साल 2008 अंडर-19 वर्ल्डकप जीतने वाली भारतीय टीम: आजकल कहाँ हैं सभी खिलाड़ी?

सौरभ तिवारी

सौरभ तिवारी साल 2008 के अंडर-19 वर्ल्ड कप में अपने प्रदर्शन के दम पर प्रतिभाशली खिलाड़ी के रूप में सामने आये थे। लेकिन वह खराब फॉर्म की वजह से खुद को बड़े स्तर पर साबित नहीं कर सके। हालांकि उन्होंने आईपीएल में मुंबई की तरफ से 2010 में शानदार खेल दिखाया था। जिसके बाद उन्हें टीम इंडिया में शामिल किया गया था। जहां उन्होंने तीन मैच में से 2 पारियों में 49 रन बिना आउट हुए बनाये थे। हालांकि उसके बाद उन्हें टीम में दोबारा मौका नहीं मिला। मौजूदा वक्त में वह झारखंड टीम के कप्तान हैं। लेकिन उन्हें राइजिंग पुणे ने आईपीएल 2017 की नीलामी के लिए रिलीज़ कर दिया है। इक़बाल अब्दुल्ला अंडर 19 वर्ल्डकप में इक़बाल अब्दुला भारत के बेहतरीन गेंदबाज़ थे। उन्होंने 13 के औसत से 10 विकेट लिए ते। मुंबई रणजी टीम के नियमित सदस्य रहे अब्दुल्ला इस साल केरल की तरफ से खेले हैं। आईपीएल में अब्दुला केकेआर की तरफ से लम्बे समय तक खेले हैं उसके बाद वह आरसीबी में गये। जहां वह टीम के नियमित सदस्य रहे हैं। प्रदीप संगवान साल 2008 के वर्ल्डकप में प्रदीप सांगवान एकमात्र भारतीय गेंदबाज़ थे, जिन्होंने टूर्नामेंट में 5 विकेट लिए थे। जिसको देखते हुए आईपीएल 2008 में दिल्ली डेयरडेविल्स ने विराट की जगह उन्हें खरीदा था। वह दिल्ली टीम के नियमित सदस्य रहे हैं। आईपीएल में वह दिल्ली, कोलकाता और गुजरात लायंस के लिए खेल चुके हैं। साल 2013 के आईपीएल में उनके ड्रग के आरोप में 18 महीने का बैन झेलना पड़ा था। हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ वार्मअप मैच में वह भारत ए में शामिल किये गये थे। सिद्धार्थ कौल सिद्धार्थ कौल घरेलू स्तर पर पंजाब के लिए खेलते हुए खूब विकेट ले चुके हैं। उन्होंने अंडर 19 वर्ल्डकप में 5 मैचों में 10 विकेट लिए थे। उनके अंदर राष्ट्रीय टीम में खेलने की क्षमता है। हालांकि उन्हें चयनकर्ताओं ने तवज्जो नहीं दिया है। यद्यपि वह पंजाब के लिए लगातार खेलते रहे हैं। आईपीएल में दिल्ली, पंजाब और हैदराबाद फ्रैंचाइज़ी के लिए वह खेल चुके हैं। अजितेश अर्गल साल 2008 वर्ल्डकप में भारतीय जीत की चाभी थे अजितेश उन्होंने फाइनल मैच में 7 रन देकर 2 विकेट लिए थे। जिनमें रिली रोस्सो और पीटर मलन शामिल थे। लेकिन 9 साल के दरम्यान फाइनल मैच का प्लेयर ऑफ़ द मैच अजितेश बड़ौदा की तरफ अभी तक मात्र 19 प्रथम श्रेणी मैच ही खेल पाया है। मौजूदा समय में वह वड़ोदरा में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में हैं। डी शिवकुमार अभिनव मुकुंद की तरह ही डी शिवकुमार मौके की कमी के चलते ही अंडर 19 वर्ल्डकप में एक भी मैच में नहीं खेले थे। मौजूदा समय में वह आन्ध्र प्रदेश के नियमित सदस्य हैं। 42 प्रथम श्रेणी मुकाबलों में उनके नाम 133 विकेट हैं। पेरी गोयल पेरी गोयल विश्वकप विजेता टीम के तीसरे ऐसे खिलाड़ी थे, जिन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नही मिला था। उसके बाद वह अपनी घरेलू टीम पंजाब की तरफ से भी नहीं खेल पाए। जिसके बाद उन्होंने अपना करियर मैनेजमेंट में बना लिया। मौजूदा समय में वह रियल एस्टेट कंपनी आरएसजी ग्रुप के डायरेक्टर हैं। नेपोलियन आइंस्टीन अपने नाम की वजह से ये क्रिकेटर चर्चा का विषय बन गया था। अपने नाम की सच्चाई वह कुछ इस तरह बताते हैं, “मेरे दादा वैज्ञानिक थे। उन्होंने अल्बर्ट आइंस्टीन को चिठ्ठी लिखी थी। जिसका जवाब भी आया था। मेरी माँ भौतिक विज्ञान की अध्यापिका थीं। इसलिए मेरा नाम आइंस्टीन पड़ा। मेरे पापा का नाम नेपोलियन था। क्योंकि हम भगवान में भरोसा नहीं रखते हैं, इसलिए हमने कृष्ण और राम के बजाय महान नेपोलियन को अपने नाम के साथ जोड़ लिया।” नेपोलियन ने साल 2008 के बाद से सिर्फ तीन मैचों में तमिलनाडु की तरफ से खेले थे। साल 2014 में उन्होंने अपना आखिरी मैच खेला था। तमिलनाडु क्रिकेट को फॉलो करने वाले लोगों से पूछने पर पता चला की वह आजकल कहाँ हैं इसकी जानकारी उन्हें नहीं है।