कई क्रिकेटर ऐसे रहे हैं जो अपनी टीम के अहम खिलाड़ी रहे हैं और लगातार अपने प्रदर्शन से सभी का दिल जीतते आए हैं। उनके अनुभव में कोई कभी नहीं रही है, लेकिन वो कभी अपनी राष्ट्रीय टीम के कप्तान नहीं बनाए गए। पूरा अंतरराष्ट्रीय करियर बीतने के बाद भी उन्हें अपने टीम को लीड करने की ख़ुशकिस्मती हासिल नहीं हुई।
भारतीय टीम की अगर बात करें तो सौरव गांगुली और एम एस धोनी अभी तक सबसे सफल कप्तान साबित हुए हैं। सौरव गांगुली ने जहां भारतीय टीम को विदेशों में जीतना सिखाया, वहीं एम एस धोनी आईसीसी की तीनों ट्रॉफी जीतने वाले पहले कप्तान हैं। मौजूदा कप्तान विराट कोहली भी जबरदस्त तरीके से कप्तानी कर रहे हैं। कप्तान के तौर पर वो सबसे ज्यादा टेस्ट मैच जीतने वाले खिलाड़ी हैं।
आमतौर पर टीम के बेहतरीन प्लेयर को कप्तान बनाया जाता है लेकिन भारतीय टीम में कई ऐसे महान क्रिकेटर रहे हैं जिन्हें कप्तानी का मौका नहीं मिला। हम आपको इस आर्टिकल में ऐसे ही 2 दिग्गज खिलाड़ियों के बारे में बताएंगे जिन्हें भारतीय वनडे टीम की कप्तानी करने का मौका नहीं मिला।
भारत की वनडे टीम के 2 जबरदस्त खिलाड़ी जिन्हें कभी कप्तानी का मौका नहीं मिला
1.हरभजन सिंह
हरभजन सिंह जिन्हें प्यार से ‘भज्जी’ भी बुलाया जाता है, उन्होंने टीम इंडिया के लिए कुल 236 मैच खेले हैं। वो भारत के सबसे कामयाब ऑफ़ स्पिनर हैं और वनडे में 269 विकेट हासिल किए हैं। साल 2011 के वर्ल्ड कप के दौरान वो टीम इंडिया का हिस्सा थे। इसके अलावा कई मौकों पर उन्होंने भारत को जीत दिलाने में मदद की।
वो टीम इंडिया के साथ लंबे वक़्त तक जुड़े रहे और लगातार अच्छा प्रदर्शन करते रहे। इसके बावजूद वो कभी भारतीय टीम के कप्तान नहीं बन पाए। हांलाकि ऐसा नहीं है कि भज्जी ने कभी किसी टीम के लिए कप्तानी ना की हो। उन्होंने आईपीएल में मुंबई इंडियंस टीम को लीड किया और साल 2011 में उन्होंने मुंबई को चैंपियंस लीग टी-20 का ख़िताब दिलाया।
2.युवराज सिंह
युवराज सिंह कभी भी टीम इंडिया के कप्तान नहीं बन पाए। युवी ने साल 2000 में आईसीसी नॉक आउट टूर्नामेंट (आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी) से अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी। उस वक़्त टीम इंडिया के कप्तान सौरव गांगुली थे। इसके अलावा साल 2007 की आईसीसी वर्ल्ड टी-20 में भी युवराज सिंह ने एक चैंपियन की भूमिका निभाई। युवराज सिंह ने 2011 के वर्ल्ड कप में भी जबरदस्त प्रदर्शन किया था और मैन ऑफ द टूर्नामेंट चुने गए थे।
2007 के आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप में टीम इंडिया ने बेहद ख़राब प्रदर्शन किया था, जिसकी वजह से राहुल द्रविड़ को कप्तानी से हाथ धोना पड़ा था। इसके बाद बीसीसीआई ने महेंद्र सिंह धोनी पर भरोसा जताया और युवी को उप-कप्तानी सौंप दी। युवराज सिंह ने 304 वनडे मैच खेले, लेकिन उन्हें टीम इंडिया की कप्तानी का मौका कभी नहीं मिला। हांलाकि युवी ने आईपीएल में पंजाब किंग्स और पुणे वॉरियर्स इंडिया की कप्तानी की थी।