांगुली ने भी उनका पूरा मान रखा।
सौरव गांगुली ने अपने आखिरी मुकाबले में 85 रन बनाए और भारत ने ऑस्ट्रेलिया से वो मैच 172 रनों से जीता। मैच के बाद पूरी टीम ने अपने फेवरिट कप्तान को कंधों पर बैठा लिया और उस सम्मान के साथ उनको विदाई दी, जो सम्मान गांगुली ने भारतीय टीम को इतने सालों तक दिलाया था। वाकई में कह सकते हैं कि सौरव गांगुली के उस विदाई टेस्ट मैच को हमेशा याद रखा जाएगा।
1.सचिन तेंदुलकर
24 साल तक भारत की उम्मीदों का बोझ उठाने वाले सचिन तेंदुलकर ने जब अपना आखिरी मैच खेला तो हर किसी की आंखें नम थीं। 14 नवंबर 2013 को वानखेड़े स्टेडियम में सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर का आखिरी अंतर्राष्ट्रीय मुकाबला खेला। मैच के बाद जब वो फेयरवेल स्पीच देने लगे तो सचिन समेत स्टेडियम में मौजूद दर्शकों और टीवी पर देख रहे हर एक क्रिकेट फैंस की आंखों से आंसू निकल रहे थे।
उनके फेयरवेल मैच के दौरान सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ समेत कई दिग्गज स्टेडियम में मौजूद रहे। यही वजह रही कि उनका ये फेयरवेल मैच काफी यादगार बन गया। सचिन तेंदुलकर का ये मैच सालों तक याद रखा जाएगा।